बिलासपुर—मुख्यमंत्री जनदर्शन, जिला जनदर्शन, पी.जी.एन., जनसमस्या निवारण शिविरों में प्राप्त जनशिकायतों का गुणवत्तापूर्ण निराकरण करने का निर्देश कलेक्टर अन्बलगन पी. ने दिया है। मंथन सभागार में आयोजित एक बैठक में उपस्थित अधिकारियों से कलेक्टर ने कहा कि जनदर्शन लोकतंत्र का वाल्ब है। जनदर्शन के दौरान जो भी समस्याएं या शिकायतें मिलती हैं, उनका निराकरण पहली प्राथमिकता से होनी चाहिए।
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कलेक्टर ने आज टी.एल. की बैठक में कहा कि जनशिकायतों के संबंध में प्राप्त पत्रों का जवाब देना ही निराकरण न माना जाये। वास्तविक रूप से निराकरण किया जाये। किसी भी कार्य को अंजाम तक पहुंचाने के लिए अंतर्विभागीय समन्वय का होना आवश्यक है। अधिकारी टी.एल. की बैठक में तैयारी के साथ पहंचे। कोई भी अधिकारी जो जिले से बाहर जाते हैं, तो इसकी जानकारी कलेक्टर को भी रहे। विभिन्न आयोगों से प्राप्त पत्रों के आधार पर जो भी रिपोर्टिंग होती है। वह फाईलों में बंद न रहे, बल्कि इसका लगातार परीक्षण भी किया जाए । कलेक्टर ने लंबित टी.एल. पत्रों की विस्तृत समीक्षा भी की।
इस मौके पर उपस्थित अधिकारियों से कलेक्टर ने कहा कि प्रत्येक मंगलवार को टी.एल. बैठक में समयसीमा के पत्रों के साथ-साथ मुख्यमंत्री जनदर्शन, कलेक्टर जनदर्शन, न्यायालयीन प्रकरण, पी.जी.एन. एवं जनसमस्या निवारण शिविरों में प्राप्त आवेदनों के निराकरण की अनिवार्य रूप से समीक्षा की जायेगी। प्रत्येक मंगलवार को प्रातः 10.30 बजे से 01.30 बजे तक टी.एल. बैठक होगी। इसके बाद दोपहर 03 बजे से विभागीय योजनाओं और कार्यों की समीक्षा होगी। बैठक में अंतर्विभागीय परिचर्चा एवं समन्वय पर भी चर्चा की जायेगी। इस दौरान बैठक में अनुविभाग, विकासखण्ड स्तर के विभागीय अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहेंगे।