ठग बिल्डर हरदीप की जमानत याचिका खारिज..पार्टनर को लगाया था करोड़ों का झटका..कोर्ट ने कहा-जमानत देने उचित नहीं

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर–आटो चालक से बिल्डर बना करोड़ों की ठगी करने वाला हरदीप खनूजा की अग्रिम जमानत जिला व सत्र न्यायालय ने खारिज कर दिया है। मामले में सोमवार को हरदपी खनूजा ने अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया था। लेकिन मामले को संगीन मानते हुए प्रथम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश खिलावन राम रिगरी की कोर्ट ने खारिज कर दिया है। सोमवार को देर शाम इसकी जानकारी मिली है।
                 मालूम हो कि तखतपुर थाना क्षेत्र स्थित अरईबंध में सुनील छावड़ा,रवि मोटवानी और अजय गुरूनानी के बगैर जानकारी हरदीप खनूजा ने 35 एकड़ जमीन अधिराज बिल्डर को बेच दिया। मामला सामने आने के बाद सुनील छावड़ा ने थाने में शिकायत की। दस्तावेजों की छानबीन के बाद पुलिस ने हरदीप खनुजा के खिलाफ धोखाधड़ी, ठगी और जालसाजी के आरोप में गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। वारंट जारी होने के बाद हरदीप खनूजा फरार हो गया। पुलिस फरार आरोपी की तलाश गंभीरता से कर रही है।
               हरदीप खनूजा की तरफ से अग्रिम जमानत के लिए पेश किए गए आवेदन का  सुनील छाबड़ा के चंद्र शेखर बाजपेई, राधेश्याम जयसवाल,दुष्यंत सिंह,अनुराग बाजपेई, और दिनेशगुप्ता ने तर्क के साथ कोर्ट के सामने अपनी बातों को रखा। ठग बिल्डर की जमानत का घोर विरोध किया। मामले को गंभीरता से लेते हुए न्यायाधीश ने 420,467,468,471 की धाराओं में अग्रिम जमानत देने से इन्कार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि मामला जालसाजी और ठगी के साथ विश्वास के भी खिलाफ है। इसलिए जमानत देना उचित नहीं होगा।
                       सुनील छावड़ा के अनुसारल  हरदीप खनूजा के पास प्रापर्टी में केवल डेवलपिंग के लिए 10 प्रतिशत का साझेदार था। प्रापर्टी में मेरे अलावा केवल रवि मोटवानी को ही क्रय विक्रय का अधिकार है। लेकिन हरदीप ने फर्जी दस्तावेज बनाकर मेरा और मेरे पार्टनर के दस्तखत से झूठी गवाही के साथ 35 एकड़ जमीन बेच दिया। अधिराज बिल्डर से 5 करोड़ 16 लाख के सौदे में एक करोड़ 6 एडवांश भी लिया था।
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