जब 2013 विधानसभा चुनाव के उस क्षण को याद करते हुए पीसीसी चीफ़ भूपेश बघेल ने किया ट्वीट,यहाँ पढ़िये उनका पूरा पोस्ट

Shri Mi
8 Min Read

बिलासपुर।छत्तीसगढ़ मे मंगलवार को विधानसभा चुनाव सम्पन्न हो गए है।चुनाओ के बाद बुधवार को पीसीसी चीफ़ भूपेश बघेल ने भावुक ट्विट किया है। जिसमे उन्होने लिखा कि आदरणीय छत्तीसगढ़वासियो, चुनौती बड़ी थी. इन पांच वर्षों में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और आप सबके सहयोग से हमने जनता के हर मुद्दे पर सड़क पर लड़ाई लड़ी और सरकार को घेरा. पिछले पांच बरस आप सबने जिस तरह से संघर्ष में कांग्रेस का साथ दिया वह भावुक कर देता है.

Join Our WhatsApp Group Join Now

भूपेश बघेल ने फेसबुक पोस्ट मे लिखा कि आज मैं उस क्षण को याद करता हूं जब वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव के कुछ समय बाद ही माननीया सोनिया गांधी जी ने और माननीय राहुल गांधी जी ने मुझे छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद का दायित्व सौंपा था. यह वह क्षण था जब हमने अभी नंदकुमार पटेल, महेंद्र कर्मा, विद्याचरण शुक्ल और उदय मुदलियार जैसे मूर्धन्य नेताओं सहित अपने कई साथियों को झीरम के कथित नक्सली हमले में खोया था. हम उस दुख से उबरे नहीं थे और अभी अभी हम एक भ्रष्ट और षडयंत्रकारी भाजपा के हाथों मात्र 0.73 प्रतिशत के अंतर से चुनाव हार गए थे.

चुनौती बड़ी थी. लेकिन इन पांच वर्षों में कांग्रेस के ज़मीनी कार्यकर्ताओं और आप सबके सहयोग से हमने जनता के हर मुद्दे पर सड़क पर लड़ाई लड़ी और विधानसभा में सरकार को घेरा. पिछले पांच बरस आप सबने जिस तरह से संघर्ष में कांग्रेस पार्टी का साथ दिया वह भावुक कर देता है.2014 के लोकसभा चुनाव होते ही रमन सरकार ने राशन कार्ड काटना शुरु किया. कांग्रेस ने प्रदेश भर में थानों में जाकर रिपोर्ट लिखवानी शुरु की, तब रुका राशन कार्ड काटने का सिलसिला.दाना दाना धान ख़रीदी का वादा करने वाली भाजपा सरकार ने किसानों से केवल10 क्विंटल धान ख़रीदने की घोषणा की थी. कांग्रेस के आंदोलन के बाद 15 क्विंटल की धान ख़रीदी शुरु हुई.किसानों को हर साल 300 रुपए बोनस देने का वादा था, बहुत संघर्षों के बाद यह वादा आधा अधूरा ही पूरा हुआ.

भाजपा सरकार ने निजी कंपनियों के लिए मोबाइल टॉवर लगाने के लिए सरकार ने पंचायतों से 14 वें वित्त आयोग का 610 करोड़ निकाल लिया था. कांग्रेस की अपील पर ग्राम पंचायतों ने विरोध किया तब जाकर पैसा वापस मिला.भाजपा सरकार ने विधेयक पारित किया जिससे कि आदिवासियों की ज़मीन कोई ग़ैर-आदिवासी भी ख़रीद सके. कांग्रेस की पहल पर आदिवासी समाज के विरोध के बाद सरकार को विधेयक वापस लेना पड़ा.नसबंदी कांड में माताओं की मौत का मामला हो या फिर आंखफोड़वा कांड में बुज़ुर्गों की आंखों की रोशनी छीनने का मामला, आपने कांग्रेस के हर संघर्ष में खुलकर साथ दिया. हमने भाजपा के नेताओं की गौशालाओं में सैकड़ों गौमाताओं की हत्या का पर्दाफ़ाश किया और इसके ख़िलाफ़ संघर्ष किया.

हमने वनाधिकारों के लिए सड़कों पर संघर्ष किया, पदयात्रा की. नगरनार संयंत्र को निजीकरण से बचाने के लिए पदयात्रा की, नोटबंदी के ख़िलाफ़ जनवेदना पदयात्रा की और भू-अधिग्रहण नीतियों के ख़िलाफ़ पदयात्रा में तो ख़ुद माननीय राहुल गांधी जी शामिल हुए थे. कुल मिलाकर इन पांच वर्षों में हमने करीब एक हज़ार किलोमीटर की पदयात्राएं कीं, जिससे कि आपकी बात बहरी सरकार के कानों तक पहुंच सके.

