चिदम्बरम बोल रहे अब्दुल्ला की भाषा…अमर ने कहा…हर बात के लिए सहमति की जरूरत नहीं…370 को लेकर बेसुर कांग्रेस

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर्—कभी कभी हर बात के लिए सहमति की जरूरत नहीं होती है। सरकार को लगता है कि यह निर्णय देश हित में है…तो उस पर निर्णय लेना अधिकार है। आपरेशन ब्लू स्टार में तात्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा  गांधी भी राष्ट्रहित के लिए ऐसा ही कुछ कदम उठाया था। जम्मू कश्मीर मामले में ऐसा ही कुछ निर्णय लिया गया है। धारा 370 और 35 ए…गैर संवैधानिक प्रक्रिया के तहत जोड़ा गया था। संविधान में प्रदत्त शक्तियों के माध्यम से ही दोनो धाराओं को बाहर किया गया है। पत्रकार वार्ता में अमर ने कहा कि चिदम्बरम अब्दुला की भाषा बोल रहे है। खुद कांग्रेस धारा 370 को एक लेकर एक नही है। सत्तर साल बाद भारत एक राष्ट्रस्वरूप में आया है। हम जान देकर पाक अधिकृत आज नहीं तो कल हासिल कर ही लेंगे।

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                                    धारा 370 और 35 ए मामले को लेकर आज अमर अ्ग्रवाल ने भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत की। अमर अग्रवाल ने बताया कि पार्टी गठन के समय से ही धारा 370 और 35 ए भारतीय जनता पार्टी का मुद्दा रहा है। डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अपने प्राण की आहूती दी। इसके बाद कश्मीर एक प्रधान,एक विधान और एक निशान का कानून लागू हुआ। वह दिन दूर नहीं जब हम पाक अधिकृत कश्मीर को भी भारत में शामिल होते देखेंगे।

                 आखिर इस धारा को लेकर भाजपा इतनी गंभी क्यों है के सवाल पर अमर ने कहा कि पहली बात तो धारा 370 और 35 ए गैर संवाधानिक है। कश्मीर में रक्षा और विदेश को छोड़कर भारत का कानून बहुत ज्यादा प्रभावित नहीं है। देश का अभिन्न हिस्सा कश्मीर और वहां के लोग मुख्यधारा से अलग थलग थे। उन्हें भी भारत सरकार की तमाम योजनाओं और लाभ का अधिकार है। चूंकि भाजपा का मुख्य मुद्दा भी है। अमितशाह और नरेन्द्र मोदी ने संवैधानिक प्रक्रिया के तहत कदम उठाते हुए कमश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बनाया। अब वहां भी जनहित की सारी योजनाएं काम करेंगी। सभी लोग मुख्यधारा में शामिल होंगे।

                          आखिर कांग्रेस का विरोध किस बात को लेकर है। क्या पहले धारा जोड़ते समय गलत हुआ या फिर हटाते समय भाजपा से गलती हुई। अमर ने कहा कि धारा 370 तात्कालीन परिस्थियों में प्रधानमंत्री नेहरू के समय जोड़ा गया। 35 ए भी बिना संवैधानिक प्रक्रिया के तहत धारा 370 का हिस्सा बनाया गया। 35 ए के तहत मौलिक अधिकारों का लाभ आम कश्मीरी को नहीं मिल रहा था। अमित शाह ने संविधान के तहत धारा 368 समेत धारा 370 में शामिल नियमों के अन्दर ही कश्मीर को दो भागाों में अलग कर केन्द्र शासित प्रदेश बनाया।

                अमर अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस धारा 370 का नहीं बल्कि प्रक्रिया का विरोध कर रही है। कांग्रेस के नेता खुद इसे लेकर अलग अलग राय रखते हैं। उनमें धारा 370 को लेकर क्या कदम उठाया जाए..इस बात पर एक मत नहीं है।

               एक सवाल के जवाब में अमर ने कहा कि कभी कभी जनमत या राय़मशविरा की जरूरत नहीं होती है । राष्ट्रहित में सरकार उचित कदम उठा सकती है। बाद में विचार विमर्श होता है। आपरेशन ब्लू स्टार के समय भी ऐसा ही हुआ।धारा 370 और 35 ए हटाते समय भी यही हुआ।

  सवाल जवाब के दौरान अमर ने बताया कि चिदम्बरम को इतिहास की जानकारी नहीं है। दरअसल चिदम्बरम अब्दुला की भाषा बोल रहे हैं। उन्हें पता होना चाहिए कि पाकिस्तान में शामिल भारत का अमहरगढ़ हिन्दु बहुल आबादी वाला क्षेत्र था। लेकिन पाकिस्तान में है। यहां भी कश्मीर शर्तों के अनुसार भारत का हिस्सा है। जम्मू हिन्दु बहुल है। लेकिन भारत का हिस्सा है। लोगों ने धारा 370 और 35 ए के बहाने अपना स्वार्थ साधा है। परिसीमन गलत किया है। आजादी के बाद भारत आए नागरिकों को अधिकार नहीं दिया गया है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। कश्मीर का विकास होगा। लोगों को रोजगार का अवसर मिलेगा। तेजी से पर्यटन और उद्योग को हवा मिलेगी।

                         अमर ने बताया कि यह गलत है कि कश्मीर में तनाव या हिंसा है। हम कश्मीर के साथ कश्मीरियत भी हासिल किए हैं। सभी लोग खुश हैं। उन्हें भी खुशी है कि धारा 370 और 35 ए…को हटाया गया। कश्मीर सच्चे मायने में भारत हिस्सा बना।

                     हरियाणा के मुख्यमंत्री के बयान पर अमर ने कहा कि खट्टर ने अपने का खण्डन किया है। गलत वीडियो वायरल किया गया है। इसके पहले गलत वीडियो वायरल को लेकर कांग्रेस के एक नेता को सजा भी हो चुकी है।

                 माना जाए कि निकाय चुनाव धारा 370 और 35 ए का उपयोग होगा। अमर ने कहा कि यह हमारा मुद्दा था। राजनीति करने का सवाल ही नहीं है। धारा धारा 370 और 35 ए को हटाना था। हमने हटा दिया।

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