डीग्रियां सफलता के दरवाजे तक पहुंचने का रास्ता-कुलाधिपति

BHASKAR MISHRA
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dikshant_bspबिलासपुर—-गुरूनानक स्कूल में बिलासपुर विश्वविद्यालय का पहला दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलाधिपति बलराम दासजी टंडन ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में केन्द्रीय राज्यमंत्री विष्णुदेव साय, नगरीय निकाय मंत्री अमर अग्रवाल, उच्च शिक्षा मंत्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय,खाद्य मंत्री पुन्नू लाल मोहिले, सांसद लखनलाल साहू, और महापौर किशोर राय उपस्थित थे।

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कार्यक्रम का शुभारंभ माता सरस्वती को पुष्प अर्पण और दीप प्रज्जवन के साथ किया गया। माता सरस्वती से कुलाधिपति ने सबको शिक्षा और सबको ज्ञान के लिए आशीर्वाद मांंगा। बिलासपुर विश्वविद्याल कुलपति ने कुलाधिपति से अनुमति के बाद कार्यक्रम का शुभारंग किया। विश्वविद्यालय रजिस्ट्रा इंदू अनंत ने विश्वविद्यालय की गतिविधियों के बारे में उपस्थित लोगों और अतिथियों को जानकारी दी।

IMG20160915130631समारोह के पहले मुख्य अतिथि,कुलाधिपति और सभी विशिष्ट अतिथियों के सम्मान में बिलासपुर विश्वविद्यालय का कुलगीत बजाया गया। सभी अतिथियों को कुलपति ने सम्मान के साथ मंच तक पहुंचाया। मुख्य अतिथि को मानद उपाधि से विश्वविद्यालय परिवार ने सम्मानित किया।

कुलाधिपति बलरामजी टंडन ने जीडीसी और शासकीय ई राघवेन्द्र राव महाविद्यालय के दो शोधार्थियों को डॉक्टर ऑफ फिलासफी की उपाधि देकर सम्मानित किया। इसके बाद बारी बारी से सभी अतिथियों ने बिलासपुर विश्वविद्यालय के विभिन्न महाविद्यालयों से उत्तीर्ण वर्तमान सत्र के 95 डिग्रीधारियों को उपलब्धियों के लिए मेडल भेंट किया।

बिलासपुर विश्वविद्यालय कुलपति ने बताया कि बिलासपुर विश्वविद्यालय स्थापना के बाद 95 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं ने विशिष्ट उपलब्धियों के साथ डिग्री हासिल की है। उन्हें भी प्रथम दीक्षांत समारोह में मेडल भेंट करने का निर्णय लिया गया है।

उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय ने कहा कि बिलासपुर विवि राज्य का सबसे नया और उपलब्धियों से भरा संस्थान है। स्थापना काल से विश्वविद्यालय ने ज्ञान विज्ञान के क्षेत्र में अपने को मजबूती के साथ स्थापित किया है। उपाधिधारकों और शोधार्थियों को वे शुभकामनाएं देते हैं। प्रेम प्रकाश ने बिलासपुर विश्वविद्याल की उपलब्धियों की जमकर तारीफ की है।

दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि वेदप्रकाश चेयरमेन यूजीसी ने कहा कि दीक्षांत समारोह अध्यापक और छात्रों के लिए बहुत  महत्वपूर्ण होता है। सभी छात्र-छात्राएं डिग्री हासिल कर नए प्लेटफार्म पर पहुंच रहे हैं। जब तक आप अच्छे नागरिक साबित नहीं होते हैं तब तक डीग्रियो की कोई कीमत नहीं है। डीग्रियां केवल सफलता के दरवाजे तक पहुंचाती हैं। आगे का रास्ता आंतरिक व्यक्तित्व के विकास के बाद ही सफल होता ह। उन्होने कहा कि उतार और चढ़ाव जीवन का अभिन्न हिस्सा है। विपरीत परिस्थियों में आप लोग अपने आप को असहाय नहीं समझें। दयाभावना, देशभक्ति, सहिष्णुता,  विभिन्नता मूलक संस्कृतियों में समायोजन, महिलाओ के प्रति सम्मान, सत्यनिष्ठा, चतुराई और अनुशासन,  परिश्रम के साथ आगे बढने वालों का हमेशा सम्मान होता है। इन संस्कारों के साथ गौरव प्राप्त करेगें। माता. पिता और समाज देश का नाम रोशन करेंगे।

dikshant_bsp1         छात्रों को संबोधित करते हुए कुलाधिपति ने कहा कि देश में हर साल ना जाने कितनी संख्या में विश्वविद्यालय और कॉलेज बच्चों को डिग्री बांट रहे हैं। डिग्रीयां,अंक यह सब दुनिया के रंगमंच पर पहुचने का केवल रास्ता है। डिग्रीया सफलता के रास्ते तक पहुंचाने में सहायक हो सकती है। आगे का रास्ता आंतरिक शक्ति और आचरण से पूरा होता है। दुनिया के रंगमंच पर सफलता हासिल करने के लिए डिग्रीयों के साथ साथ विनम्र व्यवहार, आचार-विचार, देश समाज का सम्मान,कुछ करने की दृढ़ इच्छा शक्ति का होना बहुत जरूरी है। जो भी इसमें निपुण होता है वह एक ना एक दिन शीर्ष पर जरूर पहुंचता है।

कुलाधिपति ने कहा कि मंजिल हासिल करने में कई प्रकार की बाधाएं आती है। जो बाधाओं का सामना करता है वही सफल भी होता है। कुलाधिपति ने कहा कि छात्रों में अच्छे संस्कार देने वाले विश्वविद्यालय के प्रबंधन को शुभकामनाएं देता हूं।

छात्रों को संबोधित करने के साथ ही राज्यपाल ने कहा कि अनावश्यक दिखावा किसी को पसंद नहीं है। उन्होने कहा कि पुष्प प्रकृति के सबसे सुन्दर हस्ताक्षर होते है। दुनिया के रंगमंच में प्रवेश करने वाले हमारे कोरे छात्र-छात्राओं की तरह। पुष्प की सुंदरता वाटिका में ही होती है। महामहिम ने कहा कि किसी व्हीव्हीआईपी और समारोह में फूलों का माला,पुष्प वर्षा ठीक नहीं। फूलों का अनावश्यक उपयोग बंद किया जाए।

परंपरागत वेशभूषाIMG20160915130631

बिलासपुर विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में परंपरागत वेशभूषा में छात्र और अतिथि नजर आए। सभी अतिथि सिर पर गुलाबी रंग की पगड़ी, कुर्ता,पायजामा और गले में पटका पहने हुए थे। दो शोधार्थियों के साथ ही मेडल प्राप्त करने वाले 95 छात्र छात्राओं ने भी भारतीय परिधान को पहना। महिलाओं ने पगड़ी के अलावा गुलाबी साड़ी को पहना। उनके गले में भी पटका था।

कुलगीत से स्वागत

अतिथियों के स्वागत में कुलगीत बजाया गया। सभी अतिथियों का मंच तक पुष्प वर्षा के साथ स्वागत किया गया। बिलासपुर विश्वविद्यालय कुलगीत में अरपा की धरती का बखान किया गया। आजादी से पहले से लेकर अब तक के शासकों की जानकारी दी गयी। अरपातट की संस्कृति की माधुर्यता को पेश किया गया।

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