झीरम घाटी कांडः कांग्रेस नेताओँ की सुरक्षा का मुद्दा भी SIT जाँच में शामिल, विधानसभा में मंत्री ने बताया – दिसंबर तक पूरी होगी जाँच

Chief Editor
8 Min Read
Chhattisgarh Assembly,ts singhdeo,news,raipur,raman singh,chhattisgarh रायपुर।झीरम घाटी की घटना 25 मई 2013 को हुई।इस घटना में आम नागरिक 17 ,पुलिसकर्मी 10 समेत कुल 27 लोग शहीद हुए थे। यह जानकारी गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी। भाजपा सदस्य अजय चंद्राकर ने पूछा कि झीरम घाटी की घटना कब घटित हुई?इसमें कितने लोग शहीद हुए थे? क्या उस घटना की न्यायिक जांच की जा रही है?यदि हां तो आयोग में कितने सदस्य हैं?और किन किन बिंदुओं पर जांच की जा रही है?इसकी जांच रिपोर्ट कब तक प्राप्त होगी? इस घटना की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए द्वारा भी की जा रही है? यदि हां तो क्या जांच पूरी हो गई? क्या शासन ने इस घटना की सीबीआई जांच की घोषणा विधानसभा में की थी? यदि हां तो कब ?राज्य शासन ने इस पर क्या कार्रवाई कब कब की और क्या केंद्र से इसकी सहमति प्राप्त हो गई? यदि नहीं तो उसके क्या कारण हैं ?क्या इस घटना की जांच के लिए एसआईटी के गठन की घोषणा की गई है?यदि हां तो उसमें कौन-कौन है और कितनी अवधि में जांच करेगी?सीजीवालडॉटकॉम के WhatsApp ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक करे

गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि झीरम घाटी की घटना 25 मई को घटित हुई।इस घटना में जनप्रतिनिधि /आम नागरिक सत्रह और 10 पुलिसकर्मी समेत 27 लोग शहीद हुए थे।उस घटना की न्यायिक जांच की जा रही है। इस घटना की न्यायिक जांच के लिए सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा उच्च न्यायालय बिलासपुर की अध्यक्षता में एकल सदस्यीय जांच आयोग गठित किया गया है।21 जनवरी 2019 को शासन द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार आयोग का कार्यकाल 31 दिसंबर 2019 तक निर्धारित किया गया है।इस घटना की जांच एनआईए द्वारा की जा रही है।इस घटना में NIA विशेष न्यायालय में 25 सितंबर 2014 को आरोप पत्र और 28 सितंबर 2015 को पूरक आरोप पत्र प्रस्तुत किया गया है। जो वर्तमान में विशेष न्यायालय में जगदलपुर में विचाराधीन है।

             
Join Whatsapp Groupयहाँ क्लिक करे

यह भी पढे-बिलासपुर सिवरेज का मुद्दा उठा विधानसभा मे..मंत्री का जवाब – इस साल दिसंबर में पूरा हो जाएगा प्रोजेक्ट

विधानसभा बजट सत्र फरवरी मार्च 2016 के दौरान गृह मंत्री द्वारा सीबीआई जांच की घोषणा की गई थी। इस संबंध में छत्तीसगढ़ शासन विभाग द्वारा 29 मार्च 2016 सचिव (विजिलेंस)भारत सरकार को पत्र भेजा गया था.जिस पर 13 दिसंबर 2016 को पत्र लिखकर सचिव भारत सरकार द्वारा सीबीआई से जांच कराए जाने के संबंध में असमर्थता व्यक्त की गई।इस घटना की जांच के लिए शासन का पत्र 19 दिसंबर 2018 के परिपालन में एसआईटी का गठन किया गया है।SIT द्वारा प्रक्रिया अनुसार अग्रिम कार्रवाई की जा रही है।इस संबंध में कोई निश्चित अवधि निर्धारित नहीं की गई है।

यह भी पढे-संविदा कर्मियों को शीघ्र किया जाएगा नियमित, जनजातीय कार्य़ मंत्री ने दिया आश्वासन

