छजकां युवा ने किया आयोग घेरने का एलान

BHASKAR MISHRA
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PIC_Iरायपुर–युवा छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस ने आज छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग कार्यालय का घेराव किया। जोगी कार्यकर्ताओं ने प्राध्यापक भर्ती में जानबूझकर बाहरी लोगों को भर्ती किया जाने का आरोप लगाया। जोगी कांग्रेस के नेताओं ने आयोग को चेतावनी दी है कि यदि व्याख्याता परीक्षा 2015 को निरस्त नहीं किया जाता है तो उग्र आंदोलन करेंगे।

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                                   छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के नेता आज सहायक प्राध्यापक इंजीनियररिंग महाविद्यालय परीक्षा2015 को निरस्त करने की मांग की है। जोगी कांग्रेस के नेता और प्रतिभागियों ने आज पीएससी दफ्तर पहुंचकर आयोग के सचिव से लिखित शिकायत की है। सचिव के बयान के बाद युवा छजकां नेताओं में भयंकर आक्रोश है। प्रतिनिधिमंडल ने 22 अगस्त तक दोषियों के खिलाफ कार्रवाई, और परीक्षा रद्द नहीं होने पर आयोग का घेराव करने का एलान किया है।

                                    शिकायत के दौरान सचिव ने जोगी कांग्रेस और प्रतिभागियों के प्रतिनिधिमंडल से कहा कि विरोध और शिकायत चलता रहता है। इससे कुछ होने जाने वाला नहीं है। यह सामान्य प्रक्रिया है। इतने सुनते ही प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने सचिव का जमकर विरोध किया।

                                                       युवा छजकां प्रदेश अध्यक्ष विनोद तिवारी ने बताया कि सचिव के बयान से जाहिर होता है कि बाहरियों को भर्ती करने की साजिश रची जा रही है। सहायक प्रध्यापक इंजीनिरिंग के लिए 22 मई 2016 को परीक्षा का आयोजन किया गया था।  परीक्षा में 150 प्रश्न पूछे गए थे। आयोग ने इसके बाद करीब 20 फीसदी अर्थात 28 प्रश्नों को हटा दिया।  आयोग के इस कदम में षड़यंत्र की बू आरही है । इससे जाहिर होता है कि सोची समझी साजिश के तहत स्थानीय लोगों पर बाहरी लोगों को प्राथमिकता दी जा रही है।

                                       विनोद तिवारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ पीएससी अपनी इन गलतियों में सुधार नहीं करता है। 22 अगस्त तक दोषियों पर कारवाई नहीं करता है तो युवा छजकां आयोग के दफ्तर का घेराव करेगी।

तिवारी ने बताया कि आज के इस प्रतिस्पर्धा के युग में महज एक सवाल के नंबर से ही किसी का चयन होता है। उस एक सवाल केगलत जवाब की वजह से कोई प्रतिस्पर्धा से ही बाहर हो जाता है।ऐसे समय में इतने प्रश्नों को एक साथ विलोपित कर दिया जाना जरुर किसी षड़यंत्र के तहत ही संभव है। ऐसा किए जाने से परीक्षा के उम्मीदवार छात्रों के नंबरों में खासा अंतर आ सकता है।

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