छात्र परिषद के सामने झुका प्रबंधन…छात्र नेताओं ने कहा…परमानेंट करे बैकल्पिक व्यवस्था

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर–पिछले  3 दिनों से गुरु घासीदास विश्वविद्यालय छात्र परिषद और छात्र-छात्राओं के अलावा छात्र संघ आमने सामने है। विश्वविद्यालय में जनरेटर और LED लाइट की व्यवस्था करने को लेकर छात्र लगातार विश्वविद्यालय प्रबंधन पर दबाव बना रहे हैं। आखिर में छात्र संघ के सामने प्रबंधन को झुकना पड़ा है।

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              मालूम हो कि एक मई 2018 को विश्वविद्यालय में दूसरी पाली के सेमेस्टर परीक्षा के दौरान बिजली गुल हो गई थी। बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था नही के कारण छात्रों को अंधेरे में प्रश्न-पत्र हल करना पड़ा था। छात्र संघ के साथ परीक्षार्थियों ने पूर्व अध्यक्ष सिद्धार्थ शुक्ला की अगुवाई में कुलसचिव को ज्ञापन सौंपा।

                     प्रबंधन ने आश्वासन देने के बाद भी 2 मई तक बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था नही की गई। छात्रों को फिर से अंधेरे में  परीक्षा देने को मजबूर होना पड़ा। प्रशासन की लपरवाही से परेशान  छात्र-छात्राओं ने आक्रोशित  3 मई कुलसचिव का घेराव किया। लिखित मांग पत्र देते हुए छात्र-परिषद ने विश्वविद्यालय प्रशासन की निष्क्रियता और अव्यवस्था के विरोध में मोर्चा खोल दिया। सभी परीक्षा केंद्रों में जा कर छात्र-छात्राओं को मोमबत्ती बांटा।

            सिद्धार्थ शुक्ला नेब बताया कि 4 मई 2018 को गहरी नींद से विश्वविद्यालय प्रशासन जागा। आनन-फानन में चौथे दिन बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था की गई।  मामले को लेकर छात्र-परिषद के पूर्व अध्यक्ष मेघेन्द्र शर्मा और वर्तमान अध्यक्ष उदयन शर्मा ने छात्र-कल्याण अधिष्ठाता से संपर्क किया। छात्र नेताओं ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने दो जनरेटर और 40 से 45 इमरजेंसी Led लाइट्स की व्यवस्था की है। बेहतर होगा कि इमरजेंसी लाइट्स और जनरेटर की संख्या बढ़ाई जाए।

                   विश्वविद्यालय प्रशासन से छात्र नेताओं ने कहा कि भविष्य में इस प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़े। बेहतर होगा कि विश्वविद्यालय प्रबंधन प्रमुख परीक्षा केंद्रों में परमानेंट जनरेटर की व्यवस्था करे। अधिष्ठाता छात्र-कल्याण ने छात्र-हित मे निर्णय लेने का आश्वासन दिया।

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