चुनाव आचार संहिता हटने के बाद फिर हो सकते हैं तबादले ,कई विभागों में फेरबदल के संकेत..लेकिन शिक्षा विभाग में…..

Shri Mi
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बिलासपुर।नगरीय निकाय चुनाव और उसके बाद पंचायत चुनाव की वजह से प्रदेश में आदर्श आचार सहिंता जारी थी जिसकी वजह से शासकीय कार्यो में कसावट नही आ पा रही थी और प्रदेश में खुल कर तबादले नही हो पा रहे थे। आचार सहिंता के निष्प्रभावी होते ही प्रदेश में तबादलों के लिए हलचल तेज हो गई है। सूत्रों की माने तो मुख्यमंत्री के विदेश दौरे के बाद या फिर बजट सत्र के बाद तबादलो की पोटली फिर से खुलने वाली है। नगरीय निकाय चुनाव से पूर्व प्रदेश में तबादलों की पोटली शासन ने खोली थी जिसमे द्वितीय, तृतीय वर्ग  व चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों के थोक के भाव तबादले हुए थे। जिसमे सबसे चर्चित शिक्षा कर्मीयो के तबादले थे। जिसमे उपजी खामियों की वजह से सरकार की  भारी किरकिरी हुई थी।  सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करे

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स्कूल शिक्षा विभाग के जानकारों की माने तो इस बार अगर राज्य स्तर पर तबादले हुए तो तबादलों की पोटली में शिक्षा विभाग के शिक्षको के लिए कुछ खास नही होगा। केवल कुछ ही बेहद जरुतरमन्दों पर पोटली से कुछ निकल सकता है। क्योकि प्रदेश में फिलहाल परीक्षा का दौर शुरू हो गया है। मार्च से बोर्ड परीक्षा शुरू होने वाली है। उसके बाद  घरेलू परीक्षा फिर कापियां जांचने का दौर शुरू होगा कुल मिला कर कहा जाए कि हर वर्ष की तरह आगमी तीन महीने स्कूल शिक्षा विभाग का टाइम टेबल हर वर्ष की तरह काफी व्यस्त रहेगा इस वजह से स्कूल शिक्षा विभाग में शिक्षको के तबादलो कि संभावना मुश्किल है।

वही बजट सत्र में शिक्षको के तबादले पर विपक्ष का सरकार को घेरने के लिए कई ठोस कारण मौजूद है।  जिसकी वजह से  शिक्षको का फिर से थोक के तबादला करके सत्ता पक्ष विपक्ष को  ठण्डे पड़े मुद्दे को फिर से गर्म करने का अवसर नही देना चाहता है।

खबरों की माने तो   राजस्व विभाग,  नगरीय निकाय , पुलिस विभाग में बढ़ी प्रशासनिक सर्जरी हो सकती है। जिसके संकेत चुनाव पूर्व मिल गए थे। प्रदेश के कई तहसील स्तर के अधिकारियों का तबादला होने आसार नज़र आ रहे है। इसके अलावा पंचायत व महिला बाल विकास , अबकारी विभाग में भी बड़ी प्रशासनिक सर्जरी होगी ऐसे कयास लगाए जा रहे है। हाल ही में मध्यप्रदेश में भी बढ़ी प्रशासनिक सर्जरी हुई थी।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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