रायपुर।राज्य में गैर-बैंकिंग कंपनियों की गैर-कानूनी गतिविधियों और अवैध लेन-देन पर लगाम लगाने जल्दी ही ‘निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम’ (Chhattisgarh Protection of Depositor’s Interest Act) लागू किया जाएगा। इसके तहत प्रदेश में कार्यरत वित्तीय कंपनियों को अपनी गतिविधियों, दस्तावेजों और जमाकर्ताओं से जमा कराई गई राशि की पूरी जानकारी संबंधित जिले के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को दो महीने के भीतर उपलब्ध कराना होगा। मुख्य सचिव विवेक ढांड की अध्यक्षता में बुधवार को मंत्रालय (महानदी भवन) में हुई गैर-बैंकिग क्षेत्र की गतिविधियों पर निगरानी के लिए बनी राज्य स्तरीय समन्वय समिति की सत्ताईसवीं बैठक में यह जानकारी दी गई। इस कानून के तहत कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को लोगों से पैसे जमा कराकर भागने या धोखाधड़ी करने वाली कंपनियों और उसके संचालकों के बैंक खाते तथा संपत्ति सीज करने का अधिकार रहेगा। इस कानून से धोखाधड़ी के मामलों में पीड़ितों को उनकी जमा राशि वापस दिलाने में पुलिस और प्रशासन को काफी मदद मिलेगी। मुख्य सचिव ने वित्त विभाग को अधिनियम की सभी औपचारिकताएं शीघ्र पूर्ण कर इसे यथाशीघ्र लागू करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव ने बैठक में गैर-बैंकिंग कंपनियों के खिलाफ दर्ज मामलों में तेजी से और कड़ी कार्रवाई करने कहा। उन्होंने रिजर्व बैंक को सभी अधिसूचित वित्तीय कंपनियों की जानकारी पुलिस महानिदेशक, सी.आई.डी., कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। बैठक में गृह विभाग के प्रमुख सचिव बी.वी.आर. सुब्रमण्यम ने फर्जी कंपनियों की जांच और उनकी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए रिजर्व बैंक, सेबी, कंपनी रजिस्ट्रार और सी.आई.डी. को बेहतर समन्वय से काम करने कहा। उन्होंने गैर-कानूनी कंपनियों पर कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए वित्तीय लेन-देन, उसके नियमन और जांच से से जुड़ी सभी सूचनाओं और जानकारियों का आपस में आदान-प्रदान नियमित रूप से करने कहा।