चिल्हाटी धान खरीदी केन्द् में हेराफेरी..बिल्हा का धान पहुंचा मस्तूरी

BHASKAR MISHRA
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IMG-20151229-WA0004बिलासपुर– प्रयास कितना भी किया जाए लेकिन धान खरीदी केन्द्रों में भ्रष्टाचार को अंकुश लगाना नामुमकिन है। जिस जोश खरोश के साथ धान खरीदी का काम शुरू हुआ। उतने ही तेजी से धान संग्रहण केन्द्रों में हेराफेरी का काम भी शुरू हो गया है।  ताजा मामला चिल्हाटी धान खरीदी केन्द्र का है। मार्कफेड से डीओ किसी का कटा,धान किसी दूसरे की राइस मिल में पहुंच गया है। मजेदार बात तो यह है कि मस्तूरी क्षेत्र के धान खरीदी केन्द्रों में जमकर प्रशासनिक कार्रवाई भी चल रही है। बावजूद इसके शाखा प्रबंधक खुले आंख से सुरमा चुराने का काम कर रहे हैं। 200 क्विंटल पतला धान बिल्हा स्थित राइस मिल के वजाय मस्तूरी स्थित राइस मिल पहुंच गया है। पड़ताल के बाद लीपा पोती का खेल शुरू हो गया है।

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                          जानकारी के अनुसार चिल्हाटी लोहर्सी धान खरीदी केन्द्र से धान उठाव के लिए शिवशक्ति उद्योग बिल्हा के लिए मार्कफेड से 26 दिसम्बर को डीओ काटा गया। जिसका डीओ क्रमांक DO1202633400018 है। डीओ के अनुसार दो सौ क्विंटल पतला धान शिवशक्ति राइस मिल बिल्हा को देना था। लेकिन शाखा प्रबंधक झांडूराम वर्मा ने हरिओम राइस मिल मस्तूरी भेज दिया। उसने डीओ में हेरफेर करते हुए ट्रक चालक और मालिक का नाम बदल दिया। लेकिन शिवशक्ति उद्योग के नाम में बदलाव करना भूल गया।

                    शिवशक्ति मिल बिल्हा का मालिक जब दूसरे दिन 27 दिसम्बर को ट्रक लेकर धान उठाव करने चिल्हाटी संग्रहण केन्द्र पहुंचा तो झाडूराम ने धान देने से मना कर दिया। उसने बताया कि धान का उठाव हो चुका है। दुबारा  डीओ कटने के बाद ही धान का उठाव होगा। काफी हो हल्ला मचने और एफआईआर की धमकी के बाद झाडूराम वर्मा ने शिवशक्ति बिल्हा राइस मिल को अलग से 200 क्विंटल पतला धान 28 दिसम्बर को ट्रक में लोड करवाया। प्रश्न उठता है कि आखिर जिस धान को 26 तारीख को लोड किया गया वह कहां गया।क्या उसका डीओ कटा था। बहरहाल झाडूराम इसे मानवीय भूल मान रहा है।

                           मजेदार बात तो यह है कि डीओ में स्पष्ट रूप से ट्रक मालिक और चालक का नाम भी अंकित रहता है। बावजूद इसके भूल हुई कैसे। सीजीवाल को जो डीओ रसीद मिली है उसमें ट्रक मालिक और चालक का नाम हरिओम बताया गया है। बाद में त्रुटी सुधार करते हुए शाखा प्रबंधक झाड़ूराम ने शिवशक्ति राइस मिल बिल्हा में ट्रक चालक और मालिक का नाम विनय अग्रवाल का उल्लेख किया है। जाहिर सी बात है कि इसमें साजिश की बू आ रही है। डीओ में ट्रक नम्बर CG-10 A/ 8138 बताया जा रहा है। लेकिन झाड़ूराम ने धान का उठाव 015A/5009 नए नम्बर के ट्रक में किया है।क्या उसे इसकी जानकारी नहीं थी।

                   शाखा प्रबंधक झाडूराम ने बताया कि भूल से गलती हो गयी है। दरअसल दोनों जगह दो सौ क्विंटल पतला धान देना था। इसलिए बिल्हा का धान मस्तूरी चला गया।जबकि उस तारीख को हरिओम मिल के लिए डीओ काटा ही नहीं गया है।

                            सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गड़बड़ी जानबूझकर की गई है। झाडूराम वर्मा और चिल्हाटी सहकारी समिति पहले से बहुत बदनाम हैं। पूर्व में इसी प्रकार की गतिविधियों को लेकर समिति को भंग कर दिया गया था। शाखा प्रबंधक पर लाखों रूपए के गबन का आरोप था। आज तक उसकी जांच नहीं हुई है। मिली भगत और पैसों के दम पर झाडूराम ने दुबारा चिल्हाटी शाखा पर कब्जा कर लिया। पुराने मामले को जालसाजी कर दबा दिया। इस बार उसने वहीं गलती दुहराने का प्रयास किया।

            स्थानीय पत्रकार ने बताया कि झाड़ूराम अपने पैसों के दम पर कुछ भी कर सकता है। समिति भंग होने और ब्लैक लिस्टेड होने के बाद भी धन के दम पर चिल्हाटी धानसंग्रहण केन्द्र का प्रबंधक बन गया है। इतना ही नहीं उसने हाथ पांव मारकर अपने तीन भाइयों को भी सहकारी समिति का कर्मचारी बना लिया है। वह कुछ भी कर सकता है। धान की हेराफेरी इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। उसने आन लाइन डीओ में गड़बड़ी करते हुए शिवशक्ति का नाम तो नहीं काटा। लेकिन वाहन मालिक और वाहन चालक का नाम गलत डाल दिया। धान को हरिओम राइस मिल मस्तूरी भेज दिया। जबकि डीओ में तारीख ट्रक क्रमांक और डीओ नम्बर स्पष्ट रूप अंकित  है। बावजूद इसके कूट रचना कर धान की हेराफेरी करने में कामयाब हो गया ।

                        प्रश्न उठता है कि 200 क्विंटल धान जिसे हरिओम राइस मिल को दिया गया है क्या उसका डीओ कटा है। यदि कटा है तो इस प्रकार की गलती क्यों हुई। यदि नहीं कटा है तो  200 क्विंटल धान क्यों दिया गया। बहरहाल मस्तूरी क्षेत्र में धान उठाव में गड़बडी का मामला नया नहीं है। कई धान केन्दों में प्रति बोरी किसानों से आधा किलो धान कलेक्टर टैक्स के रूप में लिया जा रहा है।

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