छत्तीसगढ़ की पंचायती राज व्यवस्था सबसे ज्यादा जागरूक:डॉ.रमन सिंह

Shri Mi
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रायपुर।मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की पंचायती राज व्यवस्था सबसे ज्यादा जागरूक और सक्रिय है। पंचायतों की सक्रियता से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत छत्तीसगढ़ सबसे पहले खुले में शौच मुक्त राज्य बन रहा है। मुख्यमंत्री आज यहां विधानसभा परिसर स्थित डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी सभागार में हमर छत्तीसगढ़ योजना के अंतर्गत विधानसभा के भ्रमण पर आए धमतरी जिले के कुरूदए जांजगीर.चांपा जिले के चन्द्रपुरए कांकेर और बस्तर जिले से आए पंचायती राज संस्थाओं के जनप्रतिनिधियों को संबोधित कर रहे थे।मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायतों की सक्रियता से स्वच्छ छत्तीसगढ़ और स्वच्छ भारत की कल्पना साकार होगी।उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों को यह भी बताया कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना का लाभ पाने से बचे हुए पात्र वृद्धजनए विधवा और परित्यक्ताओं के नाम पेंशन योजना में जोड़े जाएंगे। वर्ष 2018.19 के बजट में इस योजना की घोषणा कर दी गई है।अनुमान के मुताबिक इन वर्गों के लगभग तीन लाख पात्र हितग्राहियों के नाम पेंशन योजना के लिए जोड़े जाएंगे। मुख्यमंत्री ने उन्हें विधानसभा के कार्यों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने शिवरात्रि पर्व की शुभकामनाएं भी जनप्रतिनिधियों को दी।

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विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल ने पंचायती राज जनप्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ देश में अकेला राज्य है। जहां पंचायत राज संस्थाओं के चुने हुए जनप्रतिनिधियों को राज्य सरकार द्वारा राजधानी में आमंत्रित कर उन्हें प्रदेश में हो रहे विकास कार्यों और शासन की योजनाओं की जानकारी दी जा रही है। जिससे हमारे जनप्रतिनिधि यह समझ सके कि छत्तीसगढ़ विकास के रास्ते पर कितनी तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार मुख्यमंत्री डॉण् रमन सिंह ने इस वर्ष के बजट में एक साथ 30 नए महाविद्यालय प्रारंभ करने की घोषणा की है।

उन्होंने यह भी बताया कि बजट में पंचायती राज संस्थाओं के जनप्रतिनिधियोंए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओंए मितानिनों के मानदेय में बढ़ोत्तरी की घोषणा मुख्यमंत्री ने की है।अग्रवाल ने पंचायत प्रतिनिधियों को बताया कि बजट की घोषणा से प्रदेश की लगभग 70 हजार मितानिनों के मानदेय में 400 से 1000 रूपए तक की वृद्धि होगी। त्रि.स्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के तहत जिला पंचायत अध्यक्ष का मानदेय 10 हजार रूपए से बढ़ाकर 15 हजार रूपएए जिला पंचायत सदस्यों का मानदेय चार हजार से बढ़कार छह हजार रूपएए जनपद पंचायत अध्यक्षकों का मानदेय साढ़े चार हजार रूपए से बढ़ाकर छह हजार रूपएए जनपद पंचायत उपाध्यक्षों का मानदेय 2500 से बढ़ाकर 4000 रूपए और जनपद सदस्यों का मानदेय 1200 से बढ़कार 1500 रूपए का दिया गया है। रोजगार सहायकों को कोटवारों के मानदेय में भी वृद्धि की गई है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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