बिलासपुर—ई.राघवेन्द्र राव सभा भवन में आयोजित स्मार्ट सिटी और जनसंवाद कार्यक्रम में विधानसभा उपाध्यक्ष बद्रीधर दीवान ने कहा कि हम सब स्वच्छता और स्मार्ट सिटी के लिए यहां उपस्थित है। आज गांधी जयंती है। गांधी जी से प्ररेणा लेकर अपने नगर को स्वच्छ रखने का संकल्प लें। तभी स्मार्ट सिटी की कल्पना साकार होगी। हमारा शहर स्वच्छ और आदर्श शहर हो। स्वच्छ वातावरण बनाने में हम सबकी जिम्मेदारी है।
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कार्यक्रम में स्मार्ट सिटी की अवधारणा पर नगर निगम ने प्रेजेन्टेशन भी दिया। जहां जिले के आलाधिकारियों ने स्मार्ट सिटी की परिकल्पना पर अपने विचार उपस्थित लोगों के सामने रखा। तो आम नागरिकों ने भी अपने विचारों के साथ ही नगर की समस्याओं और प्रश्नों को सबके सामने रखा। इस बीच कई लोगों ने आयोजकों पर तीखे सवाल भी दागे।ष
जनभागीदारी की जरूरत-महापौर
महापौर किशोर राय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की स्वच्छ भारत की कल्पना को साकार करने में नागरिकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। जनभागीदारी के बिना स्वच्छता की कल्पना नहीं की जा सकती। सरकार के साथ हम भी अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझे। कलेक्टर अन्बलगन पी. ने कहा कि हम स्मार्ट सिटी की ओर बढ़ रहे हैं। देश के 98 शहरों के साथ हम दूसरे स्टेज में जा रहे हैं। हमें पहले 20 नगरों में अपना स्थान बनाना है। प्रतिस्पर्धा में प्रत्येक नागरिक शामिल है। स्मार्ट सिटी जन आकांक्षा के अनुरूप हो इसके लिए शासन के साथ जनसहभागिता जरूरी है। उन्होंने स्वच्छता को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि अरोग्य शहर में सबको रहने का अधिकार है।
कार्यक्रम को निगम आयुक्त रानू साहू ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जिनके पास भी शहर को बेहतर बनाने के सुझाव हों उनका हमेशा की तरह स्वागत हैं।
स्मार्ट के लिए कौशल उन्नयन पर फोकस–वोरा
संभागायुक्त सोनमणि बोरा ने स्वच्छता समारोह एवं स्मार्ट सिटी चैलेंज जनसंवाद कार्यक्रम में स्मार्ट सिटी की अवधारणा की विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि इसमें जनसहभागिता जरूरी है। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी में शिक्षा भी महत्वपूर्ण होगी। जो हमारे पास संसाधन उपलब्ध है उसे स्मार्टनेस के साथ उपयोग करना होगा। स्मार्ट सिटी के लिए जोनल और सेक्टर प्लानिंग जरूरी है। बोरा ने कहा कि नियम के अनुसार चलेंगे तो शहर और देश के लिए लाभप्रद होगा। स्मार्ट सिटी में परंपरा और संस्कार की भी जगह देना होगा। कौशल उन्नयन को भी फोकस करना होगा। बोरा ने कहा कि बिलासपुर शहर में युवाओं के बहुत से ग्रुप है जो समाज सेवा के विभिन्न क्षेत्रों के लिए सोचते हैं और कार्य करते हैं। स्मार्ट सिटी में रोजगार शिक्षा स्वच्छता ई.गर्वनेस और सबकी भागीदारी सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी का कार्य एक.दो दिन या साल.दो साल का नहीं है। यह एक सतत् प्रक्रिया है।
आज तक बिलासपुर का नहीं बढ़ा दायरा–सुधीश
इस मौके पर अधिवक्ता सुधीश श्रीवास्तव ने मंचस्थ अतिथियों के सामने अपने विचार रखते हुए कहा कि आज तक बिलासपुर का निगम क्षेत्र का विस्तार नहीं हुआ। पहले 55 वार्ड थे अब 66 हो गये हैं। लेकिन सीमा का विस्तार नहीं हुआ। इसके विपरीत रायपुर दुर्ग और अन्य ऐसे कई शहर हैं जहां एक बार दो तीन बार निगम ने अपना क्षेत्र बढ़ाया है। सुधीश ने कहा कि बिलासपुर में उल्टा आस पास के क्षेत्रों जैसे सिरगिट्टी,तिफरा,चकरभाटा,सकरी, को नगरपंचायत और पालिका घोषित कर दिया गया। ऐसी सूरत में क्या ये संस्थाएं स्मार्ट सिटी में शामिल होना चाहेँगी।
सुधीश श्रीवास्तव ने कहा कि अब तो लिंगियाडीह को भी नगर पंचायत बनाने की बात कही जा रही है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि क्या इन्हें भी बिलासपुर स्मार्ट सिटी अभियान में शामिल किया जाएगा। जबकी अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है कि स्मार्ट सिटी का दायरा बिलासपुर के 66 वार्ड तक रहेगा। या फिर अन्य क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा। ये क्षेत्र कौन-कौन हैं। इसे स्पष्ट किया जाना जरूरी है। सुधीश ने मंचस्थ लोगों से प्रश्न करते हुए कहा कि जब तिफरा और अन्य आस पास के क्षेत्रों को अधिकार दे दिया गया है ऐसे में वे लोग बिलासपुर क्षेत्र में क्यों शामिल होना चाहेंगे। यदि होंगे तो वह कैसे अभी तक इस बारे में जिम्मेदार लोगों ने प्लान तैयार किया है। यदि किया है तो सामने क्यों नहीं लाया गया। बताया तो जा रहा है कि बिलासपुर स्मार्ट सिटी में आस पास के कई गांव शामिल होंगे। आखिर वे कौन से गांव हैं जिन्हें शामिल किया जाएगा। इस बात को स्पष्ट करना बहुत जरूरी है। आज बिलासपुर के पास मनी जनरेट का माध्यम क्या है। निगम के पास इस दिशा में कोई प्लानिंग है। शायद नहीं।
सुधीश ने कहा कि ड्रेनेज सिस्टम फेल है। सिवरेज ने बिलासपुर के साथ अंधेर कर दिया है। यातायात व्यवस्था नाम की यहां कोई चीज नहीं है। ऊपर से किन गावों को शामिल करने को कहा जा रहा है। स्पष्ट नहीं है। जब बर्तमान बिलासपुर की व्यवस्था ही ठीक नहीं है तो स्मार्ट सिटी मेंशामिल होने वाले क्षेत्रों की व्यवस्था कैसे ठीक होगी। आज तक इस विषय पर किसी ने कुछ नहीं बताया। अंत में उन्होंने कहा कि कहीं हम अगले पंचवर्षीय की बात स्मार्ट सिटी के बहाने तो नहीं कर रहे हैं।