बिलासपुर—- कानन जुलाजिकल पार्क में पहली बार बार्किंग डीयर शावक ने जन्म लिया है। इसके पूर्व कानन पेण्डारी में कोटरी प्रजाति मे प्रजनन नहीं होने से इनमें वंश वृद्धि नहीं हो पा रही थी। कानन पेण्डारी जू में यह पहला अवसर है कि मादा कोटरी ने नन्हें शायव को जन्म दिया है। मादा कोटरी को ग्वालियर जू से ब्रिडिंग हेतु लाया गया था। उनमें से एक मादा कोटरी ने दोपहर बाद एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया है। ग्वालियर से दो नग मादा कोटरी कानन लाया गया था। दूसरी भी निकट भविष्य में बच्चा देने वाली है।
कानन पेण्डारी में एक समय चार नग नर कोटरी थे। इनमें से एक की मौत आपसी संघर्ष पहले ही हो चुकी है। बाद में मालूम हुआ कि कोटरी में इस प्रकार का संघर्ष ब्रिडिंग सीजन अप्रैल-मई माह में अक्सर होता है। इसके बात के मद्देनज़र बाड़े में पार्टिशन कर अलग-अलग रखा जाने लगा। इनमें ब्रिडिंग हेतु ग्वालियर जू से सम्पर्क कर दो मादा कोटरी फरवरी 2015 में लाया गया था। दोनो को अलग अलग नर कोटरी के साथ रखा गया। जिसका परिणाम आज प्राप्त मिला है। कोटरी शावक का लिग परीक्षण अभी नहीं हुआ है।
इस समय कानन में कुल सात कोटरी शामिल हैं जिनमें नर तीन और मादा कोटरी की संख्या चार है। नये मेहमान के आने से इनकी संख्या अब आठ हो गई है। कोटरी को बार्किंग डीयर भी कहा जाता है। बताया जाता है कि कहीं भी खतरे की अंदेशा होने पर वह कुत्ते की तरह भौंकने लगता है। इस प्रकार का लक्षण खासतौर पर नर कोटरी में ही होता है।