जिला प्रशासन से मिला पुलिस परिवार.. बताया बर्खास्त जवान की हालत खराब. आरक्षक ने कहा जबरदस्ती जूस पिलाने का हुआ प्रयास

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—-छत्तीसगढ़ पुलिस परिवार के सदस्यों ने सोमवार को मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य और गृहमंत्री समेत डीजीपी के नाम जिला प्रशासन को अलग अलग ज्ञापन  दिया है। कलेक्टर की अनुपस्थिति में पुलिस परिवार के लोगों ने एडिश्लल कलेक्टर बीएस उइके को बताया कि पिछले सात दिनों से बर्खास्त पुलिस जवान पांच सूत्रीय मांग को लेकर अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल पर है। वर्तमान में उसे सिम्स में रखा गया है। सात दिनों से खाना पीना नहीं होने से स्वास्थ्य लगातार गिर रहा है। 

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              छत्तीसगढ़ पुलिस परिवार के सदस्यों ने सोमवार को कलेक्टर की अनुपस्थिति में एडिश्नल कलेक्टर को सीएम, स्वास्थ्य और गृहमंत्री समेत डीजीपी को निवेदन पत्र दिया है। मुख्यमंत्री के नाम लिखे पत्र में पुलिस परिवार के सदस्यों ने  बताया कि बजट सत्र से पहले सीएम समेत कैबिनेट के अन्य मंत्रियोंने आश्वासन दिया था कि पुलिस सुधार को लेकर सरकार गंभीरता से काम करने वाली है। मामले को लेकर सलाहकार की नियुक्ति होगी। टोलफ्री हेल्पलाइन नम्बर जारी किया जाएगा। लेकिन बजट में ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिला है। जिससे पुलिस परिवार के सदस्य बहुत छला महसूस कर रहे हैं। निवेदन है कि मुख्यमंत्री अपने विशेषाधिकार का उपयोग करते हुए सकारात्मक आदेश जारी करें। 

                 पुलिस परिवार के सदस्यों ने इसके अलावा एक ज्ञापन प्रमुख मंत्रियों समेत डीजीपी के नाम भी दिया है। पत्र में पांच सूत्रीय मांगो का जिक्र करते हुए कहा गया है कि बर्खास्त आरक्षक इस समय जीवन और मौत के बीच झूल रहा है। पांच सूत्रीय मांग को लेकर पिछले सात दिनों ने अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल पर है। उसकी सेहत दिनों दिन गिरती जा रही है। 

              पुलिस परिवार के सदस्यो ने पत्र में पांच सूत्रीय मांग का भी जिक्र किया है। एडिश्नल कलेक्टर से मिलने के बाद सदस्यों ने पत्रकारों को बताया कि हम सभी चाहते हैं कि कार्यक्षेत्र में जवानों की मौत होने पर शहीद का दर्जा दिया जाए। पुलिस जवानों के साथ प्रताड़ना बन्द हो। जवानों को साप्ताहिक अवकाश के अलावा रिस्पांस भत्ता और आंदोलन के दौरान बर्खास्त किए गए जवानों को जल्द से जल्द बहाल किया जाए।

जबरदस्ती जूस पिलाने का प्रयास

             सिम्स में भर्ती के दौरान भूखहड़ताल कर रहे बर्खास्त आरक्षक रोहिणी और पुलिस परिवार के सदस्यों ने बताया कि कुछ नर्सों ने रोहिणी को जबरदस्ती जूस पिलाने का प्रयास किया है। इस प्रकार की हरकत ठीक नहीं है। जब तक पांच सूत्रीय मांग को माना नहीं जाता है। तब तक वह भूख हड़ताल तोड़ने का सवाल ही नहीं उठता है।

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