रायपुर।जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे.) के संस्थापक एवं पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने कहा है कि उतराखंड से लेकर महाराष्ट्र तक उपचुनाव में ईवीएम अनुपयोगी एवं शंकास्पद सिद्ध हो गयी है। जो यह सिद्ध करता है कि भाजपा को छोड़कर सभी राजनैतिक दल इस निष्कर्ष पर आ चुके है कि सम्पन्न उपचुनावों में ईवीएम शंका की परिधी में आ गयी है और जहां शंका व्याप्त हो उस पद्धति को तत्काल त्याग देना चाहिये जैसा कि विश्व के अधिकांश देशो ने ईवीएम के स्थान पर वापस बैलेट प्रथा को ही निष्पक्ष मानते हुए वापस अपना लिया है।
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ईवीएम पद्धति को उसके जनकदेश जापान ने भी अस्वीकार कर वापस बैलेट प्रथा पर विश्वास व्यक्त किया है। ईवीएम बिगड़ी या बिगाड़ी गयी चुनाव आयोग इसकी निष्पक्ष जांच करवायें। चुनाव आयोग को पवित्र रमजान के महीने में चुनाव नही रखना चाहिये था। आम चर्चा है कि समाज विशेष के लोगों को मतदान से दूर रखने की साजिश स्पष्ट परिलक्षित होती है और इस समय देश भर में भीषण गर्मी के कारण जनता को घर से बाहर निकलने में परेशानी होती है। चुनाव के लिये समय और मौसम दोनों उपयुक्त नही था।
श्जोगी ने कहा है कि सम्पन्न चार लोकसभा एवं दस विधानसभाओं के चुनावों में इस्तेमाल की गयी ईवीएम चुनाव आयोग के मतानुसार भीषण गर्मी के कारण खराब हुयी है। यह बहाना राजनैतिक दल एवं देशवासियों के गले नही उतर रही है। आयोग पर यह आरोप लग रहा है कि उत्तरप्रदेश जैसे दुरस्थ प्रदेश में नजदीक के प्रदेशों से ईवीएम मशीन बुलाये जाना चाहिये था परन्तु सूरत गुजरात से ईवीएम बुलाना स्देहास्पद है।
ईवीएम और वीवीपैट दोनों मशीनों मे खराबी आना कई तरह के संदेह को जन्म देता है। इसलिये संदेहास्पद ईवीएम के स्थान पर बैलेट प्रथा को अपनाया जाना उपयुक्त होगा जो सबसे विश्वसनीय तरीका है।
जोगी ने कहा है कि भाजपा ने स्वयं पूर्व में ईवीएम द्वारा मतदान का जोरदार विरोध किया था इसलिये भाजपा को भी वापस बैलेट से चुनाव करवाने में एतराज नही होना चाहिये। इस संबंध में सर्वदलीय बैठक बुलाकर निर्णय लिया जाना उपयुक्त होगा। उपचुनावों में ईवीएम का बड़ी संख्या में बिगड़ना अपने आप में शंकास्पद है। चुनाव आयोग को इस घटनाक्रम को गंभीरता से लेकर सर्वसम्मत पद्धति बैलेट प्रथा द्वारा मतदान को ही अपनाने का निर्णय लेना चाहिये।