बिलासपुर—- बरसात सिर पर अरपा नदी के जलस्तर को बढ़ाने शासन प्रशासन स्तर पर जमकर कवायद की जा रही है। वन विभाग भी पीछे नहीं है। उद्गम स्थल से लेकर बिलासपुर तक अरपा को हरित बनाने वन विभाग ने जमकर पौध रोपण का फैसला किया है। अरपा के उद्मग स्थल के जंगल क्षेत्रों में रिज टू वैली की तर्ज पर काम को अंजाम दिया गया है।
जंगल विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बिलासपुर वन बृत और मरवाही वन वृत में अरपा के स्थल में जल संरक्षण को लेकर जमकर काम किया गया है। नदी के संरक्षण और संवर्धन के लिए रिज टू वैली की तर्ज पर काम किया गया है।
बिलासपुर वन मण्डल में अरपा नदी के सहायक 21 नालों को चयनित कर लगभग 9033.737 हेक्टेयर कैचमेन्ट ट्रीटमेन्ट किया जा रहा है। जबकि मरवाही वन वृत में 2 नालों को चयनित कर 25787 हेक्टेयर कैचमेन्ट ट्रीटमेन्ट का काम हो रहा है। योजना के तहत ब्रुश वुड चेक डेम, बोल्डर चेक डेम, गेबियन संरचना, स्टापडेम संरचनाएं जगह जगह बनाया जा रही है। योजना से भू-संरक्षण के साथ जल संरक्षण अभियान को बल मिलेगा। इसके चलते आने वाले समय में अरपा में साल भर जल प्रवाह रहेगा।
जन्गल विभाग के अनुसार साल 2019 में बिलासपुर वनमण्डल क्षेत्र क्षेत्र में 300 हेक्टेयर और मरवाही वन मण्डल में 109.670.हेक्टर जमीन पर पौधरोपण किया गया है। इस साल 300 और 109 हेक्टेयर से अधिक जमीन पर पौधरोपण किया जाएगा। अरपा नदी तट पर पौधरोपण किए जाने का मुख्य उद्देश्य तटबंध को कटाव रहित और हरित पट्टी बनाना है।
जंगल विभाग ने बताया कि तटबंधों का विकास शहरी क्षेत्र बिलासपुर के शनिचरी रपटा से छठघाट तक पौधरोपण किया जाएगा।