डॉ. ए.पी. जे अब्दुल कलाम राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मनित हुई अधिष्ठाता, डॉ. रत्ना नशीने

Chief Editor

नारायणपुर।महिला बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार, नीति आयोग युनिसेफ और स्वर्ण भारत की ओर से ‘‘ कुपोषण मुक्त भारत एवं विश्व‘‘ 2020 के वेबिनार संगोष्ठी का आयोजन 20 सितम्बर 2020 को किया गया। इस दौरान कुपोषण मुक्त भारत की कल्पना को साकार करने के उद्देश्य से चलाये जा रहे कार्यक्रम  पोषण माह मंे कुपोषण निवारण हेतु किये जा रहे कार्यो के लिए देश-विदेश से प्रबुद्ध जनो को डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम राष्ट्रीय पुरस्कार 2020 को सम्मनित किया गया। बीते रविवार को आयेजित अंतराष्ट्रीय वेबिनार संगोष्ठी मे यूएई, इजिश्ट, नाइजिरिया, तंजानिया, सिंगापुर , यूके, यूएसए, सोमालिया, धाना, दुबई और सिरिया, लेबिनान सहित 50 देशों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम मे 23 देशो के विषेशज्ञों ने हिस्सा लिया इन विषेशज्ञों ने कुपोषण की समस्या बचाव, संतुलित एवं पौष्टिक भोजन की महत्व पर विस्तृत चर्चा की।व्हाट्सएप ग्रुप से जुडने के लिए यहां क्लिक करें

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स्वर्ण भारत अभियान के संस्थापक श्री पीयूश पंडित ने सभी से कुपोषण मुक्त भारत बनाने के लिए जागरूकता फैलाने का आग्रह किया।कार्यक्रम में डॉ. रत्ना नशीने अधिष्ठाता, कृषि महाविद्यालय एवं  अनुसंधान केन्द्र, नारायणपुर को डॉ. ए.पी. जे अब्दुल कलाम राष्ट्रीय पुरूस्कार 2020 से सम्मानित किया गया। डॉ. रत्ना नशीने द्वारा लगातार कुपोषण दूर करने पर लगातार कार्य किया जा रहा ह।ै उनके द्वारा पोषण वाटिका लगाने के साथ महिलाओं को सुपोषण, संतुलित भोजन, पोषक तत्वों की जानकारी दी। डॉ. नशीने द्वारा विभिन्न ग्रामों में महिलाओं को पौष्टिक रेसिपी की विधियॉ प्रायोगिक रूप से बतायी जा रही है।

वर्तमान में नारायणपुर में विभिन्न प्रकार के पोषण ज्ञान, सांप सीढ़ी के खेल बनाये गये तथा कॉलेज के छात्र व छात्राओं और स्कुल के छात्रों पर इन खेल के माध्यम से पोषण विज्ञान की जानकारी दी। पोषण खेलों बच्चों में पोषण ज्ञान की वृद्धि पर शोध कार्य किया तथा इस कार्य पर शोधपत्र तैयार कर 2019 में राष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रस्तुत किया था। जिसमें उनके शोध पत्र को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ था। डॉ. रत्ना नशीने द्वारा पूर्व में बस्तर जगदलपुर रहते हुए मीड डे मील पर कार्य किया था, जिसकी प्रस्तुति तत्कालीन कलेक्टर द्वारा सिविल सर्विस दिवस पर दी गयी थी। जिसको तत्कालीन प्रधानमंत्री द्वारा सराहया गया था। इस कार्य हेतु डॉ. रत्ना नशीने को अध्यक्ष छत्तीसगढ़ योजना आयोग, सेक्रटरी मंत्रालय महिला बाल विकास छत्तीसगढ़ शासन तथा तत्कालीन मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ द्वारा सराहनीय पत्र प्राप्त हुआ था।

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