डाक कर्मचारियों ने कहा सरकार कर्मचारी विरोधी

BHASKAR MISHRA
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IMG_20170316_195958_044बिलासपुर—मंगलवार को डाक विभाग कर्मचारियों ने केन्द्र सरकार के खिलाफ जंग का एलान कर दिया। कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से विभाग का कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया। डाक विभाग कर्मचारियों ने 28 सूत्रीय मांग को लेकर आज केन्द्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। कर्मचारी नेता जीआर साहू ने बताया कि सरकार को न्यूनतम वेतनमान के अलावा ग्रामीण डाक सेवकों को सिविल सेवा के तहत सुविधा देनी ही होगी।

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28 सूत्रीय मांग को लेकर मंगलवार को डाक कर्मचारियों ने जंग का एलान कर दिया है। डाक कर्मचारी संगठनों ने केन्द्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। संगठन के नेताओं ने बताया कि केन्द्र सरकार की नीतियां कर्मचारी विरोधी हैं। इसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा। जब तक माग पूरी नहीं होती है..हड़ताल से पीछे हटने का सवाल ही नहीं है।

कर्मचारी संगटनों के हड़ताल पर जाने से डाक विभाग का काम काज पूरी तरह ठप रहा।विभाग खुला जरूर लेकिन कामकाज नहीं हुआ। ग्राहकों को उल्टे पांव लौटना पड़ा। कर्मचारी नेता जीआर साहू ने बताया कि  एनजेसीए को आश्वासन दिये जाने के बाद भी न्यूनतम वेतनमान और फिटमेंंट फार्मूला को संशोधित नहीं किया गया है।

साहू ने कहा कि केन्द्र सरकार सातवें वेतनमान पर देय सभी भत्ता निश्चित करे। सरकार पर 2016 के पहले पूर्व पेंशनरों को आप्शन नंबर लागू करने के लिए दबाव बनाया जाएगा। कर्मचारियों ने नई पेंशन प्रणाली को भी समाप्त करने को कहा गया है। साहू ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में काम करने वाले डाक सेवकों को सिविल सेवा के तहत सुविधा दिए जाने की मांग बहुत पुरानी है। बावजूद इसके मामले को सरकार ने लटका कर रखा है। ग्रामीण डाक सेवकों को सिविल सेवा का लाभ दिया जाए। वेतनमान और पेंशन समेत अन्य सुविधाएं भी अन्य डाक कर्मचारियों की तरह ही दिया जाए।

कर्मचारी नेताओं ने बताया कि विभाग में काम करने वाले सभी केजुअल और अंशकालीक मजदूरों  को सातवें वेतनमान का फायदा दिया जाए। कर्मचारियों ने बताया कि निजीकरण और आउटसोंर्सिंग का डाक विभाग के सभी कर्मचारी विरोध करते हैं। ठेका प्रथा पर पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की मांग की जा रही है। कर्मचारियों ने बताया कि हमने सरकार से अनुकंपा नियुक्ति में 5 प्रतिशत सिलिंग को खत्म करने के लिए भी कहा है।

                    जानकारी के अनुसार कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से लाखों  रूपए का राजस्व प्रभावित हुआ है। कर्मचारियों ने डाक का भी वितरण नही किया। बैंकिंग कार्य नहीं होने से ग्राहकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

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