जब राजस्व अधिकारियों ने कहा…निरस्त करें FIR…अन्यथा करेंगे न्यायालयीन काम का बहिष्कार..CM को लिखा पत्र

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— तहसीलदारों ने मंगलवार को जिला कलेक्टर पी.दयानन्द को मुख्यमंत्री के नाम लिखित शिकायत में तहसीलदार बी.एक्का के खिलाफ पुलिस कार्रवाई का विरोध किया है। तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने खरसिया चौकी प्रभारी उप निरीक्षक सीएम मालाकार के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की भी मांग की है। छत्तीसगढ़ कनिष्ठ सेवा प्रशासननिक संघ के अधिकारियों ने उप निरीक्षक मालाकार के खिलाफ उचित कार्रवाई करते हुए तात्कालीन नायब तहसीलदार बी.एक्का समेत अन्य राजस्व अधिकारियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त करने को भी कहा।

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                कलेक्टर पी.दयानन्द के सामने लिखित मांग और शिकायत के साथ छत्तीसगढ़ कनिष्ठ सेवा प्रशासनिक संघ के अधिकारियों ने गुहाई लगाई है। तहसीलदारो ने बताया कि तत्कालीन नायब तहसीलदार बी.एक्का ने 3 मई 2014 को खाता विभाजन का आदेश जारी किया। आदेश के खिलाफ अपील अपर आयुक्त बिलासपुर के कोर्ट में है।

                                          मामले में 25 फरवरी 2018 को खरसिया चौकी प्रभारी उप निरीक्षक सी.एम.मालाकार ने 3 मई 2014 के राजस्व न्यायालय आदेश को गंभीर अपराध की श्रेणी में दर्ज किया है। तात्कालीन नायब तहसीलदार वी.एक्का समेत अन्य राजस्व कर्मियों के खिलाफ धारा 420,467,468,471 और 120 बी के तहत जिला प्रशासन को जानकारी दिए बिना एफआईआर दर्ज किया गया।

कलेक्टर पी.दयानन्द को तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने बताया कि मामला अपील में है। बावजूद इसके छल कपट से एफआईआई का प्रकरण दर्ज करना राजस्व न्यायालय व्यवस्था को चुनौती है। साथ ही न्यायालय का अपमान भी।

कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि एफआईआर दर्ज करने वाला प्रार्थी पूर्व पुलिस कर्मी है। इससे जाहिर होता है कि तात्कालीन चौकी प्रभारी सीएण मालाकार ने अपने साथी के समर्थन में षड़यंत्र कर राजस्व विभाग को अपराधी बनाया है। यह जानते हुए भी कि मामला अभी अपील में है…अंतिम आदेश का पारित होना बाकी है। बावजूद इसके एफआईआर दर्ज करना चौकी प्रभारी के कानूनी ज्ञान की कमी को जाहिर करता है। स्पष्ट होता है कि एफआईआर की कार्रवाई दुर्भावना से की गयी है।

अधिकारियों ने बताया कि ऐसी स्थिति में स्वतंत्रता पूर्वक राजस्व प्रकरण का निराकण संभव नहीं है। प्रशासन से मांग है कि श्रीमती वी.एक्का और अन्य राजस्व कर्मियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त किया जाए। चौकी प्रभारी मालाकार के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। पुलिस प्रशासन को  निर्देश दिया जाए कि न्यायालयीन दायित्वों के निर्वहन में नियम विरूद्ध एफआईआर दर्ज ना किया जाए।

अधिकारियों ने बताया कि 26 मार्च 2018 तक यदि निवेदन को स्वीकार नहीं किया गया तो कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा के सभी राजस्व अधिकारी राजस्व न्यायालय के कार्यों का बहिष्कार करेंगे।

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