 झीरम घाटी SIT के सदस्य में विवेकानंद पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंजर जगदलपुर, सुंदर राज पुलिस उपमहानिरीक्षक नक्सल अभियान,अनिल कोटवानी सेनानी सुरक्षा वाहिनी माना रायपुर, गायत्री सिंह उप सेनानी तीसरी वाहिनी,ल अमलेश्वर दुर्ग,राजीव शर्मा उप पुलिस अधीक्षक सराय पाली जिला महासमुंद ,आशीष शुक्ला निरीक्षक जिला रायपुर,प्रेम लाल साहू निरीक्षक वीआशा, पुमु रायपुर,एन एन चतुर्वेदी विधि विशेषज्ञ सेवानिवृत्त उपसंचालक अभियोजन और डॉक्टर एनके वर्मा विधि विज्ञान विशेषज्ञ सेवानिवृत्त संचालक है।
न्यायिक जांच आयोग के बिंदु दिनांक 28 मई 2013 की अधिसूचना के अनुसार 1.झीरम घाटी में दिनांक 28 मई 25 मई 2013 को किन परिस्थितियों में घटना घटित हुई.2. क्या घटना को घटित होने से बचाया जा सकता था।3. क्या सुरक्षा व्यवस्था पर्याप्त थी.4.क्या सुरक्षा के लिए सभी निर्धारित प्रक्रियाओं आवश्यक व्यवस्थाओं का पालन सुरक्षा तंत्र द्वारा किया गया था.5- क्या सुरक्षा के लिए सभी निर्धारित व्यवस्था और निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन रैली के आयोजकों द्वारा किया गया था?6-क्या राज्य के पुलिस बलों और अन्य सशस्त्र बलों के बीच समुचित समन्वय रहा?7- घटना के पहले गणना के दौरान या घटना के बाद ऐसे अन्य मुद्दे जो घटना से संबंधित हो उस बाबत तथ्यात्मक विवेचन।8- भविष्य में इस प्रकार की घटना से बचना के लिए सुरक्षित और प्रशासकीय कदम उठाए जाने के संबंध में सुझाव तथा उपाय।9- ऐसे महत्वपूर्ण बिंदु जो घटना से संबंधित हो।
इसके अलावा न्यायिक जांच आयोग के बिंदु 21 जनवरी 2019 की अधिसूचना के अनुसार
1- नवंबर 2012 में स्वर्गीय महेंद्र कर्मा पर हुए हमले के बाद क्या उनकी सुरक्षा की समीक्षा प्रोटेक्शन रिव्यू ग्रुप के द्वारा की गई ?2-स्वर्गीय महेंद्र कर्मा के नवंबर 2012 में उन पर हुए हमले के बाद उनके द्वारा मांगी गई अतिरिक्त सुरक्षा की मांग पर किस स्तर पर विचार किया गया था और उस पर क्या कार्रवाई की गई थी?3- गरियाबंद जिले में जुलाई 2011 में स्वर्गीय नंदकुमार पटेल के काफिले पर हुए हमले के बाद क्या स्वर्गीय पटेल और उनके काफिले की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त सुरक्षा उपलब्ध कराई गई थी क्या अतिरिक्त सुरक्षा मानकों का पालन झीरम घटना के दौरान किया गया?4- राज्य में नक्सलियों के द्वारा किए गए बड़े हमलो को ध्यान में रखते हुए नक्सली इलाकों में यात्रा आदि के लिए किसी निर्धारित संख्या में या उससे अधिक बल प्रदान करने में कोई दिशानिर्देश थे यदि हां तो उनका पालन किया गया यदि नहीं तो क्या पूर्व के बड़े हमलों की समीक्षा पर कोई कदम उठाए गए.5-नक्सल विरोधी ऑपरेशन में विशेषकर टीसीओसी की अवधि के दौरान यूनिफाइड कमांड किस तरह अपनी भूमिका निभाती थी? यूनिफाइड कमांड के अध्यक्ष के कर्तव्य क्या थे और क्या यूनिफाइड कमांड के तत्कालीन अध्यक्ष ने अपने कर्तव्यों का उपयुक्त निर्वहन किया?6-25 मई 2013 को बस्तर जिले में कुल कितने पुलिस बल मौजूद थे?क्या परिवर्तन यात्रा कार्यक्रम की अवधि में बस्तर जिले से पुलिस दूसरे जिलों में भेजे गए?यदि हां तो किस कारण से किसके आदेश से?क्या इसके लिए सक्षम स्वीकृति प्राप्त की गई थी?7-क्या नक्सली किसी बड़े आदमी को बंधक बनाने के बाद उन्हें रिहा करने के बदले अपनी मांग मनवाने का प्रयास करते रहे?नंद कुमार पटेल और उनके पुत्र के बंधक होने के समय ऐसा नहीं करने का क्या कारण था?8/सुकमा के तत्कालीन कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन के अपहरण और रिहाई में किस तरह के समझौते नक्सलियों के साथ किए गए थे क्या उनका कोई संबंध स्वर्गीय महेंद्र कर्मा की सुरक्षा से था?
close