नोटबंदी से लेकर जीएसटी तक हर मुद्दे पर हम व्यापारी भाइयों के साथ खड़े रहे, अनियमित कर्मचारियों, नर्सों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, मितानिनों और पुलिसकर्मियों के परिजनों के साथ हम सतत खड़े रहे. चिटफंड कंपनियों के ज़रिए पीड़ित हुए 21 लाख परिवारों के संघर्ष के साथ कांग्रेस खड़ी रही और वादा किया कि हम 10,000 करोड़ वापस दिलाएंगे.

आपके हर मुद्दे को हमने अपना मुद्दा माना और संघर्ष किया.

विधानसभा में भी कांग्रेस के विधायकों ने बार बार सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर किया. जहां ज़रुरत पड़ी हम अदालत तक भी गए.

हमारी लड़ाई एक भ्रष्ट और कमीशनखोर सरकार से रही है. आलम यह था कि मुख्यमंत्री को अपने मंत्रियों, नेताओं और कार्यकर्ताओं से अपील करनी पड़ी कि एक साल के लिए कमीशनखोरी बंद करो. विडंबना है कि इसका असर हुआ नहीं.

आज इन सब संघर्षों को याद करने का समय है. अन्याय को याद करने का समय है. विकास के नाम पर जो ठगी और लूट हुई है, उसे याद करने का समय है.

मैं कांग्रेस के सभी कार्यकर्ताओं का आभारी हूं जिन्होंने जनता की लड़ाई को अपनी लड़ाई बनाकर सड़कों पर संघर्ष किया. गिरफ़्तारियां दीं, मामले मुक़दमे झेले, लाठियां खाईं और जेल तक गए.मैं आभारी हूं कि छत्तीसगढ़ के प्रभारी आदरणीय पीएल पुनिया सहित मेरे सारे वरिष्ठ नेताओं ने हमेशा हमारा हौसला बढ़ाया और हर संघर्ष में वे साथ खड़े हुए. हमने पांच साल जनता की लड़ाई जनता के साथ मिलकर लड़ी. आरोप पत्र समिति ने इस सरकार के काले कारनामों का काला चिट्ठा जारी किया है. हम उन सभी मुद्दों पर लगातार लड़ते रहे.

इस बीच हमने कांग्रेस पार्टी में एक महत्वपूर्ण काम किया और वह है बूथ स्तर पर संगठनों का गठन और प्रदेश कांग्रेस कमेटी को अनुभाग स्तर तक पहुंचाने का काम. 2017 में जून के महीने से जो सेक्टर प्रभारियों की ट्रेनिंग और बूथ गठन का कार्यक्रम शुरु हुआ वह सितंबर तक सभी 90 विधानसभाओं तक पहुंच गया. कांग्रेस के कार्यकर्ता यह गर्व से कह सकते हैं कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है जहां इस स्तर पर काम हुआ. इसके बाद हमने बूथ अध्यक्षों और सदस्यों को प्रशिक्षण देने के लिए संकल्प शिविरों का आयोजन किया जो 86 विधानसभाओं में सफलता पूर्वक हुआ. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम ने पूरे प्रदेश में एक एक कार्यकर्ता को भाजपा से लड़ने के लिए तैयार कर दिया.

पहली बार लगा कि प्रदेश में संगठन चुनाव लड़ रहा है. हमारे कार्यकर्ता न केवल भाजपा को जवाब देते रहे बल्कि उन्होंनें मतदाताओं को भी भरोसा दिलाया कि कांग्रेस उनकी पीड़ा को समझ रही है और संघर्ष कर रही है.

आपके बताए अनुसार ही घोषणा पत्र तैयार किया. घोषणा पत्र में कर्ज़ माफ़ी, बिजली बिल आधे करने और सभी को 35 किलो चावल देने जैसे वे सभी मुद्दे शामिल किए जो माननीय राहुल गांधी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पहले से ही कह रहे थे. हम इस घोषणा पत्र को अक्षरश: लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम छत्तीसगढ़ की अमीर धरती के लोगों को ग़रीबी से उबरकर अमीर बनने के अवसर पैदा करेंगे. हम नया छत्तीसगढ़ गढ़ेंगे.

मैं छत्तीसगढ़वासियों का अत्यंत आभारी हूं जिन्होंने कांग्रेस के संघर्ष में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और कृतज्ञ हूं कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का जिन्होंने कांग्रेस की एक नई छवि गढ़ी और साबित किया कि वे एक ऐसी पार्टी के सदस्य हैं जिसका अपना एक गौरवशाली इतिहास है.

आपका अपना साथी

(भूपेश बघेल)
अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी

By Shri Mi
Follow:
पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
close