छत्तीसगढ़ के आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के नाम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का खुला खत:कुपोषण दूर करने में योगदान की सराहना

Shri Mi
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मक्का, टमाटर, चना ,मुख्यमंत्री भूपेश बघेल,कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीय (सीआईआई),संसाधनों, पर्यावरण,लोहा और कोयला,रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के गांवों में काम करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के नाम एक खुला खत भेजा है । जिसमें उन्होंने कुपोषण दूर करने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के योगदान की सराहना की है । उन्होंने लिखा है कि सरकार ने कार्यकर्ताओं के मानदेय में बढ़ोतरी की है और आगे भी इस दिशा में प्रयास किया जाएगा।

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भूपेश सरकार ने 1 जुलाई से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में वृद्धि कर दी है. अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 6,500 रुपए, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 4500 रुपए मानदेय़ दिया जाएगा. सहायिकाओं को 3250 रुपए मानदेय मिलेगा.

मानदेय में वृद्धि करने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को चिट्ठी लिखकर कुपोषण दूर करने के उनके योगदान की सराहना की है. उन्होने कहा कि आप लोगों की सेवा के अनमोल को किसी तरह से तौला नहीं जा सकता. फिर भी छत्तीसगढ़ सरकार आप लोगों को सम्मानजनक प्रतिफल मिले इसके लिए प्रयासरत है.

आप लोगों के प्रयास से प्रदेश के गांवों की तस्वीर बदल रही है. बच्चे स्वस्थ और शिक्षित हो रहे हैं. महिलाओं की सामाजिक स्तर में सुधार हो रहा है. आप लोगों के मेहनत से हमारा राज्य छत्तीसगढ़ बहुत जल्द अग्रणी हो जाएगा. आप के प्रयास से बच्चे में कुपोषण की समस्या खत्म हो जाएगी. आप लोगों के प्रयास और मेहनत से मैं अभिभूत हूं.

आप लोगों के मेहनत को रुपए से तौला नहीं जा सकता. इसके बावजूद छत्तीसगढ़ सरकार का प्रयास है कि आप लोगों को सम्मानजनक प्रतिफल मिले. अभी 1 जुलाई 2019 से मानदेय में वृद्धि की है. इसके बाद भी आप लोगों की जो कठिनाई होगी उसे दूर करने का प्रयास करेंगे.

आप सभी बहिनी मेरे सरकार का अंग है. आपके प्रयास से गांव की तस्वीर बदल रही है. बलरामपुर से सुकमा जिला तक बच्चों को कुपोषण और बीमारी के रोकथाम के लिए आपका सहयोग चाहिए. मेरा आपसे निवेदन है कि आप छत्तीसगढ़ में सुपोषण का अलख जागाओ और छत्तीसगढ महतारी के बच्चों को स्वस्थ और सुपोषण बनाओ.

By Shri Mi
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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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