रायपुर । कोरबा जिले के बुन्देली में किसान जागेश्वर की आत्महत्या को विभागीय लापरवाही की परिणीति बताते हुए दोषी अधिकारियो के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध करने की मांग की जा रही है । पूर्व केंद्रीय मंत्री डा0 चरणदास महंत ने सोमवार को रायपुर में पत्रकार वार्ता में कहा की किसान पर 1.5 लाख रुपये का सहकारी बैंक का कर्ज था और उसकी 10 एकड़ फसल हाथियों ने रौंद कर बर्बाद कर दी ।जिसके मुआवजे के लिए वह वन विभाग का चक्कर लगाता रहा । किन्तु अधिकारियो की लापरवाही के कारण राशि नहीं मिली । कर्ज न चुका पाने के कारण परेशान था और अपनी जान दे दी ।
डा. महंत ने कहा कि इस क्षेत्र में सैकड़ो एकड़ फसल प्रतिवर्ष हाथियों द्वारा बर्बाद कर दी जाती है जिसके एवज में शासन महज 800 से 1200 प्रति एकड़ मुआवजा देती है ।जिसका भी समय पर भुगतान नहीं हो पाता । राज्य सरकार जानबूझकर ऐसी स्थिति बनाकर रखी है ।अन्यथा 2009 से स्वीकृत लेमरु हाथी अभ्यारण्य की अधिसूचना जारी कर देती । जिसके लिए पूर्व की केंद्र सरकार ने स्वीकृति प्रदान कर निर्देश जारी किये है ।राज्य सरकार को वंहा कोल ब्लाक में रूचि है । जबकि क्षेत्र की जनता शीघ्र हाथियों के समस्या से स्थाई हल चाहती है ।