जीएसटीःपान मसाला की कालाबाजारी…दुकानदार वसूल रहे मनमाना दाम

BHASKAR MISHRA
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gutkhaबिलासपुर— एक अगस्त को जीएसटी को लागू होते एक महीना हो जाएंगे। जीएसटी पर आम आदमी कम व्यापारियों में कुछ ज्यादा ही घमासान है।  से लेकर आम लोगों के दिमाग में जीएसटी अभी चढ़ा ही नहीं है। महंगाई को लेकर जरूर खिच खिच है। व्यापारियों की माने तो जीएसटी से मुनाफे में नुकसान हुआ है। लेकिन जनता को महंगाई से राहत नहीं मिलने वाली है।

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                         ज्यादातर सामान्य लोगों में जीएसटी अभी समझ में नहीं आ रहा है। महंगाई को जरूर महसूस कर रहे हैं। कुछ चतुर सुजान व्यापारी जीेसटी का भरपूर फायदा भी उठा रहे हैं। पुराने स्टाक पर जीेएसटी के नाम जमकर कालाबाजारी कर रहे हैं।

                 पान मसाला, तम्बाकू, बीड़ी सिगरेट समेत एक्साइज ड्यूटी वाले सामाग्रियों पर जमकर कालाबाजारी हो रही है। पुराने स्टाक पर मनमाफिक वसूली हो रही है। राजश्री और विमल पान पसंद करने वालों को पुराना स्टाक दो गुना दाम पर खिलाया जा रहा है।

                                       जानकारी के अनुसार शहर में राजश्री मसाला का करोड़ों रूपए का पुराना स्टाक है। ज्यादातर स्टाक को सरकार के सामने नहीं रखा गया है। बावजूद इसके जीएसटी के नाम पर राजश्री पान मसाला दुगुने दाम पर बेचा जा रहा है। 122 रूपए का राजश्री पैकेट स्टाकिस्ट आजकल  160 रूपए में बेच रहा है। पान पराग का पैकेट 226 रूपए से 260 रूपए हो गया है। छोटा पान पराग 126 की जगह 160 में सेल हो रहा है।

फ्लैक ब्रांड का एक पैकेट सिगरेट बाजार में अभी भी 50 रूपए में है। किंग साइज के सिगरेट के दाम बढ़ गए हैं। गोल्ड फ्लैक का एक पैकेट 80 से 115 रूपए हो गया है। गोल्ड फ्लैक का बड़ा पैकेट 100 की वजाया 140 रूपए में बिक रहा है।

विमल पान मसाला की कीमत में भी इजाफा हुआ है। 100 की जगह विमल का छोटा पैकेट 140 में बिक रहा है। चमन बहार, बाबा 120,जाफरानी पत्ती और अन्य तम्बाकूओं पर बेतहासा वसूली हो रही है। नए पैक में विमल पान मसाला की मात्रा ना केवल कम हो गयी है..। जिस स्टाक को सरकार से छिपा कर रखा गया उसे भी बढ़े हुए दाम पर बेचा जा रहा है।

पुराने माल पर जीएसटी वसूली

                     कर विशेषज्ञों और सेल्स टैक्स विभाग के अनुसार जिस स्टाक को शो कर दिया गया है चाहे वह पुराना ही क्यों ना हो बिक्री जीेएसटी के अनुसार होगी। यदि पुराने स्टाक को शो नहीं किया गया है…ना ही टैक्स भुगतान नहीं हुआ है तो…ऐसे सामानों की बिक्री अपराध है। सेल्स टैक्स विभाग के अधिकारी ने बताया कि सरकार ने व्यापारियों को एक साल के स्टाक को शो करने के लिए कहा था। व्यापारियों ने ऐसा किया भी। उन्होने टैक्स भी पटाया है।

पान मसाला सामाग्रियों की करोड़ों में स्टाक

                 जानकारी के अनुसार जीएसटी लागू होने से पहले राजश्री,विमल के थोक विक्रेताओं के पास करोड़ों का स्टाक जमा था। जीएसटी लागू होने से पहले कुछ स्टाक को व्यापारियों ने सार्वजनिक किया। लेकिन ज्यादातर स्टाक दबाकर रखा। आबकारी टैक्स नहीं दिए जाने से सरकार को नुकसान हुआ है।बावजूद इसके गुप्त स्टाक को जीएसटी के बहाने मनमानी दामों में बेचा जा रहा है। सूत्रों के अनुसार अकेले बिलासपुर शहर में राजश्री पान मसाला का गुप्त स्टाक  पांच गोदामों में है। जिस स्टाक को सार्वजनिक किया जा रहा है…दरअसल सरकारी दस्तावेज में दर्ज हैं। बाकी माल दस्तावेज के सहारे बेचा जा रहा है।

क्यों नहीं किया सार्वजनिक

                  जीएसटी लागू करने से पहले सरकार ने स्पष्ट किया था कि 1 जुलाई 2017 से 1 जुलाई 2016 के बीच के स्टाक को सार्वजनिक किए जाने पर जरूरी कर रोपण के बाद उसकी बिक्री जीएसटी के अनुसार होगी। 1 जुलाई 2016 के बाद के सभी स्टाक पर 60 और 40 के अनुपात पर आईटीआर टैक्स का प्रावधान है। लेकिन व्यापारियों ने पुराने स्टाक को सार्वजनिक नहीं किया। इतना ही नहीं 1 जुलाई 2017 से 1 जुलाई 2016 के बीच का आधा स्टाक भी गुप्त रखा।

हर्रा ना फिटकरी चोखा रंग

                चोरी के स्टाक पर ना तो वैट टैक्स है और ना ही एक्साइलज टैक्स। फिर भी पान मसाला व्यापारी खुलेआम पर बिना टैक्स पटाए दुगुने दाम पर व्यापार कर रहे हैं। यानि पान मसाला व्यापारी दोनो हाथ से टैक्स चोरी कर दोनों हाथ से कालाधन इकठ्ठा कर रहे हैं।

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