बिलासपुर— दरभा घाटी झीरम हत्याकाण्ड मामले में विशेष न्यायालय में दूसरे दिन भी एडीजे मुकेश गुप्ता का प्रतिपरीक्षण किया गया। कांग्रेस की पतिपरर्तन यात्रा से लेकर तात्कालीन नेता प्रतिपक्ष के राजनीति से जुड़ें सवाल किए गए। कांग्रेस वकील के प्रश्नों का एडीजे मुकेश गुप्ता ने जवाब दिया। प्रतिपरीक्षण में मुकेश गुप्ता ने बताया कि महेन्द्र कर्मा का राजनीतिक कद बहुत बड़ा था। वे दलगत राजनीति से बहुत ऊपर थे।
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लगातार दूसरे दिन भी एडीजे मुकेश गुप्ता का प्रतिपरीक्षण बयान दर्ज किया गया। प्रतिपरीक्षण के दौरान कांग्रेस वकील सुदीप श्रीवास्तव ने एडीजे मुकेश गुप्ता से कर्मा के राजनीतिक जीवन से जुड़े सवाल किए। इसके अलावा परिवर्तन यात्रा के दौरान कर्मा की सुरक्षा में हुई चूक के भी सवाल किए गए।
सुदीप के सवालों का जवाब देते हुए मुकेश गुप्ता ने बताया कि परिवर्तन यात्रा में महेन्द्र कर्मा के शामिल होने की पुलिस को जानकारी नहीं थी। लेकिन महेन्द्र कर्मा को पत्राचार के अनुसार जेड प्लस की व्यवस्था दी गयी थी। यदि चूक हुई तो इसकी जानकारी तात्कालीन पुलिस अधीक्षक ही दे सकते हैं।
मुकेश गुप्ता ने विशेष न्यायालय को बताया कि महेन्द्र कर्मा दलगत राजनीति से ऊपर के राजनेताओं में से एक थे। वे नक्सलियों के निशाने पर थे। उन्होने हमेशा नक्सलियों के खिलाफ पुलिस का सहयोग किया। इतना ही नहीं उन्होने नक्सलियों के खिलाफ पुलिस जवानों और अधिकारियों को हमेशा उत्साहित किया। उनके सहयोग से नक्सलियों के ठिकाने पर कार्रवाई भी की। पुलिस को सफलता भी मिली।
मुकेश गुप्ता ने बताया कि महेन्द्र कर्मा और उनके परिवार से नक्सलियों के खिलाफ हमेशा पुलिस को सहयोग मिला। लेकिन उनके निधन के बाद कर्मा के परिजनों ने पुलिस और राज्य सरकार को निशाना बनाया। कई प्रकार के आरोप भी लगाए। सच्चाई यह है कि कर्मा परिवार के प्रति पुलिस हमेशा सम्मान रखती है। मुकेश गुप्ता के अनुसार कर्मा के निधन के बाद कर्मा परिवार ने नक्सलियों को राजनीतिक का मुद्दा बना दिया है।