जब मुख्यमंत्री ने पूछा..वाह..100 में 100..क्या बनोगे..फिर माता पिता को याद आए पुराने कलेक्टर डॉ.सर्वेश भूरे

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—-जरहागांव निवासी प्रज्ञा कश्यप और मुंगेली निवासी टिकेश वैष्णव सीएम भूपेश बघेल ने मोबाइल से बातचीत की। सीएम ने दोनों टापर के साथ उनके माता पिता को बधाई दी। साथ ही उन्होने कहा हमें अपने बेटे बेटियों की सफलता पर गर्व है। सीएम ने 10 वीं टापर प्रज्ञा कश्यप ऐसा सवाल किया कि वह कुछ लम्हा सोचती रह गयी। फिर  कहा कि भरोसा था..लेकिन  संशय भी।

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           सीएम ने आज हाईस्कूल टापर प्रज्ञा कश्यप को बधाई दी। जैसे ही अधिकारियों ने प्रज्ञा को सीएम से बातचीत करने मोबाइल थमाया। सीएम भूपेश ने कहा…वाह 100 में 100..कितना भरोसा था। कुछ लम्हों के बाद प्रज्ञा ने जवाब दिया..भरोसा तो था..लेकिन संशय भी था। लेकिन सफलता मिल गयी। सीएम के क्या बनने के सवाल पर प्रज्ञा ने कहा वह आईएएस बनना चाहती है। कुछ अच्छा और जन की सेवा करना करना चाहती है। सीएम ने इस दौरान प्रज्ञा के अलावा उनके माता पिता से भी बातचीत की। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि पढ़ाई लिखाई और उसके प्रगति में हम साथ हैं। उसे किसी प्रकार की कोई दिक्कत या कमी नहीं आएगी।

             सीएम ने 12 वीं टापर मुंगेली हायर सेकेन्डरी छात्र टिकेश वैष्णव से भी मोबाइल पर संवाद किया। मख्यमंत्री ने भी यहां वही सवाल क्या बनना चाहते के जवाब में टिकेश ने कहा वह बड़ा अधिकारी बनकर समाज के लिए कुछ करना चाहता है। सीएम ने माता पिता को आश्वासन दिया कि टिकेश की पढ़ाई लिखाई में किसी प्रकार की कमी नहीं होगी। वह अपने अनुसार सफलता की ऊंचाई तय करेगा। हम सब उसके साथ हैं।

  दोनों परिवार, टापर समेत शिक्षकों ने की कलेक्टर भूरे की  तारीफ

                   आज दिन भर 12 वीं टापर टिकेश वैष्णव और 10 वीं टापर प्रज्ञा कश्यप के घर में पत्रकारों और बधाई देने वालों का हुजूम नजर आया। टिकेश और प्रज्ञा समेत दोनों टापरों के माता पिता ने इसका श्रेय तात्कालीन कलेक्टर डॉ.सर्वेश नरेन्द्र भूरे को भी दिया। टापर और उनके माता पिता ने बताया कि बहुत दिनों बाद मुंगेली को कलेक्टर डॉ.भूरे के रूप में एक अच्छा प्रशासक के साथ अच्छा शिक्षक भी मिला। 

       कलेक्टर भूरे ने अपने छोटे कार्यकाल में शिक्षा पर ज्यादा जोर दिया। मेधावी छात्रों के लिए सरकार के मेधा अभियान के अलावा अलग से क्लासेंस चलाए। बच्चों की छोटी सी शिकायत या मांग पर उन्होने तत्काल कदम उठाया। अच्छे से अच्छा शिक्षक की व्यवस्था की। 

                              खासकर प्रज्ञा और उसके माता पिता ने बताया कि कलेक्टर भूरे ने गर्मियों की छुट्टी में पढ़ने वाले बच्चों को बैठने नहीं दिया। सीमित संसाधनों में मेधावी छात्र छात्राओं का पता लगाया। कोर्स के अलावा अलग से क्लास चलाकर उन्होने नैतिक शिक्षा पर बल दिया। साथ ही कोर्स का रीविजन बार बार कराया। बच्चों की मांग पर जिले के अच्छे से अच्छा शिक्षक अतिरिक्त क्लास में झोंक दिया।

    सच तो यह है कि सुनकर आश्चर्य होता है कि प्रज्ञा ने 100 में 100 और टिकेश रिकार्ड तोड़ अंक हासिल किए हैं।इसका सबसे ज्यादा श्रेय यदि किसी को जाता है तो निश्चित रूप तात्कालीन कलेक्टर डॉ.सर्वेश नरेन्द्र भूरे को। 

        टिकेश और प्रज्ञा के शिक्षकों ने भी बताया कि मुंगेली ना केवल टापर वाला जिला है। बल्कि यहां का रिजल्ट बहुत ही शानदार और प्रभावित करने वाला है। पिछले कुछ साल में यहां अकादमी रूझान बढ़ा है। खासकर तात्कालीन जिला कलेक्टर भूरे ने इसे ऊंचाई तक पहुंचाया है। निश्चित रूप से टिकेश और प्रज्ञा की सफलता में भूरे का अहम योगदान है। 

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