प्रतियोंगियों ने मांगा चालिस का अधिकार

BHASKAR MISHRA
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pscबिलासपुर— सीजीपीएससी में आयु सीमा घटाए जाने से नाराज छत्तीसगढ़ प्रतियोगी मंच ने आज  कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम पत्र सौंपा है। प्रतियोगी छात्रों ने मुख्यमंत्री से उम्र सीमा को यथावात बनाए रखने की गुहार लगाई है। छात्रों ने कलेक्टर को बताया कि विज्ञापन में आयु सीमा को चालिस साल से पैंतिस साल किये जाने से छात्रों का भविष्य दांव पर लग गया है। जबकि मध्यप्रदेश समेत भारत के कई राज्यों में लोकसेवा आयोग ने परीक्षा में शामिल होने के लिए आयु सीमा चालिस साल बरकरार रखा है।

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                              सीजीपीएससी के खिलाफ छत्तीसगढ़ प्रतियोगी मंच के बैनर तले आज प्रतियोगी छात्रों ने लोकसेवा आयोग छत्तीसगढ़ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। छात्रों का आरोप है कि यकायक आयु किये जाने से प्रतियोगी छात्रों को गहरा झटका लगा है। यदि आयोग को आयु सीमा में संशोधन करना था तो यह निर्णय क्रमिक रूप लिया जाना था। ठीक परीक्षा के समय इस प्रकार निर्णय जाना तैयारी करने वाले छात्रों के साथ अन्याय है।

                 छात्रों ने बताया कि राज्य निर्माण के 15 वर्षों में लोक सेवा आयोग ने अब तक कुल  6 भर्ती परीक्षाओं का आयोजन किया है। इनमें  से ज्यादातर परीक्षाएं विवादों में रहीं है। कई साल तो परीक्षा ही नहीं ली गयी। छात्रों ने बताया कि अभी हाल ही में आयोग ने 352 पदों के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया है। विज्ञापन से लम्बे समय से तैयारी कर रहे छात्रों को गहरा झटका लगा है।

                  आयोग ने अपने विज्ञापन में  पिछले साल के नियमों और शर्तों में संशोधन कर परीक्षा में चालिस साल की समय सीमा को घटाकर 35 कर दिया है। जो सरकारी कामकाज कर रहे हैं उन्हें तीन साल की छूट दी गयी है।

                मुख्यमंत्री के लिखित शिकायत में छत्तीसगढ प्रतियोगी मंच के अनुसार राज्य के निवासियों के लिए अवसर की सामानता और बेरोजगारों की पीड़ा को देखते हुए  पीएससी में अधिकतम आयु सीमा यथावत यानी 40 वर्ष रहने दिया जाए। परेशान प्रतियोगियों ने बताया कि 02 दिसंबर 2015 के नियोजन में जारी छत्तीसगढ़ लोक सेवा परीक्षा के 352 पदों की भर्ती संबंधी विज्ञापन में अधिकतम आयु सीमा सामान्य वर्ग के अभ्यार्थियों के लिए घटाकर 35 वर्ष कर दिया गया है। जो छात्र पुरानी शर्तों के अनुसार तैयारी कर रहे थे उनके लिए यह निर्णय काफी आहत करने वाला है।

                    छात्रों ने बताया कि आयोग ने अभी तक सीमित संख्या में परीक्षाओं का आयोजन किया है। पूर्व में राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षा में  चयनित लोग  बेहतर पद के लिए  शासकीय-अशासकीय निगम मण्डल में कार्य करने के साथ राज्य लोक सेवा आयोग परीक्षा की तैयारी सालों से कर रहे हैं। लेकिन आयोग की हिटलरशाही ने बड़ी संख्या में प्रतियोगियों को एक ही झटके में बाहर का रास्ता दिखा दिया है।

                         प्रतियोगी छात्रों ने बताया कि मातृ राज्य मध्यप्रदेश में  लोक सेवा भर्ती परीक्षा 2015 के 358 पदों के लिए परीक्षा होने वाली है। लेकिन आयोग ने स्थानीय और बाहरी सभी राज्यों के प्रतियोगियों के लिए आयु सीमा चालिस साल रखा है। विडबंना है कि 35 वर्ष से 40 वर्ष तक की आयु के युवा राज्य के हजारों प्रतियोगी मध्यप्रदेश पीएससी की परीक्षा के लिए योग्य है लेकिन छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने अपने ही राज्य की परीक्षा में शामिल होने से राज्य के हजारों लोगों को वंचित कर दिया है।

                   मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, उत्तराखण्ड, झारखण्ड, बिहार, राजस्थान सहित अनेक राज्यों में राज्य सेवा भर्ती परीक्षा में अधिकतम आयु सीमा सभी वर्गों के लिए 40 वर्ष रखी गई है। लेकिन  छत्तीसगढ़ आयोग ने इसे बाहरी राज्यों के लिए 30 करने के साथ ही मूल निवासियों को भी आयु सीमा मे 40 वर्ष की आयु तक परीक्षा में शामिल होने वाली छूट को समाप्त कर दिया है।

                   छात्रों ने बताया कि हमने आज कलेक्टर से मिलकर मुख्यमंत्री के नाम पत्र सौंपा है।  हमने पुनः प्रतियोगी परीक्षा के तैयारी करने वाले नवनिर्मित छत्तीसगढ़ राज्य के प्रतियोगियों की समस्या को दूर कर राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षा में राज्य के सामान्य वर्ग के मूल निवासियों के लिए  40 वर्ष की आयु सीमा की मांग की है।

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