बिलासपुर— सामान्य सभा की पहली बैठक में आज अभूतपूर्व हंगामा देखने को मिला। सदन में जब कांग्रेस ने अतिरिक्त मामले में चर्चा के दौरान प्रश्न उठाया तो हंगामा शुरू हो गया। कांग्रेसियों ने सदन नहीं चलने दिया। पहली ऐसा देखने को मिला कि सदन का बहिष्कार कांग्रेसियों ने किया। इसके पहले कांग्रेस पार्षद पंचराम सूर्यवंशी के सवाल का जवाब देते हुए का चाइल्ड लाइन हेल्प चौक देवकीनंदन चौक या फिर राजेन्द्रनगर चौक में से किसी एक को बनाया जायेगा। जब कांग्रेस ने इसका विरोध किया तो सदन में हंगामा मच गया। नौबत मारपीट तक पहुंच गयी। देखते ही देखते सदन में अव्यवस्था का माहौल पैदा हो गया। सुरक्षा व्यवस्था के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ।
कांग्रेस पार्षद नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि देवकीनंदन दीक्षित चौक को हम चाइल्ड लाइन हेल्प चौक करने का विरोध करते हैं। उन्होंने बताया कि देवकीनंदन बिलासपुर के महादानी कर्ण हैं। उन्होंने अपनी पूरी जमीन जायजाद बिलासपुर निगम को सौंपा है। उन्हीं की जमीन पर आधा बिलासपुर बसा है। ऐसे महादानी के नाम पर बनाया गये चौक को हम मिटने नहीं देंगे। साथ ही पार्षद अखिलेश चन्द्र वाजपेयी ने मुन्नूलाल स्कूल के संविलियन का विरोध करते हुए कहा कि देवकीनंदन चौक और मुन्नुलाल स्कूल को लेकर किसी प्रकार का समझौता हम नहीं करने वाले। यदि इनके नाम को मिटाने का प्रयास किया गया तो हम उग्र आंदोलन भी करेंगे।
मुन्नुलाल स्कूल संविलियन के विरोध में अखिलेश चन्द्र वाजपेयी ने आमरण अनशन का भी ऐलान किया है। नेता प्रतिपक्ष शेख नजरूद्दीन ने कहा कि राजेन्द्र नगर चौक भारत रत्न प्रथम राष्ट्रपति डॉ.राजेन्द्र प्रसाद की याद में बनाया गया है। जबकि देवकीनंदन चौक महादानी देवकीनंदन दीक्षित को याद दिलाता है। यदि भाजपा को हेल्प लाइन चौक बनाना ही है तो पंडित दीनदयाल उपाध्याय चौक का ही नामकरण हेल्प लाइन चौक के नाम कर दे। इस बयान के बाद सदन में जमकर हंगामा हुआ। नौबत मारपीट तक पहुंच गयी।
महापौर किशोर राय ने प्रेस से बताया कि दीनदयाल उपाध्याय के बारे में कांग्रेसियों को कुछ जानकारी नहीं है। इसलिए चौक का नामकरण बदलने की बात कह रहे हैं। जो कांग्रेसियों की घटिया मानसिकता को जाहिर करता है। उन्होंने बताया कि सदन में मारपीट नहीं हुई है। हमने चाइल्ड हेल्प लाईन चौक के लिए विकल्प रखा था जिसमें देवकीनंदन चौक, राजेन्द्रनगर चौक और कुछ अन्य चौक शामिल हैं। लेकिन कांग्रेसियों ने पूरी बात सुने बिना ही हंगामा करते हुए दीनदयाल चौक को घसीट लिया।