नईदिल्ली।सरकार ने नकदी के इस्तेमाल को कम करने के प्रयास के तहत सोमवार को कहा कि 2 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाले छोटे व्यापारी और कंपनियां अगर बैंक और डिजिटल माध्यमों से भुगतान स्वीकार करते हैं,तो उन्हें कम टैक्स देना होगा।आयकर कानून, 1961 की धारा 44एडी के तहत जिन करदाताओं (व्यक्तिगत, अविभाजित हिंदू परिवार यानी एचयूएफ और एलएलपी को छोड़कर भागीदारी कंपनियां) का कारोबार 2 करोड़ रुपये या उससे कम है, उनमें करारोपण के लिए लाभ को कुल कारोबार का 8 प्रतिशत माना गया है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा, ‘…कानून की धारा 44एडी के तहत लाभ को कारोबार का 8 प्रतिशत माने जाने की मौजूदा दर को कम कर 6 प्रतिशत करने का निर्णय किया गया है।यह 2016-17 के लिए बैंक चैनल/डिजिटल माध्यमों से प्राप्त कुल कारोबार या सकल प्राप्ति की राशि के संदर्भ में लागू होगा।
यह फैसला सरकार के अर्थव्यवस्था में नकदी के कम उपयोग के लक्ष्य हासिल करने और डिजिटल माध्यमों से भुगतान स्वीकार करने वाले छाटे कारोबारियों/कंपनियों को प्रोत्साहन देने के मकसद से किया गया है।