नईदिल्ली।केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि एनडीए सरकार को बदनाम करने के लिये माओवादियों की सहायता लेना एक खतरनाक तरीका है। साथ ही कहा है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के बाहर उनकी गतिविधियां चिंता का कारण हो सकती हैं। जेटली ने अपने ब्लॉग में राजनीतिक दलों पर हमला करते हुए कहा है कि माओवादियों का इस्तेमाल कुछ दल एनडीए के खिलाफ हथियार के तौर पर कर रहे हैं।उनका ये बयान उस मसले पर आया है जब एक व्यक्ति के कथित तौर पर माओवादियों के साथ संबंध होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया और उसके घर से एक पत्र मिला है, जिसमें कहा गया है, ‘माओवादी राजीव गांधी की तरह ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की रोड शो के दौरान करन की योजना बना रहे हैं।’
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अपने ब्लॉग में उन्होंने कहा है, ‘दुर्भाग्य से कुछ राजनीतिक दल माओवादियों को एनडीए के खिलाफ अपने हथियार के तौर पर देख रही हैं। आतंक का इतिहास हमें एक चीज़ सिखाता है। कभी चीते की सवारी नहीं करनी चाहिये, हो सकता है कि आप उसके पहले शिकार हों।’उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में दिखा है कि माओवादियों की गतिविधियां उन इलाकों में बढ़ी हैं जहां वो नहीं थे।
जेटली ने कहा है कि माओवादी सिर्फ सरकार ही नहीं पूरी संवैधानिक प्रणाली को हिंसा कर फेंक देना चाहते हैं। उनकी नज़र में किसी का कोई बुनियादी अधिकार नहीं होता है ये बात राजनीतक दलों को समझना होगा।लेकिन अपने राजनीतिक हितों को साधने के लिये उनसे सहानुभूति रखने वाले लोकतांत्रिक मुहावरों का पूरा इस्तेमाल करते हैं।
उन्होंने यूपीए के दौरान राज्यसभा में हुई चर्चा में कहा था कि देश में चार तरह के माओवादी हैं। पहला जो वैचारिक रूप से पढ़ाए गए, दूसरा हथियारबंद माओवादी, तीसरा- मासूम आदिवासी और वे लोग जिनके साथ अन्याय हुआ है और बहलाया गया है कि माओवादी उन्हें न्याय दिलाएंगे।
उन्होंने कहा के हमें तीसरी श्रेणी के लोगों को गंभीरता से उनकी समस्या को खत्म करना होगा।जेटली ने कहा, ‘चौथी श्रेणी है जैसा कि मैं कहता हूं वो हैं हाफ माओवादी।’
महाराष्ट्र की पुणे पुलिस ने खुलासा किया है कि कुछ माओवादी पीएम मोदी को राजीव गांधी की तरह ही आत्मघाती बम विस्फोट कर उड़ाना चाहते थे। पुणे पुलिस ने 1 जनवरी, 2018 को भीमा-कोरेगांव में हिंसा मामले में रोना जैकब विल्सन, सुधीर ढावले, सुरेंद्र गडलिंग समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया था।