जानिए TS BABA के बार बार Bilaspur दौरे के पीछे की सियासत..तो इस वजह से जोगी बंगला फिर सुर्ख़ियो मे..

Shri Mi
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(रुद्र अवस्थी)वक्त का पहिया अपने अंदाज में घूमता है…लेकिन यह समय खुद भी कई इकाइयों और खंडों में बंटा हुआ है…..जो सेकंड,मिनट, घंटे से लेकर दिन,  सप्ताह,  महीने , साल और सदियों तक अलग – अलग नाम से जाना जाता है ।समय के पहिए के घूमने के साथ ही अपने आसपास कुछ ना कुछ घटित होता रहता है।  जिस पर सबकी नजर रहती है और इन घटनाओं को जान लेने की ललक  भी बनी रहती है । हम हर पल की घटनाओं से लेकर पूरे साल….महीने और हफ्ते भर की गतिविधियों को बांट कर उसकी छानबीन और विश्लेषण में लगे रहते हैं….हफ्ता वाल के इस अंक में हम हफ्ते भर  बिलासपुर और उसके आसपास इलाके में दर्ज हुई प्रमुख घटनाओं पर नजर डालेंगे….. हमारी कोशिश होगी कि बिलासपुर और उसके आसपास हफ्ते भर में हुई घटनाओं को समेट कर  उसका ब्यौरा कुछ मिनटों में इस प्लेटफार्म पर आपके सामने पेश करें  ….पेश है हफ्ता वाल का नया अँक…..

             
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हफ्ता वाल के इस अँक  में हम बात करेंगे रविवार 12 जनवरी से शनिवार 18 जनवरी 2020 तक बिलासपुर और उसके आसपास की प्रमुख घटनाओं की…… और चर्चा करेंगे उन सुर्ख़ियों की जो मीडिया में छाई रही…….।  इस हफ्ते की बड़ी हेड लाइन पर बात करें तो बिलासपुर शहर ने 15 जनवरी 1996 के ऐतिहासिक रेलवे जोन आंदोलन को याद किया और हवाई सुविधा की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन को तेज करने की चर्चा हुई । जोगी बंगले में केयरटेकर की मौत का मामला भी सुर्खियों में रहा । जिसके निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर लोगों ने चक्का जाम किया और पुलिस ने पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और उनके बेटे अमित जोगी के खिलाफ मामला भी दर्ज कर लिया ।

इस हफ्ते की शुरुआत हुई धान खरीदी को लेकर सरकार  की सजगता से…… । खबर आई कि सहकारिता मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने जिले के कुछ धान खरीदी केंद्रों का औचक निरीक्षण किया …..। जिससे हड़कंप मची।  मंत्री ने खुद धान खरीदी केंद्र की बदहाली देखी और रायपुर रोड के छतौना गाँव में धान खरीदी केंद्र प्रभारी को सस्पेंड करने का आदेश दे दिया । वे और भी कई धान खरीदी केंद्रों में गए । जहां अधिकारियों –  कर्मचारियों को फटकार लगाई । मंत्री की इस सजगता का धान खरीदी व्यवस्था पर कितना असर होगा । यह आने वाला वक्त ही बताएगा।  बहरहाल यह सरकार की प्राथमिकता में दिखाई देता है कि धान खरीदी चाक-चौबंद हो और किसानों को दिक्कतों का सामना करना ना पड़े।

उघर प्रदेश सरकार के कद्दावर मंत्री टी एस सिंह देव के बिलासपुर दौरे की खबर भी सुर्खियों में रही । वे 10 दिन के भीतर तीसरी बार बिलासपुर पहुंचे थे।  किसी मंत्री के किसी जिले में लगातार दो दौरे से सियासी हलकों में हलचल लाज़िमी है । खासकर कांग्रेस की राजनीति ….खेमे बाजी और वर्चस्व की लड़ाई… जैसी शब्दावलीयों के बीच बड़े नेता और बड़े मंत्री का बार बार आना सुर्ख़ियों में रहता ही है । अपने इस दौरे में टी एस बाबा ने बिलासपुर शहर की सड़कों पर साइकिल चलाई। साइकिल रैली निकालकर उन्होंने अरपा की स्वच्छता और उसकी बेहतरी के लिए संदेश दिया । सियासत भी हुई….।  उन्होंने छत्तीसगढ़ भवन के बंद कमरे में कुछ नेताओं से बात की।  जिसे पंचायत चुनाव की तैयारी और नगर निगम में एम आई सी के गठन को लेकर चल रही उठापटक से भी जोड़कर देखा गया । जो भी हो लेकिन टी एस बाबा का आना और जाना यह बताता है कि बिलासपुर शहर की सियासत में उनकी दिलचस्पी पहले से ही रही है । जो अब धीरे-धीरे बढ़ते क्रम पर है।  इसकी रफ्तार कैसी होगी यह आने वाला वक्त ही बताएगा।

