रायपुर—अजीत जोगी जाति मामले में मुख्यमंत्री और राज्यपाल से कांग्रेस आदिवासी प्रकोष्ठ के नेताओं की मुलाकात पर जनता कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। जनता कांग्रेस प्रवक्ता सुब्रत डे ने कहा कि कांग्रेसी बताएं कि भूपेश बघेल क्या भाजपाई मुख्यमंत्री और राज्यपाल से मिलने राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्णय का विरोध दर्ज कराने गए थे। क्योंकि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ही उन्हें 15 सालों तक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अनुसूचित जाति जनजाति आदिवासी प्रकोष्ठ का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया था। प्रदेश कांग्रेस नेताओं को बताना होगा कि क्या सोनिया गांधी गलत निर्णय लेती हैं।
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश प्रवक्ता सुब्रत डे ने कहा कि अजीत जोगी को 114 दिन पहले ही भनक लग गई थी कि मुख्यमंत्री के इशारे पर हाई पावर कमेटी फैसला करने वाली है। पूर्व के वरिष्ठ जांच अधिकारियों को बदल कर जूनियर अधिकारी को कमेटी का अध्यक्ष उपाध्यक्ष और सचिव बनाया गया।
डे ने कहा कि अजीत जोगी ने 6 फरवरी को मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को पत्र लिखकर कहा था कि उनके साथ राजनीतिक लड़ाई बेलेट से होनी चाहिए। तंत्र का दुरुपयोग कर कानून के बाहर फैसले लिए जाएं। 27 फरवरी को मुख्यमंत्री ने जोगी को आश्वासन दिया था कि जांच निष्पक्ष होगी। लेकिन मुख्यमंत्री ने जैजैपुर चुनाव का बदला निकाला।
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ प्रदेश प्रवक्ता डे बताया कि जनाधार विहीन कांग्रेस अब मुद्दा विहीन हो चुकी है। इसलिए एक ओर नेता प्रतिपक्ष सिंहदेव राज्य शासन के रिपोर्ट का स्वागत करते हैं। दूसरी तरफ प्रदेश कांग्रेस मुख्यमंत्री के पीछे बी टीम की तरह खड़ी दिख रही है।