बिलासपुर— चिचिरदा निवासी जीवन का आरोप है कि सरपंच और सचिव ने पूर्व में आवास के लिए शासन की तरफ से दिए गए जमीन को बेच दिया है। गरीबी रेखा में शामिल होने के बाद भी उसे आवास नहीं दिया गया है। मांग करने और गलत काम का विरोध किया तो सचिव और सरपंच ने गुंडो पिटवाया। अब कहते हैं कि जो कुछ करना है कर लो ना जमीन मिलेगी और ना ही आवास मिलेगा। जिला प्रशासन से जीवन ने न्याय की गुहार लगायी है।
जीवन ने बताया कि वह इस समय रिक्शा चलाता है। इसके पहले हॉटल में वेटर का काम करता था। किसी तरह छोटे मोटे काम कर परिवार का गुजारा करता है। सरकार ने एक योजना के तहत साल 2006 में घर बनाने के लिए एक प्लाट दिया। रूपए नहीं होने के कारण घर नहीं बनवा पाया। किसी तरह टूटी फूटी झोपड़ी बनाकर रहना शुरू किया। बाद में तात्कालीन सरपंच ने उसका नाम गरीबी रेखा मेंं डाल दिया। सरकार ने खाली प्लाट में घर बनाकर देने का आश्वासन दिया। जब घर बनाने की बारी आयी तो वर्तमान सरपंच और सचिव ने जमीन छीनकर बेच दिया। किसी दूसरे को आवास बनाकर दे दिया है।
जीवन ने बताया कि कलेक्टर कार्यालय में भी उसकी फरियाद नहीं सुनी जा रही है। कई बार चक्कर लगा चुका हूं। फरियाद नहीं सुने जाने पर सरपंच और सचिव का मन बढ़ गया है। शिकायत की बात करने पर रोज मारपीट करते हैं। साथ ही जान से मारने की धमकी भी देते हैं। जीवन ने कहा कि सरपंच पुनीता साहू और सचिव ने उसका जीना मुश्किल कर दिया है।
जीवन कहा कि सरपंच और सचिव ने मिलकर गरीबी रेखा में शामिल लोगों को दिए जाने वाले आवास में भ्रष्टाचार किया है। आवास पाने वालों में दर्जनों हितग्राहियों की मौत हो चुकी है। बावजूद इसके दोनों ने मिलकर सरकारी आवास का लाखों रूपए निकालकर खा लिया है। मुंह खोलने पर जान से मारने की बात करते हैं। जब तब कुछ गांव वालों को उकसाकर मारपीट करवाते हैं। जीवन ने यह भी बताया कि चिचिरदा में शौचालय निर्माण में भारी हेरफेर किया गया है। आवास के लिए गरीबों को कमीशन देना पड़ता है। जिन्होने कमीशन नहीं दिया उन्हें आवास की सूची से बाहर कर दिया जाता है।