ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रीकरण को सरल बनाने सरकार ले सकती है अहम फैसला..CM भूपेश बघेल शनिवार को लेंगे परिवहन विभाग की मीटिंग

Shri Mi
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रायपुर।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शनिवार को दो महत्वपूर्ण बैठके लेंगे।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मुख्य आतिथ्य में एक जून को अरण्य भवन, अटल नगर रायपुर में छत्तीसगढ़ के परिवहन विभाग की बैठक आयोजित होगी। बैठक की अध्यक्षता परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर करेेंगे।बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल परिवहन विभाग को जन आकांक्षाओं के अनुरूप आम नागरिकों को सुविधायुक्त एवं सुरक्षित यातायात व्यवस्था उपलब्ध कराने के साथ-साथ ड्रायविंग लायसेंस एवं रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था को सुगम एवं सरलीकरण करने हेतु आधुनिक जन केन्द्रित सेवाओं की स्थापना करने, ओव्हरलोडिंग के कारण लोक संपत्ति एवं पर्यावरण प्रदूषण के नुकसान को रोकने, बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं से हो रही जन-धन की हानि की रोकथाम हेतु प्रभावी कार्ययोजना पर चर्चा भी करेंगे। बैठक में केन्द्र तथा राज्य द्वारा पोषित विभिन्न संचालित योजनाओं के साथ अर्जित राजस्व की समीक्षा की जाएगी। उल्लेखनीय है कि परिवहन विभाग राज्य शासन के राजस्व अर्जित करने वाले विभागों में एक प्रमुख विभाग है।सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप्प ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करे

इसके अलावा शनिवार को ही अरण्य भवन भवन में छत्तीसगढ़ के वन मंडलाधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक लेंगे। अविभाजित एवं छत्तीसगढ़ राज्य के इतिहास में यह पहला अवसर है, जब प्रदेश के मुखिया द्वारा विशेष रूप से सिर्फ वन विभाग के वन मंडलाधिकारियों की समीक्षा बैठक लेकर कार्यों की समीक्षा की जाएगी। बैठक में वन मंत्री मोहम्मद अकबर भी उपस्थित रहेंगे।

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उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य का 44.2 प्रतिशत क्षेत्र वनों से अच्छादित है। आदिवासी बहुल राज्य की लगभग 98 प्रतिशत आदिम जातियों की आबादी वनों एवं इसके आसपास निवासरत है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में नये सरकार द्वारा वनवासियों के हित में अनेक ऐतिहासिक निर्णय लिए गए हैं। तेन्दूपत्ता का संग्रहण दर ढाई हजार से बढ़ाकर चार हजार रूपए प्रति मानक बोरा किया गया है। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर क्रय किए जाने वाले वनोपजों की संख्या 7 से बढ़ाकर 15 की गई है। नरवा, गरूवा, घुरवा, बारी योजना के क्रियान्वयन के लिए भी वन विभाग को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है।

बैठक में नदी तटरोपण और वनोपज आधारित उद्योगों की स्थापना, हरियर छत्तीसगढ़, हरियाली प्रसार योजना, आगामी वर्षा ऋतु में पौधरोपण जैसे कार्यों की समीक्षा भी की जाएगी। इसके अलावा वनों में अग्नि सुरक्षा हेतु सेटेलाइट आधारित मॉनिटरिंग तकनीक, 7887 संयुक्त वन प्रबंधन समितियों के माध्यम से किए जा रहे ग्राम विकास के कार्यों पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा।मुख्यमंत्री द्वारा वन विभाग की विशेष रूप से समीक्षा करना तथा वन सम्पदा को बढ़ावा देने के लिए समय दिया जाना इस बात को इंगित करता है कि छत्तीसगढ़ राज्य की आधी आबादी जो अपनी आजीविका के लिए प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से वनों पर निर्भर है, के विकास के लिए मुख्यमंत्री द्वारा सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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