इस हफ्ते नागरिकता संशोधन कानून के मुद्दे पर बीजेपी खेमे में भी हलचल नजर आई । इस कानून के समर्थन में पार्टी ने जन जागरण अभियान शुरू किया है।  इसे लेकर मानव श्रृंखला भी बनाई गई।  बीजेपी की एक अहम बैठक पार्टी कार्यालय में हुई । जिसमें पार्टी नेताओं ने इस बात पर जोर दिया की सीएए को लेकर आम जनता के बीच अफवाह फैलाई जा रही है।  इन अफवाहों को दूर करने के लिए पार्टी के कार्यकर्ता घर-घर जा जाएंगे और लोगों के सामने सच्चाई रखेंगे।  बीजेपी ने इस मुद्दे को लेकर पोस्टकार्ड अभियान भी शुरू कर दिया  और आने वाले दिनों में ज़नज़ागरण रैली निकालने का भी फैसला कर लिया है।  इस बैठक में पंचायत चुनाव को लेकर भी चर्चाएं हुई । बीजेपी नेताओं ने जिला पंचायत और जनपद पंचायत स्तर पर अपने अधिकृत उम्मीदवारों की जीत को लेकर भी रणनीति बनाई । धान खरीदी के मुद्दे पर भी भूपेश सरकार को घेरने की रणनीति पर विचार हुआ है।  बीजेपी की इस सक्रियता का असर आने वाले दिनों की सियासत पर नजर आ सकता है ।

शिक्षाकर्मियों के संविलियन से जुड़ी खबरें भी इस हफ्ते सुर्खियों में रही।  जिसमें 8 साल की सेवा पूरी कर चुके शिक्षाकर्मियों के संविलियन के आदेश की चर्चा तो रही… साथ ही यह मुद्दा भी उठा कि संविलियन के बाद मध्य प्रदेश के शिक्षकों को अधिक लाभ मिला है।  जबकि छत्तीसगढ़ के शिक्षक अभी भी इन सुविधाओं से वंचित है । शिक्षाकर्मी की व्यवस्था अविभाजित मध्यप्रदेश में लागू की गई थी । नया राज्य बनने के बाद यह व्यवस्था जस की तस बनी रही । संविलियन और दूसरी सुविधाओं के मुद्दे पर शिक्षाकर्मियों के संगठन लगातार मांग करते रहे हैं।  सरकार के स्तर पर बातचीत भी होती रही है।  कुछ मसलों का हल समय के साथ निकला भी है।  लेकिन अभी भी कई मुद्दों पर बात नहीं बन सकी है । जिसे लेकर समय-समय पर ज्ञापन और मांग पत्र का सिलसिला चलता रहा है ।सरकार और शिक्षाकर्मियों के रुख़ को दो देखते हुए यह कहा जा सकता है कि अभी यह सिलसिला आगे भी जारी रह सकता है।

बिलासपुर की सिरगिटी  पुलिस ने टेलीफोन कॉल कर ठगने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश करने में कामयाबी हासिल की । टेली फ्रॉड के इस मामले में चार आरोपी बिहार से पकड़े गए हैं ।  बिलासपुर में पिछले दिनों हुई टेली फ़्राड की घटनाओं में जिन नंबरों का इस्तेमाल किया गया था ….उसके लोकेशन बिहार में मिलने के बाद पुलिस ने यह कार्यवाही की थी और आरोपियों को पकड़ने में कामयाबी भी हासिल की।  पकड़े गए लोगों ने छत्तीसगढ़ सहित उड़ीसा ,महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में भी लोगों को टेलीप्रॉड का शिकार बनाया है । उम्मीद की जा रही है कि पकड़े गए लोगों से पूछताछ के बाद कुछ और मामलों का खुलासा हो सकता है। जैसे-जैसे मोबाइल और इंटरनेट का चलन बढ़ता जा रहा है…. टेली फ्रॉड के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं…। इसे देखते हुए लोगों की जागरूकता भी जरूरी है और पुलिस का भी  सजग होना लाजिमी है । ऐसे मामले आस-पास अक्सर सुनाई देते हैं। जिनमें शिकार लोग भी अगर निगरानी रखें और पुलिस भी तत्परता दिखाए तो अपराधियों तक पहुंचा जा सकता है।

