जल बचाने निगम की कार्यशाला…विशेषज्ञों ने बताया वाटर हार्वेस्टिंग का महत्व…पढ़ें…किसने क्या कहा..कौन कौन थे मौजूद

BHASKAR MISHRA
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 बिलासपुर—रेन वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर नगर पालिक निगम में एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में विशेषज्ञ के रूप में वाटर हार्वेस्टिंग विशेषज्ञ और भिलाई नगर निगम वाटर हार्वेस्टिंग के नोडल अधिकारी मधुर चितलांगया के अलावा रायपुर से भू वैज्ञानिक  के पाणिग्रही विशेष रूप से शामिल हुए। उपस्थित विशेषज्ञों ने वाटर हार्वेस्टिंग की जानकारी दी। कार्यशाला के दौरान निगम इंजीनियर और कर्मियों को वाटर हार्वेस्टिंग की बारिकियों के बारे में विस्तार से बताया गया।

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              जानकारी हो कि प्रदेश में दिनों दिन गिरते जल स्तर को देखते हुए शासन स्तर पर जल स्तर को बनाएं रखने विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं। इन उपायों में वाटर हार्वेस्टिंग प्रमुख है। इसी कड़ी में नगर पालिक निगम बिलासपुर के दृष्टि भवन में वाटर हार्वेस्टिंंग को लेकर विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। निगम कमिश्नर श्री प्रभाकर पांडे के विशेष निर्देश पर निगम प्रशासन ने शहर में प्रतिदिन 40 वाटर हार्वेस्टिंग का लक्ष्य रखा है। लक्ष्य को हासिल करने निगम के सभी इंजीनियर और वाटर हार्वेस्टिंग के कार्यो में संलग्न निगम कर्मियों के लिए एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
                 वाटर हार्वेस्टिंग विशेषज्ञ और भिलाई नगर निगम के वाटर हार्वेस्टिंग के नोडल अधिकारी मधुर चितलांगया ने प्रोजेक्टर के माध्यम से उपस्थित अधिकारियों को वाटर हार्वेस्टिंग के बारे में विस्तार से जानकारी दी। चिंतलांगया ने बताया कि वाटर हार्वेस्टिंग बहुत ही सरल निर्माण है। इसे अपनाकर हम आने वाले जल संकट से निजात पा सकते हैं। वाटर हार्वेस्टिंग दो तरीके से किया जा सकता है। एक सतह के उपर और दूसरा सतह के नीचे। सतह के उपर में डैम,चेक डैम,तालाब,स्टाॅप डैम, इसके अलावा बरसात के पानी को संचय कर उसे सुव्यवस्थित तरीके से भूमि के अंदर डाला जाता है।
                   ऐसा करने से इससे भू गर्भीय जल स्तर हमेशा बना रहेगा,। घरों में मौजूद प्लाट में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम विकसित किया जा सकता है। इसके अलावा चितलांगया ने वाटर हार्वेस्टिंग के विभिन्न तरीकों को ग्राफिक्स डिजाईन के माध्यम से इंजीनियरों और कर्मियों को समझाया। इस  दौरान भू वैज्ञानिक के पाणिग्रही  ने बिगड़ते जल स्तर के कारणों और बचाव पर प्रकाश डाला।
                    कार्यशाला प्रमुख रूप से अधीक्षण अभियंता एस ताम्रकार, कार्यपालन अभियंता पी.के. पंचायती,राजकुमार मिश्रा,आर.एस चौहान,सहायक अभियंता सुरेश शर्मा,राजस्व अधिकारी विजय पांडे,उप अभियंता प्रिया सिंह,श्रीकांत नायर,भूमिका शास्त्री,मीनू भगत,दुर्गा कंवर,शिव गर्ग समेत समस्त इंजीनियर और राजस्व निरिक्षक उपस्थित थे।
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