छत्तीसगढ़ में संपूर्ण उद्योग – व्यवसाय जगत सभी दिन चलाने की अनुमति मिले… राजस्व भी मिलेगा और स्थानीय मज़दूरों को रोजगार भी… बकाया राशि का भुगतान तत्काल हो…… हरीश केडिया ने प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर दिए कई सुझाव

Chief Editor
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बिलासपुर । छत्तीसगढ़ लघु एवं सहायक उद्योग संघ के प्रदेश अध्यक्ष हरीश केडिया ने प्रमुख सचिव वाणिज्य एवं उद्योग विभाग को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ में भयमुक्त माहौल में संपूर्ण उद्योग व्यवसाय जगत को सभी दिन प्रारंभ करने की अनुमति देने का अनुरोध किया है । उन्होंने बिंदुवार जानकारी दी है कि किस तरह छत्तीसगढ़ में संपूर्ण उद्योग -व्यवसाय का नियमित रूप से संचालन किए जाने से स्थानीय मजदूरों को रोजगार मिल सकेगा और जीएसटी के रूप में शासन को राजस्व मिल सकेगा । साथ ही उन्होंने एमएसएमई सेक्टर के लिए कई सुझाव भी दिए हैं । जिसमें प्रमुख रूप से यह मांग की है कि केन्द्र , राज्य सरकार और छोटे – बड़े उद्योगों की बकाया राशि का भुगतान तत्काल कराया जाए।

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 हरीश केडिया ने अपने पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ के उद्योग व्यवसाय क्षेत्र ,श्रमिक वर्ग और सभी वर्ग के साथ ही छत्तीसगढ़ की जनता ने कोरोना के साथ ज़ीना सीख लिया है ।मसलन मास्क पहनना, साबुन से नियमित तौर पर हाथ धोना , फैक्ट्री परिसर ,कार्यालय में नियमित रूप से सैनिटाइजेशन ,सोशल -फिजिकल डिस्टेंस बनाए रखना और सर्दी, खांसी, बुखार की स्थिति में अस्पताल ले जाने की समझ पैदा हुई है ।  उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार को धन्यवाद दिया है कि अब 75 फ़ीसदी एमएसएमई सेक्टर में काम शुरू हो चुका है।  औसतन 50 फ़ीसदी उत्पादन भी शुरू हो गया है । अब हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि शत-प्रतिशत उद्योग – व्यवसाय में काम शुरू हो  । उत्पादन शत – प्रतिशत  से भी ज्यादा हो और छत्तीसगढ़ के सभी श्रमिक काम पर लग जाए।  पिछले 2 महीने से सिर्फ कोरोना नियंत्रण पर ध्यान था ।  अब अर्थव्यवस्था पर ज्यादा ध्यान देना जरूरी है ।

उन्होंने लिखा है कि कोरोना काल का एक फ़ायदा यह भी हुआ है कि बाहर के श्रमिक यहां पर नहीं है । जिससे हम छत्तीसगढ़ के श्रमिकों को ही प्रशिक्षित कर उन्हें कुशल काम में धीरे-धीरे लगा रहे हैं । इससे भविष्य में स्थानीय श्रमिकों को ज्यादा रोजगार मिलेगा । लाखों की संख्या में प्रवासी श्रमिकों को फिर से छत्तीसगढ़ लाया जा रहा है । उनको मनरेगा और खेतों में काम के अलावा कारखानों में भी रोजगार मिल सकेगा । अगर सरकार उद्योगों को भयमुक्त वातावरण में काम करने को प्रेरित करें तो एक लाख और श्रमिकों को छत्तीसगढ़ के उद्योग में काम मिल सकता है। इसके लिए सरकार को स्पष्ट तौर पर बताना चाहिए कि छत्तीसगढ़ के सभी श्रमिकों को काम पर लगाना है कि नहीं ….। बाहर के श्रमिक आ नहीं रहे हैं । उसके बदले छत्तीसगढ़ के श्रमिकों को ट्रेनिंग देकर काम मुहैयै कराने का भी सुनहरा अवसर हो सकता है ।  किंतु इस समय तरह-तरह के सर्कुलर आ रहे हैं।  अफवाहें भी उड़ती रहती है कि कम मजदूरों को काम पर दिया जाए ।  अगर कम मजदूरों को से काम लिया गया तो बाकी मजदूरों का पेट कौन भरेगा …. ? छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री का अधिकतम रोजगार सृजन का संकल्प ऐसे में किस तरह पूरा होगा ….?  सरकार को स्पष्ट घोषणा करना चाहिए।

