बिलासपुर—-हरियर छत्तीसगढ़ योजना में सभी लोग शामिल होना होगा। योजना के तहत इस बार शासकीय और नीजि कालोनियों समेत कार्यालयों में भी पौध रोपण किए जाएंगे। योजना से जुडेने वालों और पौधरोपण करने वालों से एक शपथ पत्र भी लिया जाएगा। शपथ पत्र में पौधे के रख रखाव की जिम्मेदारी तय होगी। यह बातें आज पत्रकारों से जिला कलेक्टर अन्बलगंन पी ने मंथन सभागार में कही।
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दोपहर बाद कलेक्टोरेट अन्बलगन पी ने मंथन सभागारों में पत्रकारों से हरियत छत्तीसगढ़ योजना पर बातचीत की। पत्रकारों के सवालों का जवाब दिया। कलेक्टर ने कहा कि वनविभाग, नगर निगम और जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयास से हरियर छत्तीसगढ़ योजना आम जनजीवन को जोड़ने का प्रयास किया जाएगा। योजना के तहत निजी और सरकारी जमीन पर ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने का प्रयास किया जाएगा।
कलेक्टर ने बताया कि वन विभाग एक रूपए में मांग के अनुसार ग्राहक को पौधा देगा। जरूरत महसूस होने पर पर्यावरण प्रेमी या ग्राहक की मांग पर वन विभाग स्थान पर पहुंचकर पौधे का रोपण भी करेगा। इसके लिए ग्राहक को बतौर शुल्क 10 रूपए देना होगा। कलेक्टर ने बताया कि पौधे निशुल्क भी दिये जासकते हैं लेकिन पर्यावरण और पेड़ के महत्व को गंभीरता से ले इसलिए पौधो पर शुल्क लगाया गया है।
कलेक्टर ने बताया कि जो लोग घरों में पौधे लगवाएंगे उनसे पौधें के सरंक्षण के लिए एक शपथ पत्र लिया जाएगा। शपथ पत्र में पौधे की देखरेख की बात होगी। वन विभाग ने इसके लिए करीब 50 हजार पौधों की व्यवस्था की है। योजना के तहत 70 से 85 प्रतिशत पौधे बचेगें तो शहर में ग्रीन बेल्ट तैयार हो जाएगा। उन्होने कहा कि योजना के महत्व को लोग समझे क्योंकि तापमान को नियंत्रित करने में केवल पौधे ही मददगार साबित होंगे।
कलेक्टर ने बताया कि सड़क किनारे लगाए जाने वाले पेड़ों को ट्री गार्ड से सुरक्षित रखा जाएगा। कलेक्टर ने इस दौरान पत्रकारों के सवालों का भी जवाब दिया।
वन मण्डलाधिकारी अमिताभ वाजपेयी ने बताया कि पौधे मांग के अनुसार दिए जाएंगे। पौधे भविष्य में सामाजिक उपयोगिता के अनुसार वितरित होंगे। इसमें छायादार और फलदार भी पौधे शामिल हैं। उन्होंने कहा कि वन विभाग से दिए जान वाले पौधों की ऊंचाई करीब 3 से 4 फीट होगी।