जिला शिक्षा विभाग में पद की चोरी…सौदा के बाद मिला चहेतों को आशीर्वाद…पहले बताया गया था पद खाली नहीं

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— जिला शिक्षाे विभाग में स्थानांतरण के नाम पर झूठ फरेब का कारोबार जमकर फलफूल रहा है। मजेदार बात है कि बेचारे जिला शिक्षा  अधिकारी को इस बात की जानकारी भी नहीं है….कि विभाग में झूठ फरेब का कारोबार उन्ही के इशारे पर चल रहा है। चाहे शिक्षाकर्मी स्थानांतरण की बात हो या स्कूलों में खाली पदों की जानकारी की…। शिक्षा विभाग में बिना आदान प्रदान के कुछ भी संभव नहीं है। जिला शिक्षा विभाग में झूठ फरेब कारोबार का एक ताजा मामला फिर  से सामने आया है। सात महीने पहले शिक्षक को विभाग ने बताया कि अर्थशास्त्र,भूगोल और इतिहास का एक पद भी खाली नहीं है। बल्कि अतिशेष की स्थिति है। लेकिन अगस्त की स्थानांतरण सूची में पद भी खाली हो जाता है और रसूखदार लोगों का स्थानांतरण भी होता है।
                     स्थानांतरण उद्योग का आरोप किसी विभाग पर सटीक बैठे या नहीं…लेकिन जिला शिक्षा विभाग पर सटीक बैठता है। हाल फिलहाल आरोप लगने की जानकारी मिल रही थी कि विभाग का एक कर्मचारी लोगों से रूपए लेकर जिले के खाली पदों की जानकारी देता है। लेकिन अब नया मामला सामने आया है । जिला शिक्षा अधिकारी की शह पर सात महीने पहले विभाग के कर्मचारी ने एक व्याख्याता को बताया कि जिले में इतिहास, भूगोल और अर्थशास्त्र विषय का एक पद भी खाली नहीं है। बाद में पता चलता है कि ना खाली होते हुए भी मालदार को पद थमा दिया जाता है।
                               जानकारी के अनुसार बुधराम लहरे, शासकीय मिडिल स्कूल पचपेड़ी में एक साल पहले प्रधानपाठक हुआ करते थे। दिसंबर 2018 में प्रमोशन के बाद बुधराम लहरे को व्याख्याता अर्थशास्त्र/भूगोल के पद पर हाईस्कूल पंडरिया जिला- बलौदा बाजार भेज दिया गया।  इसके पहले बुधराम लहरे ने विभाग पहुंचकर जानने का प्रयास किया कि जिले में शायद अर्थशास्त्र , इतिहास और भूगोल के लिए कही व्याख्याता पद खाली हो। लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पदस्थ कर्मचारी विकास तिवारी ने बुधराम को बताया कि बिलासपुर जिले में व्याख्याता भूगोल, अर्थशास्त्र और इतिहास का एक भी पद खाली नहीं है। बल्कि अतिशेष की स्थिति है। इस सम्बन्ध में एक सूची डीपीआई रायपुर में भी चस्पा की गयी है। पद खाली नहीं होने की जानकारी में बुधराम लहरे को मन मानकर हाईस्कूल पंडरिया ज्वाइन करना पड़ा।
                                 हाल फिलहाल  अगस्त 2019 के स्थानांतरण आदेश में यकायक भूगोल अर्थशास्त्र और इतिहास विषय के ना केवल पद खाली मिले… बल्कि खाली पदों पर कर्मचारियों को नियुक्त भी किया गया है। समझने वाली बात है कि सात महीनेे पहले जिले में अर्थशास्त्र और भूगोल विषय के एक पद भी खाली नहीं थे। फिर यकायक पद कहां से आ गया। जबकि तात्कालीन समय बुधराम लहरे को विकास तिवारी ने बताय़ा था कि  जिले में अतिशेष की स्थिति है।
                बताते चलें कि इस दौरान किसी  ना तो किसी का स्थानांंतरण हुआ और ना ही नया पद सृजन ही हुआ।  बावजूद इसके स्थानांतरण लिस्ट में संख्या क्रमांंक 40 में संजीव शुक्ला का नाम शहर के चांटीडीह स्कूल में अर्थशास्त्र और भूगोल विषय के लिए किया गया है। फिर यह कैसे संभव हो सकता है । मामले में जिला शिक्षा विभाग के कर्मचारी और अधिकारी मुंह खोलने को तैयार नहीं है।
              बताते चलें कि संजीव शुक्ला सर्व शिक्षा अभियान कार्यालय बिलासपुर में सहायक परियोजना के पद पर काम कर रहे थे। अगस्त 2019 स्थानारण सूची में उन्हें व्याख्याता भूगोल के पद पर हाईस्कूल चाटीडीह मे पदस्थ किया गया है। सवाल उठता है कि जब जिले में अर्थशास्त्र और भूगोल का पद खाली है ही नहीं तो चांटीडीह स्कूल में चांटीडीह स्कलू में  संजीव शुक्ला को भेजा ही क्यों गया। जानते हुए भी कि सात महीने पहले विषय के लिए कोई पद खाली नहीं था । इस बीच किसी का स्थानांतरण भी नहीं हुआ। यदि पद खाली था तो बुधराम लहरे को जानकारी क्यों नहीं गी गयी। और अब संजीव शुक्ला को पदस्थ कर दिया गया है।
                                   जानकारी हो कि हाईस्कूल चाटीडीह में पिछले 2 सालों से किसी प्रकार का कोई स्थानांतरण नहीं हुआ है। बावजूद इसके पद खाली कैसे हुआ…समझने की बात है।  इसी तरह बिलासपुर जिले के कोटा स्थित हाईस्कूल पीपरतराई में इतिहास और हाईस्कूल चकरभाठा में अर्थशास्त्र के पद को भरा गया है। जबकि यहां भी चांटीडीह हाईस्कूल की तरह ना तो पद खाली था और ना ही किसी का स्थानांतरण हुआ। लेकिन अगस्त 2019 की स्थानांतरण सूची में अखिलेश तिवारी को चकरभाठा कन्या हाईस्कूल में स्थानांतरण का तोहफा दिया गया। इसके साथ ही स्थानांतरण सूची क्रमांक 42 में सहायक कार्यक्रम समन्वयक मुकेश पाण्डेय को इतिहास विषय का व्याख्याता बनाकर पीपरतराई कोटा भेजा गया।
                           यह जानते हुए भी कि चकरभाठा और पीपरतराई में बुधराम लहरे के स्थानांतरण के समय इतिहास, भूगोल और अर्थशास्त्र का पद रिक्त नहीं था। मात्र सात महीने में बिना किसी के स्थानांतरण या नए पद का सृजन किए अखिलेश और मुकेश को पद कहां से लाकर दिया गया। मतलब साफ है कि जिला शिक्षा विभाग में स्थानांतरण का धंधा चल रहा है बल्कि पद की चोरी भी हो रही है। फिलहाल जिला शिक्षा अधिकारी सवाल का जवाव देने से बच रहे हैं। विकास तिवारी भी फोन उठाने से परहेज कर रहे हैं।
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