बिलासपुर—बृ्द्धा पेंशन में धांधली और भारी गड़बड़ी रिपोर्ट देखने के बाद कलेक्टर अन्बलगन पी.ने मस्तूरी जनपद सीईओ और कररोपण अधिकारी को जमकर फटकार लगाई है। कलेक्टर ने कहा कि दोषी अधिकारियों को छोड़ा नहीं जाएगा। जरूरत पड़ी तो सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया जाएगा।
मालूम हो कि मस्तूरी विकासखण्ड में पेंशन राशि वितरण में भारी गड़बड़ी की शिकायत मिली है। शिकायत के बाद जांच टीम ने रिपोर्ट जिला पंचायत सीईओ को सौंप दिया। जय प्रकाश मौर्य ने रिपोर्ट को कलेक्टर के सामने रखा। रिपोर्ट देखने के बाद कलेक्टर सांख्यिकी विभाग के एसीईओ और कर रोपण अधिकारी पर जमकर भड़के। उन्होने कहा कि जांच टीम को गड़बड़ियों का पता लगाने के लिए भेजा था। सरपंच और सचिव को क्लीन चिट देने के लिए नहीं।
कलेक्टर ने कहा कि मस्तूरी विकासखण्ड के चालिस से अधिक गांव में वृद्धा पेंशन राशि का वितरण नहीं किया गया है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि आखिर पेंशन राशि गयी तो कहां गयी। कलेक्टर ने रिपोर्ट देखने के बाद जनदर्शन के ठीक पहले जनपद पंचायतों के सीईओ और कररोपण अधिकारियों की बैठक में जमकर बरसे।
कलेक्टर ने कहा कि पेंशन राशियों में गड़बड़ी की जांच करने के लिए भेजा गया था। लेकिन अधिकारियों ने लेकिन जांच अधिकारी सरपंच और सचिव के पक्ष में रिपोर्ट पेश कर दिया। कलेक्टर ने कहा कि हद हो गयी कि अधिकारियों को गरीबों के लिए निराश्रित पेंशन और 3 रू किलो चावल योजना में हुई गड़बड़ी नहीं दिखाई दी।
बैठक के दौरान रिपोर्ट देखने के बाद कलेक्टर इतने नाराज थे कि उन्हें यह कहते भी सुना गया कि अधिकारी बिना मार खाए नहीं सुधरेंगे। उन्होने कहा कि जैसे दीपावली के पहले घरों की गंदगी साफ करने सफाई अभियान चलाया जाता है। ठीक वैसा ही अभियान जिले में चलाने की जरूरत है। मामले मे किसी को नही छोडा जाएगा…। कलेक्टर ने कहा कि किसी भी दोषी को नहीं छोड़ा जाएगा। सारी जानकारी मिल चुकी है। चाहे जांच अधिकारी ही क्यों ना हो। सबके खिलाफ एफआईआर दर्ज किया जाएगा।
मालूम हो मस्तुरी विकासखंड के चालिस गांवों में सरपंच और सचिव ने मिलकर वृद्धा पेंशन की करीब 1 करोड़ 20 लाख रूपए की गड़बड़ी की है। जांच के लिए लम्बी चौड़ी जांच कमेटी का गठन किया गया। मामले की जांच में शिकायत सही पाई गयी। सबूत लाने के लिए कररोपण अधिकारी को जिम्मा दिया गया। लेकिन अधिकारी ने सचिव और सरपंच को क्लीन चिट दे दिया।