 श्री केडिया ने लिखा है कि उद्योग -व्यवसाय क्षेत्र भयमुक्त वातावरण में 24 घंटे काम करें। अधिकतम उत्पादन करें और अधिक से अधिक जीएसटी सहित अन्य राजस्व जमा करें । उद्योग व्यवसाय क्षेत्र अधिकतम श्रमिकों एवं अन्य लोगों को श्रम पर रखे । आर्थिक संकट की इस घड़ी में अधिकतम लोगों को रोजगार देने का प्रयास किया जाना चाहिए । उद्योग व्यवसाय जगत से जुड़े किसी भी व्यक्ति ,स्टाफ ,कर्मचारी, श्रमिकों को परिवहन आने- जाने में परेशानी ना हो ।  परिवहन में लगे ट्रक आदि को भी किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं हो । इसी तरह देसी विदेशी निवेश को आकर्षित करने का यह उचित समय है । निवेशक ईज आफ डूइंग बिजनेस ,श्रम कानूनों में सुधार ,औद्योगिक शांति एवं भयमुक्त वातावरण ,पर्याप्त जमीन, बिजली चाहते हैं । यह सब हमारे पास है । कोरोना काल के प्रथम दो दो माह गुजर जाने के बाद अब सुगमता से उद्योग चलाने की व्यवस्था पुनः लागू की जानी चाहिए  । पंजाब ,उत्तर प्रदेश, हरियाणा सहित कई राज्यों ने 3 वर्ष के लिए अनेक श्रम कानूनों को स्थगित कर दिया है । उसका अध्ययन करके छत्तीसगढ़ सरकार को भी श्रम कानूनों में सुधार करना चाहिए । इससे अग्रणी राज्य बनने पर देसी -विदेशी निवेशक छत्तीसगढ़ राज्य में पूंजी लगाने के लिए आकर्षित होंगे ।

हरीश केडिया ने इस ओर भी ध्यान आकर्षित किया  है कि छत्तीसगढ़ के लघु उद्योगपति ( एमएसएमई सेक्टर)  मदद एवं राहत पैकेज की ढेरों मांग नहीं रखकर सिर्फ एक मांग रखना चाहते हैं कि आप केंद्र सरकार ,राज्य सरकार ,केंद्र सरकार के उपक्रम,बड़े -छोटे उद्योग- व्यवसाय ग्रुप सभी से हमारा बकाया भुगतान समयबद्ध करा दें । एक डेट लाइन फिक्स कर दें कि 30 मई तक सारा भुगतान देना ही होगा । इस स्थिति में हम सामर्थ्य वान हो जाएंगे । हम अपना पैसा मांग रहे हैं ,जिसे  देने में समर्थवान  लोगों द्वारा बहानेबाजी की जा रही है।  एमएसएमई सेक्टर में नकदी की जबरदस्त समस्या है  । बैंकों से ऋण लेकर इस क्षेत्र ने दूसरे को उधारी बेचा और अब पेमेंट नहीं मिल रहा है ।

उन्होंने लिखा है कि उद्योग व्यवसाय अच्छे से चलेगा तो जीएसटी ,इनकम टैक्स और अन्य टैक्स का भुगतान भी होगा । यदि बंद रहेगा तो यह क्षेत्र भी राहत पैकेज की मांग करेगा । श्रमिकों को अधिकतम रोजगार मिलेगा तो श्रमिक बाजार में खरीदारी करेंगे । बाजार में रौनक आएगी । उद्योग व्यवसाय क्षेत्र के उत्तम स्वास्थ्य पर ही सभी क्षेत्र का स्वास्थ्य निर्भर है । उन्होंने स्वस्थ पर्यावरण के लिए साइकिल सवारी को प्रोत्साहन करने की भी सलाह दी है।  और लिखा है कि हम जानते हैं कि को रोना के साथ जीना सीखना है । पूरी सावधानी रखना है । लेकिन न तो डरना है और ना डराना है । किस्मत से छत्तीसगढ़ राज्य की स्थिति देश में सबसे ज्यादा बेहतर है । खतरा सिर्फ बाहर के राज्यों से आने वाले लोगों से है।  जिसके लिए पर्याप्त सावधानी बरती जा रही है।  उन्होंने इन सुझावों पर अमल करते हुए भयमुक्त वातावरण में संपूर्ण उद्योग व्यवसाय को प्रारंभ करने की दिशा में ठोस पहल का अनुरोध  किया है।

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