टीएस की मीटिंग में नए अध्यक्षों का रोना…मुंह छिपाते रहे कांग्रेसी…अलापते रहे पहले आप…का राग

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—जिला कांग्रेस नेताओं की बैठक में टीएस बाबा को भारी निराशा हाथ लगी है। बैठक में कांग्रेस के नए अध्यक्ष जिम्मेदारी से बचते नजर आए। तीन जिलों के अध्यक्षों ने समय और नई जिम्मेदारी का रोना रोया। सभी  ने कहा कि कम समय में 16 विधानसभा क्षेत्र के बूथ स्तर पर प्रशिक्षण की जिम्मेदारी और भीड़ जुटाना संभव नहीं है। नए अध्यक्षों की बुझदिली पर टीएस ने वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं की जमकर खिंचाई की। खासतौर पर बिलासपुर,मुंगेली और जांजगीर चांपा के नए जिला अध्यक्षों पर जमकर बरसे। यहां तक कि बैठक में मौजूद प्रदेश महामंत्री अटल श्रीवास्तव पर भी टीएस ने नाराज होने का मौका नहीं छोड़ा। तीनों जिलों के नव नियुक्त अध्यक्षों के पहले आप…पहले आप फार्मुला पर बाबा ने जमकर भड़़ास निकाला।

             
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                     11 मार्च को पत्रकारों से रूबरू होने के पहले टीेस सिंहदेव ने कांग्रेस भवन में तीन जिलों के कांग्रेस पदाधिकारी और ब्लाक नेताओं की बैठक ली। इस दौरान तीनों जिलो के पुराने और नए जिला प्रमुख भी मौजूद थे। बैठक में प्रदेश महामंत्री अटल श्रीवास्तव समेत कांग्रेस पार्षद भी शामिल हुए। नए जिला अध्यक्षों की ऊर्जा और टालमटोल की नीति को देखने के बाद टीेएस सिंह सिर पकड़ लिया।  उन्हें कहना पड़ा कि जब अपने पर विश्वास और कार्यकर्ताओं को जोड़ने की ताकत नही है तो कांग्रेसी चुनाव जीतने की स्थिति के बारे में भी सोचना छोड़ दें। नए अध्यक्षों को जब पहले आप…पहले आप ही कहना था तो जिम्मेदारी लेने के लिए आगे ही क्यों आए। जब जिम्मेदारी दी जा रही है तो पहले आप..पहले का राग अलापना शुरू कर  दिया है।

               11 मार्च को जिला कांग्रेस कार्यालय में संभाग के तीन जिलों के नए और पुराने अध्यक्षों कार्यकर्ताओं समेत ब्लाक प्रमुखों के साथ टीएस सिंहदेव की महत्वपूर्ण गुप्त बैठक हुई। बैठक को नेता प्रतिपक्ष टीएस.सिंहदेव ने संबोधित किया। इस दौरान पूर्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष राजेन्द्र शुक्ला,नए जिला अध्यक्ष विजय केशरवानी,शहर अध्यक्ष नरेन्द्र बोलर,प्रदेश महामंत्री अटल श्रीवास्तव, संभागीय प्रवक्ता अभय नारायण राय,महेश दुबे,राजेश पाम्डेय,विजय पाण्डेय समेत जांजगीर चांपा और मुंगेली जिला के नए और पुराने अध्यक्ष भी मौजूद थे।

                           बैठक को रिचार्ज करते हुए  टीएस सिंहदेव ने कहा कि विधानसभा चुनाव सिर पर है। चुनावी तैयारियों को लेकर कांग्रेस सिपाहियों को कोई कोर कसर नहीं छोड़ना है। संगठन ने फैसला किया है कि जल्द ही मतलब अप्रैल महीने के पहले या दूसरे सप्ताह में तीनों जिलों के 17 विधानसभा क्षेत्र के बूथ कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन दो चरणों में होगा। ब्लाक प्रमुखों के साथ जिले के सभी अध्यक्षों को जिम्मेदारी दी जाती है कि विधानसभावार दो चरणों में प्रशिक्षण की प्रक्रिया को सफल बनाए। ज्यादा से ज्यादा लोगो कों कार्यशाला में शामिल करें। टीएस ने कहा कि 17 विधानसभा क्षेत्रों में प्रशिक्षण कार्यक्रम दो चरणों में होगा।

              टीएस का भाषण सुनते ही तीनों जिलों के नव नियुक्त अध्यक्षों के तोते उड़ गए। सभी अध्यक्ष पहले आप..पहले आप का राग अलापने लगे। नव नियुक्त अध्यक्षों ने कहा कि अभी हम लोग जुमा जुमा पांच दिन पहले पद पाए हैं। इतनी बड़ी जिम्मेदारी संभालना फिलहाल नामुमकिन है। इतना सुनते ही टीएस की नारजगी चेहरे पर दिखाई देने लगी। उन्होने कहा कि जब जिम्मेदारी उठाना नहीं है तो अध्यक्ष पद पर बने रहने का क्या अर्थ है। इतना सुनते ही नए जिला अध्यक्षों ने कहा कि अभी ब्लाक स्तर पर संगठन पदाधिकारियों को जिम्मेदारी नही दी गयी है। यदि पुराने अध्यक्ष सहयोग करें तो प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया जा सकता है। इतना सुनते ही पुराने अध्यक्षों ने हाथ उठा दिया। सभी ने कहा कि हमें संगठन की दूसरी जिम्मेदारियों को पूरा करना है। अध्यक्ष रहते जितना करना था किया। अब नए अध्यक्ष अपनी जिम्मेदारियों को  निभाएं।

                        किसी तरह नए अध्यक्ष जिम्मेदारी उठाने को तैयार तो हुए लेकिन सभी ने कहा कि हम दूसरे चरण में प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन करेंगे। लेकिन किसी ने पहले चरण की जिम्मेदारी नहीं ली। किसी तरह बिलासपुर विधानसभा में पहले चरण का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने का फैसला लिया गया। लेकिन बाकी लोग लोग पहले चरण की जिम्मेदारी से अंत तक बचते रहे।

                 फैसला नहीं होने पर टीएस ने खासी नाराजगी जाहिर की। मामले की शिकायत भुपेश बघेल से करने की बात कही। इस दौरान दिलीप लहरिया समेत प्रदेश महामंत्री और जिला संगठन के अन्य बड़े पदाधिकारी बगले झांकते रहे। किसी के मुंह से एक बोल भी नहीं फूटे।

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