रायपुर— मरवाही विधायक जोगी ने पक्ष और विपक्ष में जुगलबंदी का आरोप लगाया है। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन अमित जोगी आर के राय और सियाराम कौशिक ने के खिलाफ जमकर बोला। जोगी ने प्रेस नोट में बताया कि केन्द्रीय मंत्री उमा भारती मिनिट्स जारी कर छत्तीसगढ़ सरकार को बैराजों के निर्माण को एक हफ्ते के लिए बंद करने कहा था। मुख्यमंत्रियों की बैठक में निर्णय लिया गया है कि महानदी पर नहरों के माध्यम से एक बूँद पानी किसानों को नहीं दिया जाएगा। सरकार ने इसे छिपाकर जनता के साथ धोखा किया है।
सदन में जोगी ने कहा कि हम महानदी के पानी को लेकर छत्तीसगढ़ के हितों के साथ समझौता नहीं होने देंगे। महानदी पर हुए खुलासे पर चर्चा और अशासकीय संकल्प पारित कराये जाने की मांग की। सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अमित जोगी,आरके राय और सियाराम गर्भगृह तक पहुँच गए। विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें निलंबित कर दिया।
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जोगी ने बाहर आकर पत्रकारों को बताया कि सदन में भाग लेने का मतलब ही नहीं है। उनकी बात को सुनी ही नहीं जा रही है। जब बोलने का मौका ही नहीं मिलेगा तो गर्भगृह में जाने के अलावा उनके पास कोई दूसरा रास्ता ही नहीं बचता है। बाहर गाँधी प्रतीमा के नीचे विरोध करें तो आपत्ति और व्यवस्था आड़े आ जाती है। सड़क पर आंदोलन करें तो डंडे से पीटा जाता है।
अमित जोगी ने कहा कि बावजूद इसके उनकी और साथी विधायकों की हिम्मत नहीं टूटने वाली है। उन्होंने कहा कि महानदी मामला उठाने पर उनकी घोर निंदा की गयी। विपक्ष ने भी उनका विरोध किया। कमजोर विपक्ष के भरोसे सरकार ने बहुत राज्य कर लिया। जोगी ने कहा कि सत्ता और विपक्ष के बीच मैच फिक्स है। नेता प्रतिपक्ष सदन के बाहर मुख्यमंत्री को 500 से ज्यादा पत्र लिखने का रिकॉर्ड बनाते हैं। सदन के अन्दर लिखे गए पत्रों में से एक शब्द भी नहीं बोलते है। छत्तीसगढ़ की जनता कमजोर विपक्ष देकर पश्चताप रही है।