बिलासपुर—हमारे पास चावल बम्पर स्टाक है। एक साल तक किसी को राशन को लेकर भटकना नहीं पड़ेगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का स्पष्ट कहना है कि कोरना काल में चाहे किसी भी राज्य का व्यक्ति क्यों ना हो उसे खाना खिलाया जएगा। कोई भूखा नहीं रहेगा। यह बातें खाद्यमंत्री अमर जीत भगत ने रायपुर प्रस्थान के दौरान बिलासपुर में पत्रकारों से कही। अमरजीत ने बताया कि नगर पालिका अध्यक्ष के शौचालय और कमरे में पीडीएस चावल कैसे आया और किस उद्देश्य से आया। गलत आया या सही आया फिलहाल इस बात की जानकारी उन्हें नहीं है। मामले को जरूर जानकारी में लेंगे। गलत पाया गया कि तो कार्रवाई भी करेंगे।सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप NEWS ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये
पत्रकारों को खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने बताया कि हमारे पास चावल का बम्पर स्टाक है। इतना स्टाक कि किसी को साल भर चावल के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। कोरना काल में लोगों को भरपूर चावल का वितरण किया गया। लाकडाउन के दौरान कोई भी चाहे वह राज्य या राज्य के बाहर का रहा हो… सबको राशन दिया गया है। बिना राशन कार्डधारियों को निशुल्क राशन दिया है।
रतनपुर नगर पालिका अध्यक्ष के कमरे और शौचालय में 72 बोरी पीडीएस का चावल पाया गया। पकड़े जाने पर बताया कि टेण़्डर प्रक्रिया के बाद वर्क आर्डर से चावल खरीदा गया है। मामले में सप्लायर कहता है कि वर्क आर्डर की जानकारी नहीं है। आखिर मामला क्या है। अब कांग्रेस नेता जांच की मांग कर रहे हैं। अमरजीत भगत ने कहा कि जानकारी नहीं है। वर्क आर्डर से यदि पीडीएस का चावल लाया गया तो गलत है। पार्षद निधि से चावल लाया गया तो उन्हें प्रमाणित करना होगा। यदि भ्रष्टाचार किया गया है तो जानकारी लेंगे। गलत होने पर कार्रवाई भी करेंगे।
शासन ने पांच किलो चावल और पांच किलो आटा वितरण का आदेश दिया था। निगम ने पार्षद निधि से 30 हजार लोगों को मात्र 3 किलो चावल और तीन किलो आटा और तेल आधा किलो दिया । अमरजीत भगत ने बताया कि राशन वितरण कई माध्यम से किया गया है। निगम ने डिजास्टर फण्ड से राशन वितरण किया है।कितनी संख्या है यह जानकारी निगम के पास होगी। सवाल को टालते हुए भगत ने बताया कि इसके अलावा कई स्रोत से राशन वितरण हुआ है। पार्षद निधि से पार्षदों की मांग पर राशन दिया गया होगा। यदि कुछ गड़बड़ी होगी तो जरूर पता लगाएंगे।
राशन दुकानों में कभी नमक की कमी..कही राशन स्टाक में गड़बड़ी की जानकारी लगातार मिल रही है। आखिर किसकी साजिश हो सकती है। भगत ने बताया…संभव है कि बाहर से आए लोगों और बिना राशनकार्डधारियों में राशन वितरण के चलते स्टाक शार्ट हो गया हो। बहरहाल शिकायत को गंभीरता से ले रहे हैं। पता लगाएंगे कि कहां ऐसा हो रहा है।
क्या गरीबी रेखा का सर्वे किया जाना जरूरी है। भगत ने बताया कि यह काम केन्द्र सरकार का है। फिलहाल 2002 का रिकार्ड चल रहा है। हम भी चाहते हैं कि सर्वे हो..ऐसे गरीब जो चूक गए हैं…उनका नाम सर्वे सूची में शामिल हो। उन्हें भी योजना का लाभ मिले।