झीरम काण्ड की दूसरी एफआईआर पर मुदलियार की चुनौती..तीसरे दिन भी होगी बहस..बात पूरी होने पर..सरकारी वकील खण्डपीठ में रखेंगे पक्ष

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—-झीरम घाटी मामले दूसरी एफआईआर को चुनौती देने वाली एनआईए की अपील पर शिकायतकर्ता जितेन्द्र मुदलियार की तरफ से बहस हुई। शुक्रवार को राज्य शासन तरफ से पक्ष पेश किया जाएगा।
 
                 गुरूवार को उच्च न्यायालय में जस्टिस मनीन्द्र श्रीवास्तव और जस्टिस विमला सिंह कपूर की खण्डपीठ में झीरम घाटी काण्ड को लेकर एनआईए की याचिका पर बहस हुई। जानकारी हो कि झीरम घाटी काण्ड मामले की सुनवाई अन्तिम चरण में है। 
 
                    एनआईए ने झीरम घाटी हमले पर बस्तर पुलिस ने दूसरी एफआईआर पर रोक लगाने के साथ खोजबीन की जिम्मेदारी एनआईए को दिये जाने का अनुरोध किया है। बुधवार को बहस के बाद एनआईए की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल विक्रमजीत बैर्नजी ने जगदलपुर एनआईए कोर्ट के अधिकारों के संबंध में शेष बहस को पूरी किया। बनर्जी ने बताया कि दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 91 और एनआईए की धारा 11 से 16 में एनआईए कोर्ट के अधिकार को लेकर स्पष्ट निर्देश है। इसलिए नई एफआईआर को एनआईए को स्थानांतरित किया उचित होगा। 
 
                  बताते चलें कि एफआईआर कराने वाले जितेन्द्र मुदलियार के पिता उदय मुदलियार झीरम घाटी में नक्सली हमले का शिकार हुए हैं। गुरूवार को अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव और संदीप दुबे ने याचिकाकर्ता की तरफ से खण्डपीठ  को बताया कि सामान्य रूप से अपराधो की जांच का अधिकार राज्य पुलिस को है। एनआईए एक्ट इसका एक अपवाद है।
 
                आतंकवादी और अन्य संबंधित अपराधों के लिये केन्द्र सरकार की एजेंसी एनआईए को भी जांच सौपी जाती है । चूंकि अधिनियम केवल चुनिंदा धाराओं पर लागू है। इसलिए झीरम घाटी हमले के वृहद षड्यंत्र की जांच के लिए दर्ज एफआईआर शेड्यूल ऑफेन्स में नहीं आती है..न ही इस एफआईआर को एनआईए को हस्तांतरित करने का कोई आदेश केन्द्र सरकार ने जारी किया है। जैसा कि एनआईए एक्ट के प्रावधानों के तहत आवश्यक है ।
 
               मुदलियार के अधिवक्ताओं ने कोर्ट को स्पष्ट किया कि धारा 8 के अनुसार अन्य अपराध तब ही प्राभावशील होंगे जब दोनों एफआईआर में अभियुक्त समान हो । सबसे रबड़ी बात कि जगदलपुर एनआईए कोर्ट को नई एफआईआर स्थानांतरित करने का अधिकार भी नहीं है ।
 
                      गुरूवार को जितेन्द्र मुदलियार की ओर से बहस पुरी नहीं हुई। संदीप दुबे ने बताया कि शुक्रवार को राज्य शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता आलोक बख्शी और उपमहाधिवक्ता मतीन सिद्धिकी की तरफ से पक्ष पेश किए जाने से पहले मुदलियार की बची बहस को पूरा किया जाएगा। 
 
                                    सुनवाई के दौरान केन्द्र सरकार के एएसजी रमाकांत मिश्रा  विशेष रूप से मौजूद रहे।

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