रायपुर।अजीत जोगी ने प्रदेश की बीमार स्वास्थ्य व्यवस्था पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि प्रदेश की नर्सें हड़ताल पर हैं।प्रदेश भर के सभी अस्पतालों में मरीज ईलाज के अभाव में बेहाल पड़े हैं और प्रदेश के मुखिया डा. रमन सिंह इन सबसे बेखबर प्रदेश का स्वास्थ्य बिगाड़ने वाली शराब दुकाने खुलवाने पर अपना ध्यान केंद्रित किए हुए हैं।जोगी ने अकहा कि हड़ताल एक संवेदनशील विषय है,पूरा स्वास्थ्य विभाग चरमराया हुआ है।सरकार को न तो नर्सों की चिन्ता है और ना ही मरीजों की, जबकि नर्सों की मांग व्यवहारिक है। इनकी ये मांगें मध्यप्रदेश व अन्य सीमावर्ती राज्य सरकारों ने विषय की गंभीरता को समझते हुए नर्सों के संगठन से चर्चा कर सम्मानजनक हल निकाला है,जबकि प्रदेश सरकार ने अभी तक इस विषय में कोई भी पहल प्रारंभ नहीं की है जबकि ग्रीष्मकाल के आरंभ में अनेक प्रकार की बीमारियों का प्रकोप आरंभ हो जाता है ।
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अजीत जोगी ने कहा कि नर्सों की मांगें जायज हैं,जिसमें प्रमुख बिन्दु 7 वां पे कमिशन में उन्होंने पे-ग्रेड की मांग की है, जो जायज है क्योंकि अभी तक पे-कमिशन में बढ़ने के बाद तीन हजार से पांच हजार तक की ही मात्र वेतन-वृद्धि हो रही है। जो उनके श्रम के अनुरूप काफी कम है।
उनकी दूसरी प्रमुख मांग अस्पताल की तय सीमा से अधिक मरीज प्रत्येक वार्ड में भर्ती रहते हैं। ऐसे में उन्हें अधिक मरीजों की देखभाल के लिए अधिक वेतन दिया जाना चाहिए। इसके साथ ही उनकी अन्य मांगें भी जायज हैं। जायज मांगों को न स्वीकारना सरकार की हठधर्मिता का प्रमाण हैं।
जोगी ने कहा कि डॉ.रमन सिंह की सरकार अपना नैतिक कर्तव्य भी भूल चुकी है। सरकार को अविलंब नर्सों के संगठनों से चर्चा कर इस हड़ताल का हल निकालना चाहिए क्योंकि स्वास्थ्य विभाग ऐसा संवेदनशील महकमा है जिसमें सरकार और संगठन के बीच की रस्साकशी पर चाहे जीत-हार किसी की भी हो परेशान मरीज ही होता है। अतः इसे सरकार के अहम का विषय न बनाकर नर्सों की मांगों को तत्काल हल करके प्रदेश के मरीजों को मरने से बचायें।