रायपुर—पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और बिल्हा विधायक सियाराम कौशिक ने संयुक्त रूप से युवा कांग्रेसी राजेन्द्र तिवारी के आत्मदाह और कृषक जीवनलाल मनहर के आकस्मिक निधन पर श्रृद्धांजलि देते हुये कहा कि जिम्मेदार अधिकारी से राजेन्द्र तिवारी के उपर लगे प्रकरणों पर त्वरित निराकरण करने के लिये कहा गया था। जीवन लाल मनहर की मृत्यु की जांच के लिए तत्काल एफआईआर कराने को भी कहा था। लेकिन किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई। इसके बाद राजेन्द्र तिवारी उर्फ लालू ने एसडीएम कार्यालय के सामने पेट्रोल डालकर आत्मदाह कर लिया। यदि जिला प्रशासन एसडीएम, बिल्हा को तत्काल कार्यवाही के लिए निर्देशित किया होता तो शायद यह घटना नहीं घटती।
जोगी ने बताया कि राजेन्द्र तिवारी की मौत के बाद बिल्हा मोड़ में चक्का जाम किया गया। बिल्हा एसडीएम अर्जुन सिंह सिसोदिया को त्वरित निलम्बन करने का प्रस्ताव सामान्य प्रशासन विभाग को भेजा गया। लेकिन किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं किया जाना चिन्ता का विषय है।
जोगी ने बताया कि प्रकरण को भटकाया जा रहा है। कलेक्टर जिला का अगुवा होता हैं। शासन के प्रतिनिधि होने के कारण वह सिसोदियों को निलंबित कर शासन से अनुमोदन ले सकते था। अनुशंसा को राज्य शासन को स्वीकार करना ही होता है। इस प्रकरण में जिस तरह से जिला प्रशासन ने अतिरिक्त कलेक्टर को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है, यह भी आशंका को जन्म दे रहा है। प्रकरण की जांच कमिश्नर स्तर के उपर के अधिकारी से की जानी चाहिये थी।
जोगी ने कहा कि कृषक जीवन लाल मनहर के प्रकरण में भी शासन ने त्वरित निर्णय लिया होता तो अप्रिय घटना को रोका जा सकता था। यह शासन की किसानों के प्रति असंवेदनशीलता और निरंकुशता को दर्शाता है। एसडीएम बिल्हा ने क्षेत्र के किसानों को जिस तरह से प्रताडि़त किया है वह किसी से भी नहीं छिपा है। चाहे अवैध मुरम खदान, अवैध रेती खदान, अवैध डोलोमाईट खदान, अवैध कोयला डिपो जैसे कई अवैध प्रकरणों को एसडीएम अंजाम दिया करता था।
जोगी और कौशिक ने एसडीएम बिल्हा अर्जुन सिंह सिसोदिया को तत्काल निलंबित कर उनके कार्यकाल की सूक्ष्म जांच करवाये जाने तथा मृतक के बयान के आधार पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।