जिला प्रशासन की ताबड़तोड़ कार्रवाई..6 लाख से अधिक आवेदनों का निराकरण ..बिलासपुर को पहला स्थान..राजधानी को 23, राजनांदगांव को अतिंम जगह

BHASKAR MISHRA

बिलासपुर—- बहुत दिनों बाद बिलासपुर के लिए अच्छी खबर है। कुछ एक महीने पहले प्रदेश में हर मोर्चे पर फिसड्डी साबित वाला जिला..लोकसेवा गारंटी आवेदनों के निराकरण में पहला स्थान हासिल किया है। मतलब जिला प्रशासन की तरफ से पहली बार जनहित के मुद्दों को ना केवल गंभीरता से लिया गया। बल्कि समस्यायों का निराकरण प्राथमिकता से हुआ। खासकर जब बिलासपुर के अधिकारियों के बीच आवेदनों के निराकरण को लेकर ना के बराबर उत्साह दिखाई देती हो। निश्चित रूप से इसका श्रेय नए मुखिया की भगीरथ प्रयास को जाता है। चन्द दिनों में लोकसेवा गारंटी आवेदनों के पहाड़ को देखते ही देखते शून्य पर ला दिया

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कलेक्टर का विशेष प्रयास

                                 जानकारी के अनुसार कलेक्टर सारांश मित्तर का अपना एक रिकार्ड रहा है। बलौदा बाजार से लेकर सरगुजा तक उन्होने अधिकारियों से जमकर काम लिया। चुनौतियों को ना केवल अधिकारियों से सामना करवाया। बल्कि जहां जहां रहे..जिले को नम्बर एक बनाया। सरगुजा की उपललब्धि किसी से छिपी नहीं है। इसकी शुरूआत अरपा तट से शुरू होकर दिखने लगी है। अब लोक सेवा गारंटी को लेकर लाखों आवेदनों का निराकरण चन्द में दिनों होना जिला प्रशासन की सक्रियता का सबसे बड़ा उदाहरण है।

खत्म हो गयी पेन्डेसी

                  जानकारी हो कि इन दिनों लोकसेवा केन्द्रों की आवेदनों की पेन्डेसी लगभग खत्म हो गयी है। सभी काम समय सीमा में निराकृत किये जा रहे हैं। बताते चलें कि राज्य शासन की प्राथमिकता वाली योजनाओं में शामिल लोक सेवा गारंटी के तहत विभिन्न विभागों की सेवाओं  को पूरा करने की समय सीमा होती है। लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते आवेदनों को गंभीरता से नहीं लिया जाता रहा है । इन दिनों सारे काम समय पर पूरा हो रहे हैं। जिले में योजना की शुरूआत से लेकर अब तक 6 लाख 68 हजार 837 से अधिक आवेदनों का चन्द दिनों में ना केवल निराकरण किया गया। बल्कि ऐसा कर जिले नें प्रकरणों का निराकरण कर प्रदेश में पहला स्थान बनाया।

जिलेवार लंबित आवेदनों की संख्या

                                                     जिला प्रशासन के सख्त रूख के बाद बिलासपुर नगर निगम में सर्वाधिक 93 हजार से अधिक आवेदनों का निराकरण किया गया। बिलासपुर तहसील में 89 हजार से अधिक, मस्तूरी में 69 हजार से अधिक, बिल्हा में 59 हजार से अधिक,तखतपुर में 52 हजार से अधिक आवेदनों का निराकरण चन्द दिनों में हुआ। 

                       कलेक्टर सारांश मित्तर ने बताया कि समस्या का निराकरण जितने जल्दी और प्राथमिकता से किया जाए..गुड गवर्नेस के लिए उतना ही बेहतर होता है। अधिकारियों ने बेहतर काम कर आवेदनों का निराकरण प्राथमिकता के आधार पर किया है। कलेक्टोरेट में लंबित करीब 43 हजार आवेदनों का निराकरण हुआ है। कोटा तहसील में 93 हजार प्रकरणों का विभागवार निराकरण किया गया है। रतनपुर में 30 हजार से अधिक और सीपत उप तहसील में 26 हजार से अधिक लंबित आवेदनों को गंभीरता से लिया गया। इसके अलावा सकरी,गनियारी,बेलगना उपतहसिलों में करीब 67 हजार से अधिक प्रकरणों को निराकृत किया गया है।

6 लाख से अधिक प्रकरण निराकृत

                               कलेक्टर ने जानकारी दी कि कुल 668837 लंबित प्रकरणों में से 610611 प्रकरणों का निराकरण करते हुए 91 प्रतिशत से अधिक आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है। इसमें अस्थायी आवेदनों की संख्या 33 और वापस किए गए आवेदनों की संख्या 37941 है। मात्र 1346 प्रकरण ही लंबित है। तकनिकी खामियों को दूर कर उसे भी अनुमोदित कर दिया जाएगा।

बिलासपुर पहला..राजधानी 23 वें स्थान पर

                                                जानकारी हो कि शासन ने हाल फिलहाल लोकसेवा गारंटी लंबित प्रकरणों को लेकर एक रिपोर्ट प्रकाशित किया है। रिपोर्ट में पहली बार रिकार्ड लंबित प्रकरणों का निराकरण करने के कारण बिलासपुर को 91.3 प्रतिशत के साथ प्रदेश में पहला स्थान मिला है। बताते चलें कि रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि बिलासपुर में सबसे ज्यादा साढ़े 6 लाख से अधिक आवेदन हैं। बावजूद इसके जिला प्रशासन ने लंबित प्रकरणों को चन्द दिनों में निराकृत कर दिखाया है। जबकि राजनांदगांव जिले को लंबित प्रकरणों के निराकरण में अंतिम स्थान मिला है। और राजधानी रायपुर को 23 वां स्थान हासिल हुआ है। यद्यपि इन दोनों ही जिलों का आवेदन प्रकरण निराकरण प्रतिशत बिलासपुर के बराबर ही है। लेकिन लंबित आवेदनों की संख्या अब भी अधिक है। इस कारण दोनों शहरों को 23 और 27 वां स्थान हासिल हुआ है।

समय पर होंगे सारे काम..खत्म होगी पेन्डेन्सी

                   अधिकारियों ने अच्छा काम किया। विपरीत परिस्थितियों में सभी  ने मिलकर जनहित के कार्य़ों को प्राथमिकता के साथ ना केवल पूरा किया। बल्कि अधिकारियों ने प्रदेश में अपनी छाप छोड़ी है। लोकसेवा गारंटी का काम समय सीमा के अन्दर ही करना होता है। अधिकारियों ने ऐसा कर दिखाया। प्रयास रहेगा कि सभी क्षेत्रों की पेन्डेन्सी को दूर किया जाएगा। काम को समय सीमा में ही पूरा किया जाएगा।

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