बिलासपुर का कानन पेंडारी नए साल की शुरुआत में सैलानियों की भीड़ -भाड़ और चहल-पहल की वजह से सुर्खियों में रहता है । लेकिन इस बार  दो  विभाग के आमने – सामने आने की वजह से कानन पेंडारी सुर्खियों में रहा।  एक प्रशासनिक अधिकारी के परिवारजन कानन पेंडारी घूमने आए थे । आरोप है कि इस दौरान फारेस्ट अफसर ने एक महिला के साथ कथित तौर पर बदसलूकी की । इसके बाद फॉरेस्ट  अफ़सर के खिलाफ गाड़ी चेकिंग के नाम पर कार्यवाही हो गई । मामला तूल पकड़ा और सरकार के ही दो  विभाग के लोग एक दूसरे के आमने-सामने हो गए । इस पर जांच की मांग भी हुई और कार्यवाही को लेकर संगठन के लोग भी आगे आए । हर मामले की तरह इस मामले में भी सच तभी सामने आ सकेगा । जब जांच पूरी होगी और जांच कब पूरी होगी यह आने वाला वक्त ही बता सकता है।

बिलासपुर जिले को विभाजित कर बनाया जा रहा है नया जिला गौरेला-पेंड्रा –मरवाही…….।  जिसकी तैयारियों की खबरों ने भी इस हफ्ते मीडिया में अपनी जगह बनाई । जिसमें प्रमुख खबर यह है कि आईएएस शिखा राजपूत को नए जिले गौरेला -पेंड्रा -मरवाही के लिए ओएसडी नियुक्त किया गया है । माना जा रहा है कि शिखा राजपूत इस नए जिले की पहली कलेक्टर हो सकती हैं। इसके साथ ही नए जिले को लेकर कई और तैयारियों की खबर सामने आई । जिसमें एक तो यह भी है कि नए जिले गौरेला- पेंड्रा- मरवाही में पुलिस जवानों और अफसरों की पोस्टिंग की भी तैयारियां हो रही है और इसकी कवायद शुरू हो चुकी है । इस सिलसिले में जिला पुलिस कप्तान में सभी थाना और चौकी प्रभारियों को वायरलेस मैसेज भेज कर नए जिले में पोस्टिंग चाह रहे पुलिस जवानों और अफसरों की जानकारी मंगाई है। नया जिला मुख्यालय बनाने को लेकर गौरेला- पेंड्रा -मरवाही इलाके में भी हलचल तेज हो गई है।  इस सिलसिले में नए जिले की स्थापना के लिए सरकार की ओर से 10 फरवरी की तारीख तय की गई है । इसी दिन इलाक़े क़ा कई बार प्रतिनिधित्व कर चुके स्वर्गीय राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल का जन्मदिन भी है। जिससे नया ज़िला बनने के साथ ही पंडित राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल की यादें भी चिरस्थाई हो ज़ाएंगी ।  लोगों को अब इस तारीख का ही इंतजार है।

इस हफ्ते शहर के लोगों ने बिलासपुर रेलवे जोन आंदोलन को याद किया।  यह ऐतिहासिक आंदोलन 15 जनवरी 1996 को हुआ था । इस आंदोलन के बाद भी बिलासपुर रेलवे जोन की मांग को लेकर मुहिम जारी रही और आखिर बिलासपुर की जीत हुई । 24 साल पहले लड़ी गई लड़ाई को याद करके आंदोलनकारियों ने अपने संस्मरण सुनाए । यह बात भी सामने आई कि जिस मकसद को लेकर यह लड़ाई लड़ी गई थी वह अभी भी पूरी नहीं हुई है । रेलवे जोन का लाभ इस इलाके के लोगों को मिले ,इसके लिए मुहिम आगे भी जारी रखनी होगी । रेलवे जोन आंदोलन की याद करते हुए लोगों ने हवाई सुविधा की मांग को लेकर जारी जन आंदोलन को तेज करने पर भी बल दिया।  हवाई सुविधा की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन पिछले दो महीने से अधिक समय से जारी है । इस लड़ाई को भी आखरी मुकाम तक पहुंचाने के लिए मुहिम तेज होगी। इसकी झलक इस हफ्ते मिली….।

इस हफ्ते केयरटेकर की मौत से जोगी बंगला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया।  बुधवार की शाम खबर सामने आई कि मरवाही सदन के केयरटेकर संतोष कौशिक उर्फ़ मनवा ने  बंगले में ही फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली……।  वह बंगले का पुराना केयरटेकर  था और उसकी मौत की खबर से हलचल मची । परिवार के लोगों ने पुलिस को बताया कि बंगले में चोरी की घटना को लेकर संतोष कौशिक को प्रताड़ित किया गया था । परिवार के लोगों ने संतोष कौशिक की खुदकुशी के लिए जोगी पिता – पुत्र को जिम्मेदार ठहराया था । पुलिस ने इस मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और मरवाही विधायक अजीत जोगी और उनके बेटे छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का जुर्म दर्ज कर दिया है । इस कार्रवाई के बाद अमित जोगी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि सत्ताधारी दल के इशारे पर एफ आई आर दर्ज किया गया है ।उन्होंने मजिस्ट्रेट या सीबीआई से जांच कराने की मांग भी कर दी है।  अब देखना यह है कि इस नए विवाद के बाद आगे किस तरह की तस्वीर बनेगी।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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