बिलासपुर। कोटा विधायक डॉक्टर रेणु जोगी का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की जाति के संबंध में एक साजिश के तहत मामला उठाया जा रहा है । इस मामले में अब तक कई बार कमेटियों के फैसले आ चुके हैं और कोर्ट ने भी निर्णय किया है । उन्होंने उम्मीद जताई की इस बार भी सच सत्य की जीत होगी ।
बिलासपुर में एक बातचीत के दौरान जब अजीत जोगी की जाति के संबंध में हाई पावर कमेटी के फैसले से संबंधित सवाल पूछा गया तो डॉक्टर रेणु जोगी ने कहा कि जब से अजीत जोगी शासकीय सेवा छोड़कर राजनीति में आए हैं । जब से वह राज्यसभा सदस्य बने हैं तभी से जाति का प्रकरण सामने आया है । उन्होंने 19 साल शासकीय सेवा की तब एक बार भी यह मुद्दा नहीं उठाया गया । डॉक्टर रेणु जोगी बताती है कि जब उनकी शादी हुई तब उसी समय अजीत जोगी प्रथम कलेक्टर के रूप में सीधी जिले में पदस्थ हुए थे । उस समय भी इस तरह की कोई जानकारी नहीं थी कि उनकी जाति का मुद्दा कभी इस तरह उठेगा ।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अजीत जोगी आदिवासी समाज से हैं । लेकिन उन्होंने इंजीनियरिंग या आईएएस की परीक्षा में कभी अपने आदिवासी होने का लाभ नहीं लिया । इसकी वजह यह रही कि एक तो उस समय आदिवासियों के आरक्षण का लाभ लेने का चलन नहीं था और अजीत जोगी को अपनी योग्यता पर विश्वास था । संकोचवश भी उन्होंने इसका लाभ नहीं लिया । बल्कि उनके अन्य सभी भाई – बहनों ने आरक्षण का लाभ लिया । यह पूछे जाने पर कि अब आगे किस तरह का कदम उठाएंगे….. इस पर डॉक्टर रेणु जोगी ने कहा कि पहले भी कई बार कमेटियों का निर्णय आ चुका है और कोर्ट का भी फैसला आया है । अभी तक जो जानकारी है कि 1987 से इस तरह के मामले चल रहे हैं और हर बार अजीत जोगी के पक्ष में फैसला आया है । अब भी विश्वास है कि सत्य सामने आएगा और इसे लेकर जो दिग्भ्रमित करने की कोशिश हो रही है, वह नाकाम होगी । उन्होंने यह भी बताया जब हाई पावर कमेटी के सामने अजीत जोगी अपना पक्ष रखने गए थे उस समय डॉ.रेणु जोगी भी रायपुर में ही थीं। उन्होंने बताया था कि कमेटी की ओर से कहा गया है कि उनके जवाब में जो भी शक आशंका होगी तो उन्हें दोबारा बुलाकर पूछा जाएगा । लेकिन उन्हें दोबारा बुलाने का वक्त नहीं मिला और इस तरह का निर्णय सामने आ गया ।