रायपुर— पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने डोंगरगढ़ विधानसभा में किसान भूषण गायकवाड़ की मौत के लिए सरकार को जिम्मेदार बताया है। जोगी ने कहा कि भूषण नौजवान किसान था। 70 एकड़ में सब्जी की खेती करता था। कमरतोड़ मेहनत के बाद भी लागत मूल्य नहीं निकला। उसने आत्महत्या कर ली है। अब मामले में अधिकारी लीपापोती कर रहे हैं।
अजीत जोगी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राजनांदगांव में नौजवान किसान की आत्महत्या ने सरकार की कथनी और करनी को उजागर किया है। किसान की मौत से ज्यादा भाजपा को सरकार बचाने की चिन्ता है। नेशनल क्राईम रिसर्च ब्यूरो के अनुसार प्रदेश में हर साल 800 किसान आत्महत्या करते हैं। सरकार रिपोर्ट ना पढकर जिम्मेदारी से बच रही है।
जोगी ने बताया कि प्रदेश में किसान आत्महत्या मामले में सरगुजा का स्थान पहला है। दूसरे स्थान पर राजनांदगांव और कवर्धा का नाम आता है। दुर्भाग्य है कि एक मुख्यमंत्री की कर्मभूमि है तो दूसरा नेता प्रतिपक्ष का गृह जिला है।
जोगी ने बताया कि नेता प्रतिपक्ष कुशासन के खिलाफ विधानसभा में सरकार को घेरने की वजाय अंबिकापुर शहर में 200 एकड़ में तालाब को बचाने की फिक्र में है। सरकारी तालाब को राज्य शासन के शय पर घेरने में लगे है। किसान आत्महत्या कर रहे हैं उन्हें चिंता नहीं है।
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ संस्थापक ने कहा कि 16 जून को प्रदेश के सभी किसान खेत खलियान छोड़कर राजमार्ग में चक्का जाम कर रहे थे। लेकिन प्रदेश का मुखिया कोलकाता में दलित के घर खाना खाकर खुद का प्रचार कर रहे थे।
अजीत जोगी ने कहा कि विधानसभा चुनाव के समय भाजपा ने चुनावी घोषणा पत्र में वादा किया था कि किसानों को 2100 रूपए धान का समर्थन मूल्य और 300 रूपए बोनस देंगे। 5 हार्सपाॅवर पम्प पर किसानों को मुफ्त बिजली देने का वादा किया था। किसानों को मौसम आधारित फसल बीमा में शत प्रतिशत मुआवजा दिये जाने की बात थी। लेकिन सरकार बनते ही वादों को भूला दिया गया। 5 हार्सपाॅवर पम्पों पर मुक्त बिजली के स्थान पर ऐसे मीटर लगाए गए जो अधिक बिजली खपत दिखाते है।
अजीत जोगी ने कहा कि किसानों की दुर्दशा और उपेक्षा को लेकर बड़ा जन आंदोलन आरंभ करेंगे।