बिलासपुर—आरटीओ वाहन चेकिंग के दौरान लकड़ी से भरे ट्रक ड्रायवर ने बीच सड़क में ट्रक खड़ाकर जमकर उत्पात मचाया। आरटीओ कर्मचारियों को को बगल झांकने को मजबूर कर दिया। फजीहत होते देख आरटीओ कर्मचारियों को ट्रक छोड़ना पड़ा। इस बीच किलोमीटरों तक सड़क पर गाड़ियों की लम्बी लाइन लग गयी। सड़क जाम होने से यातायात व्यवस्था भी प्रभावित हुआ। ट्रक हटने के बाद किसी तरह जाम को खत्म किया गया।
बिलासपुर-रतनपुर मार्ग पर मोहतराई मोड़ पर आरटीओ अधिकारियों को ट्रक चालक ने हाथ पांव फूला दिया। दरअसल आरटीओ अधिकारी वाहनों की चेकिंग कर रहे थे। इसी क्रम में आरटीओ ने लकड़ी से भरे एक ट्रक को रोका। ड़ायवर ने आरटीओ के सामने दस्तावेज पेश किया। जांच पड़ताल के बाद आरटीओ कर्मचारी ने ट्रक ड्रायवर से रूपये की मांग की। लेकिन ड़ायवर ने रुपये देने से इंकार कर दिया। नोकझोंक के बीच उसने बीच सड़क में ट्रक खड़ा कर दिया। उसने जिला बड़े अधिकारियो को बुलाने की मांग की।
देखते ही देखते ही सड़क पर किलोमीटरों लम्बा जाम लग गया। ट्रक ड्रायवर की हरकत से आरटीओ कर्मचारी काफी घबरा गए। ड्रायवर से बिना पैसा दिए ट्रक को चलता किया…तब कही जाकर मामला शांत हुआ। जानकारी के अनुसार ड्रायवर ने आरटीओ के सामने लकड़ी संबंधी दस्तावेज और ड्रायविंग लायसेंस भी दिया। बावजूद इसके आरटीओ कर्मचारी ने ट्रक छोड़ने से इंकार कर दिया। कर्मचारियों ने ड्रायवर से रूपये देने के बाद ही ट्रक छोड़ने को कहा। पैसे को लेकर विवाद इतना बढ गया कि ड्रायवर ने ट्रक को बीच सड़क में खड़ा कर बड़े अधिकारियों को बुलाने की मांग करने लगा। देखते ही देखते ट्रक पीछे एक के बाद छोटी और बड़ी गाड़ियां रूक गयी। इसमें बस भी शामिल थी। देखते ही देखते लम्बा जाम लग गया। जाम कि स्थिति से अधिकारियों के हाथ पांव फूलने लगे। अंत में कर्मचारियों ने ट्रक को किसी तरह चलता किया।
मुझे इस बात जानकारी नहीं
घटनाक्रम पर आरटीओ देवेन्द्र केशरवानी ने बताया कि मुझे इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि मोहतराई मोड़ पर क्या कुछ हुआ। देवेन्द्र ने बताया कि सब कुछ ठीक होने के बाद किसी को वेवजह कोई परेशान नहीं कर सकता है। बावजूद इसके यदि ऐसा कुछ हुआ है तो इस बात की जानकारी अपने कर्मचारियों से लेंगे। जरूरत पड़ी तो कार्रवाई भी करेंगे।