जब लहरिया ने कहा सीएम ने गलत बटन दबाया…अब तक राहत राशि का इंतजार..कम्पनी ने भी देने से किया इंकार

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर– मस्तूरी विधायक दिलीप लहरिया क्षेत्र की जनता के साथ शिकायत लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। लहरिया ने कलेक्टर की अनुस्थिति में  आळाधिकारियों के सामने ग्रामीणों की समस्या को पेश किया। प्रशासन से लहरिया ने बताया कि इफको टोकियो कम्पनी की तानाशाही कहें या सरकार की लापवाही…अभी तक किसानों को एक रूपया बीमा राशि नहीं मिली है। जिला प्रशासन को लहरिया ने यह भी बताया कि जिन किसानों के बीच सरकार ने सूखा राहत वितरित की है..उन्ही किसानों को बीमा कम्पनी ने अब बीमा राशि देने से इंकार कर दिया है। बीमा कम्पनी कर्मचारी का जवाब आता है कि जिन्हें बीमा राशि नहीं मिली है दरअसल ऐसे किसान सूखा से प्रभावित हैं ही नहीं। जबकि सरकार ने मस्तूरी विधानसभा को सूखा क्षेत्र किया है।

                           कांग्रेस नेता और मस्तूरी विधायक दिलीप लहरिया ने बीमा कम्पनी की तानाशाही से शिकार किसानों के साथ जिला प्रशासन से शिकायत की है। लहरिया ने बताया कि सरकार ने मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र को सूखा घोषित किया है। शासन ने पूरा तो नहीं लेकिन आधे से कम प्रभावित किसानों को सूखा राहत राशि तो दी। लेकिन अब इफको टोक्यो कम्पनी ने इन्ही किसानों को बीमा राशि देने से इंकार कर दिया है। बीमा कम्पनी के रीजनल मैनेजर बीमा राशि वितरण को लेकर तरह तरह का बहाने करता है। मैनेजर ने नया बहाना बनाते हुए कहा है कि उन्ही किसानों को बीमा राशि नहीं मिली जिनका फसल बरबाद नहीं हुआ है। लहरिया ने बताया कि जबकि बीमा राशि मांगने वाले वही किसान हैं जिन्हें सरकार ने सूखा राहत राशि दी है।

           लहरिया के अनुसार बीमा कम्पनी के रीजनल मैनेजर के अनुसार मस्तूरी में रिलायन्स को बीमा राशि भुगतान करना है। लेकिन जानकारी मिली है कि क्षेत्र में बीमा राशि वितरण करने के जिम्मेदारी इफको टोक्यों की है। बावजूद इसके वह नए नए बहाना कर किसानों को बीमा राशि के लिए घूमा रहा है।

         मस्तूरी विधायक ने बताया कि जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित धुर्वाकारी के किसानों ने हर साल बीमा राशि का भुगतान किया। अब जब राशि भुगतान लेने के समय आया तो कम्पनी नौटंकी कर रही है। करीब 250 से अधिक किसान बीमा राशि के लिए दर दर भटक रहे हैं। जिला प्रशासन को लहरिया ने बताया कि ज्यादातर किसानों को आज भी सूखा राहत राशि का इंतजार है।

                                लहरिया ने बताया कि एक महीने पहले मुख्यमंत्री ने मस्तूरी में विकास यात्रा के दौरान बटन दबाकर दावा किया कि किसानों की राहत राशि अपने आप खाता में पहुंच जाएगी। समझ में नहीं आ रहा है कि मुख्यमंत्री ने बटन गलत दबाया या फिर बटन दबा ही नहीं। क्योंकि किसानों के खाते में एक रूपया भी नहीं पहुंचा है। मामले को विधानसभा में उठाएंगे।

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