रायपुर(सीजीवाल)।मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि छत्तीसगढ में किसानों की स्थिति कई अन्य राज्यों की तुलना में बहुत अच्छी है। उन्हें खेती के लिए हर साल खरीफ और रबी मौसम में शून्य ब्याज दर पर ऋण सुविधा मिल रही है। कर्ज को लेकर राज्य के किसानों को किसी प्रकार की समस्या नहीं है। हमारे लगभग 90 प्रतिशत किसान अपना यह ऋण खेती के बाद समय पर वापस कर देते हैं। मुख्यमंत्री ने पश्चिम बंगाल के दो दिवसीय दौरे से लौटने के बाद यह बात कही। सीएम ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार किसानों की अपनी सरकार है। इसलिए किसानों की बेहतरी हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता में है।
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने इस वर्ष किसानों को खरीफ मौसम में 3200 करोड़ रूपए और रबी में 600 करोड़ रूपए का ब्याजमुक्त ऋण देने का लक्ष्य रखा है। खरीफ फसलों के लिए सहकारी समितियों के माध्यम से ऋण वितरण जारी है। उन्हें अल्पकालीन ऋण में खाद और बीज तथा नगद राशि भी दी जा रही है।सीएम ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार अपने किसानों के पांच हार्सपावर तक सिंचाई पम्पों को सालाना 7500 यूनिट बिजली निःशुल्क दे रही है। उन्होंने कहा-राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए सौर सुजला योजना की भी शुरूआत की है। इसके अंतर्गत अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग और सामान्य वर्ग के किसानों को नाम मात्र कीमत पर सोलर सिंचाई पम्प दिए जा रहे हैं।
डॉ सिंह ने बताया कि छत्तीसगढ़ की सहकारी समितियों में किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदने और खरीदे गए धान की सम्पूर्ण राशि के भुगतान की कम्प्यूटरीकृत व्यवस्था की गई है। प्रदेश में किसानों के लिए काफी योजनाएं हैं, योजनाओं का विस्तार भी हुआ है।
सीएम ने पश्चिम बंगाल के दौरे के अपने अनुभवों को भी साझा किया।और बोले कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मोदी सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रति बंगाल के लोगों में काफी उत्साह देखा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में बिजली की प्रतिव्यक्ति औसत वार्षिक खपत सिर्फ 670 यूनिट है, जबकि छत्तीसगढ़ में 1760 यूनिट तक पहुंच गई है। सिर्फ 16 साल पुराने छत्तीसगढ़ राज्य में बिजली की प्रतिव्यक्ति खपत बढ़ना वास्तव में नये राज्य के तेजी से हो रहे विकास की निशानी है।